दिल्ली में दिवाली के बाद घटा दी कोरोना की जांच तो संक्रमित हुए कम, तो 14 फीसदी मौतें बढ़ीं

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दिल्ली में कोरोना वायरस का सबसे घातक रूप देखने को मिल रहा है। बीते 10 महीने में सबसे ज्यादा गंभीर परिणाम भी अब दिखाई देने लगे हैं। स्थिति यह है कि दिवाली से 10 दिन पहले और बाद की तुलना करें तो कम जांच होने से ही संक्रमित मरीज कम हुए हैं, जबकि मौत के आंकड़े मेें 14 फीसदी बढ़ोतरी हो चली है। यह स्थिति तब है जब पिछले सप्ताह केंद्र सरकार ने बैठक के दौरान दिल्ली में दोगुनी जांच करने का आदेश दिया था।

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, दिवाली से 10 दिन पहले 816 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन उसके बाद से अब तक 993 मरीज जान गंवा चुके हैं। इस हिसाब से देखें तो मौतों में 14 फीसदी का इजाफा हुआ है। वहीं, संक्रमण की बात करें तो दिवाली से पहले कुल 72,074 मरीज मिले थे, जिनकी संख्या बाद के 9 दिन में 52,147 रही। हालांकि मामले कम होने का कारण यह है कि इस दौरान सवा लाख कम जांच की गई हैं। इसके चलते संक्रमण दर में एक फीसदी का भी अंतर नहीं रहा है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इसका बड़ा कारण त्योहारों के दौरान बाजारों में उमड़ी भीड़ रही है। अपोलो अस्पताल के डॉक्टर प्रवीण कुमार बताते हैं कि एक बड़ी आबादी कई महीनों से घरों से बाहर नहीं निकल रही थी। वर्क फ्रॉम होम के चलते ऑफिस का काम भी घर से ही किया जा रहा था। त्योहार के दौरान ये सभी बाजारों में गए। इससे कई लोग संक्रमित भी हो गए। इनसे यह संक्रमण घर के हाई रिस्क वाले लोगों (पुरानी बीमारी से पीड़ित) तक पहुंच गया। इस समय अस्पतालों में जो मरीज आ रहे हैं, उनमें 80 फीसदी से ज्यादा ऐसे ही मरीज हैं, जिन्हें पहले से बीमारी थी। इनमें से कई मरीजों को सीधा वेंटिलेटर पर रखना पड़ रहा है। इससे मौतों की संख्या बढ़ रही है। जो आबादी बाहर निकली उसको ज्यादा प्रभाव नहीं पढ़ा, लेकिन उनके घर में जो बुजुर्ग लोग थे, वह वायरस की चपेट में आ गए।

राजीव गांधी सुपर स्पेशलिएटी अस्पताल के कोविड नोडल अधिकारी डॉक्टर अजीत जैन बताते हैं कि अस्पताल में आ रहे कई मरीज मोटापे और शुगर की बीमारी से पीड़ित हैं। ऐसे मरीजों में कोविड का संक्रमण गंभीर रूप ले रहा है। एम्स ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टर राजेश का कहना है कि दिवाली के बाद के 10 दिन में गंभीर मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। इस समय अस्पताल के आईसीयू बेड भरे हैं।
लगातार बढ़ाए जा रहे हैं आईसीयू बेड। 

स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आईसीयू बेड की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसके साथ ही होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे हाई रिस्क वाले सभी मरीजों की विशेष निगरानी की जा रही है। मेडिकल टीमें नियमित तौर पर ऐसे मरीजों के घरों का निरीक्षण कर रही हैं। विशेषज्ञ डॉक्टर फोन के माध्यम से लगातार इन मरीजों के संपर्क में हैं। केंद्र के आदेश अनुसार आरटी-पीसीआर जांच भी बढ़ रही हैं। पिछले कई दिन से रोज औसतन 50 फीसदी जांच इस प्रणाली से की जा रही है।

यह रही स्थिति
दिवाली से 10 दिन पहले के आंकड़े
संक्रमितों की संख्या – 72,074
मृतकों की संख्या – 816
जांच – 5,50,100
संक्रमण दर – 13.09 फीसदी
दिवाली के दस दिन बाद के आंकड़े
संक्रमितों की संख्या – 52,147
मृतकों की संख्या – 993
जांच – 4,24,800
संक्रमण दर -12.30 फीसदी
राजधानी के विभिन्न अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए बेड की स्थिति
कुल बेड – 18,130
इलाज के लिए उपलब्ध – 8440
वेंटिलेटर बेड – 1414
खाली – 162
आईसीयू बेड – 3190
खाली – 814