यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम के वार्षिक शिखर सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले, मौजूदा वक्‍त में भारत और चीन के लिए किसी समझ तक पहुंचना जरूरी

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यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम (US-India Strategic Partnership Forum, USISPF) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने कहा है कि भारत और चीन के रिश्ते दुनिया के लिए बेहद अहम हैं। ऐसे में दोनों देशों के लिए जरूरी है कि वे किसी समझ या संतुलन पर पहुंचे। दुनिया के दूसरे देशों की तरह भारत भी चीन की तरक्‍की से बखूबी वाकिफ है। पड़ोसी होने के नाते भारत भी सीधे इससे प्रभावित हुआ है लेकिन भारत की प्रगति भी उल्‍लेखनीय है।

विदेश मंत्री ने चीन का उभार भारत के साथ उसके रिश्तों पर पड़े प्रभाव से संबंधित सवालों के जवाब दे रहे थे। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच चार महीने से चल रहे सीमा विवाद पर उन्‍होंने कहा कि इसका असर व्यापार और निवेश समेत सभी रिश्तों पर पड़ा है। विदेश मंत्री ने अपनी किताब का हवाला देते हुए कहा कि जाहिर है कि यदि आप पड़ोसी हैं तो आप उस उभार से सीधे प्रभावित होंगे जो मैंने अपनी किताब में कहा है।

विदेश मंत्री का यह बयान ऐसे वक्‍त में सामने आया है जब पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच तनातनी बनी हुई है। उन्‍होंने कहा कि यदि आप बीते 30 साल को देखें तो भारत की उन्नति भी वैश्विक कहानी है। यदि आपके पास दो देश हैं दो समाज हैं जिनकी आबादी अरबों में हैं। इतिहास है, संस्कृति है तो यह अहम है कि उनके बीच किसी तरह की समझ या संतुलन बने है।

चीन और पाकिस्‍तान के संबंधों के बारे में पूछे जाने पर उन्‍होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ चीन का संबंध (China Pakistan Relations) 60 के दशक की शुरुआत तक जा रहे हैं। इसके कई पहलू हमारे लिए पहले भी चिंता का विषय रहे हैं। अमेरिका के साथ भारत के संबंधों के बारे में विदेश मंत्री ने कहा कि व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, रक्षा और सुरक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों संबंधों में मजबूती आई है।