मध्य प्रदेश उप चुनाव के लिए कांग्रेस की दूसरी सूची में भी बाहरी नेताओं के नाम आने के आसार

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मध्‍य प्रदेश के 27 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने पहली बार बिना किसी शोर-शराबे के 15 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी। सूत्रों ने बताया कि अब बाकी 12 उम्‍मीदवारों के चयन पर मंथन चल रहा है। दूसरी पार्टी से आए कुछ और नेताओं को ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से मौका दिए जाने की संभावना है। कुछ सीटों पर पार्टी अपने पुराने नेता या उनके पारिवारिक सदस्यों को भी चुनाव मैदान में उतार सकती है।

सूत्रों ने बताया कि प्रत्याशियों की दूसरी सूची के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के 18-19 सितंबर को ग्वालियर दौरे के बाद आने की संभावना है। मध्‍य प्रदेश कांग्रेस में पहला मौका है जब बिना हंगामें के प्रत्याशियों की सूची जारी हो गई। इस सूची पर न प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर विरोध-प्रदर्शन के नारे सुनाई दिए, न ही जिलों में विरोध देखने को मिला है।

अब पार्टी के सामने 12 बची हुई सीटों जौरा, सुमावली, मुरैना, मेहगांव, ग्वालियर पूर्व, पोहरी, मुंगावली, सुरखी, बदनावर, मांधाता, सुवासरा और बड़ा मलहरा पर प्रत्याशियों के नामों को तय करना है। मांधाता विधानसभा सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव और उनके धुर विरोधी राजनारायण पुरनी के नाम चर्चा में हैं। कांग्रेस के सामने सबसे ज्यादा कश्मकश ग्वालियर पूर्व सीट को लेकर है। यहां मुख्य रूप से सतीश सिकरवार, राकेश चौहान, संत कृपाल सिंह, देवेंद्र शर्मा की दावेदारी बताई जा रही है।

सतीश सिकरवार को कांग्रेस ने हाल ही में पार्टी की सदस्यता दिलाई है। उनके चचेरे भाई की दावेदारी भी दूसरी विधानसभा सीट से है। ऐसे में एक ही परिवार से दो लोगों को उपचुनाव में टिकट मिलने की संभावना कम है। बदनावर में धार के गौतम या बुंदेला के परिवारों के साथ स्थानीय व्यक्ति की मांग पर आशीषष धाकड़ और ध्रुवनारायण सिंह के नाम चर्चा में हैं। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस जो दूसरी सूची लाएगी उसमें भी बाहरी नेताओं को मौका दिया जाएगा।

इन बाहरी नेताओं में सुमावली से बहुजन समाज पार्टी से आए अजय सिंह कुशवाह या बलवीर सिंह डंडौतिया में से किसी एक को टिकट मिलना तय है। वहीं ग्वालियर से सतीश सिकरवार तो मेहगांव से संभावित प्रत्याशियों में शामिल भाजपा के पूर्व नेता चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी को टिकट दिए जाने की चर्चा है। हालांकि ग्वालियर-मेहगांव दोनों सीटों पर बाहरी नेताओं के लिए टिकट आसान भी दिखाई नहीं दे रहा है।

राकेश सिंह चतुर्वेदी के विरोध में कांग्रेस के कई दिग्गज नेता भी हैं जिन्होंने अपने विरोधी रहे स्व सत्यदेव कटारे के परिवार से उनकी पत्नी या बेटे पूर्व विधायक हेमंत कटारे का नाम आगे कर दिया है। सुरखी में भी दूसरी पार्टी के नेता राजेंद्र सिंह मोकनपुर का नाम चला लेकिन कुछ समय से उन पर स्थानीय नेता नरेश जैन, अरणोदय चौबे, प्रभु सिंह ठाकुर एवं कमलेश साहू भारी साबित हुए हैं।

कांग्रेस विधायक बनवारी लाल शर्मा के निधन से रिक्त हुई विधानसभा सीट पर उपचुनाव में कांग्रेस के सामने मानवेंद्र गांधी और पंकज उपाध्याय जैसे नाम हैं। गांधी कांग्रेस में हाल ही में आए सतीश सिकरवार के चचेरे भाई हैं। पंकज पूर्व मंत्री जीतू पटवारी के विश्वस्त बताए जाते हैं। यहां कांग्रेस के खिलाफ भाजपा के पास बिकाऊ का नारा नहीं है। मप्र कांग्रेस मीडिया विभाग के भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि बाकी बची हुई विधानसभा सीटों के सर्वे के कार्य पूर्ण हो चुके हैं। उन पर विचार-विमर्श चल रहा है। शीघ्र ही प्रत्याशियों का एलान कर दिया जाएगा।