दिल्ली दंगों की साजिश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला उमर खालिद हिंसा से पहले सीएए के विरोध में हुए सभी धरना स्थलों पर गया था। कुछ जगहों पर वह कई बार गया था। उमर खालिद की मोबाइल कॉल डिटेल व गवाहों से पूछताछ में यह खुलासा हुआ है। खालिद ने इंडिया अंगेस्ट हेट के प्रभारी व दिल्ली दंगों में गिरफ्तार खालिद सैफी से मोबाइल पर कई बार बातचीत भी की है। इसके अलावा खालिद की किसी से बातचीत नहीं है। हालांकि दंगों में भूमिका व धरनास्थलों पर भाषण देने का खालिद का ऑडियो-वीडिया पुलिस के पास नहीं है। दिल्ली में जब दंगे शुरू हुए तो वह बिहार स्थित अपने घर चला गया था।
दिल्ली दंगों को लेकर खजूरी खास थाने में दर्ज एफआईआर नंबर-101 में आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के घर से पेट्रोल बम फेंके गए थे और गोलीबारी की गई थी। अपराध शाखा की एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है। एसआईटी की पूछताछ में ताहिर हुसैन ने खुलासा किया था कि दंगों से पहले खालिद सैफी ने जामिया नगर स्थित पीएफआई कार्यालय में उमर खालिद से उसकी मुलाकात कराई थी। अपराध शाखा ने रविवार तक खालिद को रिमांड पर ले रखा है। पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि बैठक में उमर खालिद कुछ बड़ा करने की तैयारी करने को कहा था। यह भी कहा था कि पैसे की कमी आएगी तो देखा जाएगा। इसी बैठक में दंगों की साजिश रची गई थी।
हालांकि उमर खालिद का अब पूछताछ में ताहिर हुसैन को पहचानने से इनकार कर रहा है। कई व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ने की बात पर उमर खालिद का कहना है कि उसे पता नहीं किस ग्रुप में उसे किसने जोड़ा। वह किसी को नहीं जानता। दूसरी तरफ उमर खालिद की अमरावती, महाराष्ट्र में दिए गए भाषण की जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल था, वह सही है। फोरेंसिक जांच में ये बात साबित हुई है कि वीडियो उमर खालिद की है। आवाज भी उसी की है। इस भाषण के बाद ही से ही देश का माहौल खराब होने लगा था। इसके अलावा उमर खालिद, खालिद सैफी के साथ राजस्थान में भाषण देने गया था। वहां उसने कई जगह भाषण दिए थे।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल व अपराध शाखा के पुलिस अधिकारियों ने दावा किया है कि उमर खालिद ने बहुत ही सोची-समझी साजिश के तहत दिल्ली दंगों की साजिश रची थी। उसने साजिश रचने में इस तरह की भूमिका निभाई कि उसके खिलाफ कोई सबूत सामने नहीं आ पाए। वह दिल्ली दंगों की साजिश रचने व किसी का मैसेज देने में एहतियात बरतता था। अगर इसको कोई मैसेज देना होता था तो वह सीधा नहीं देता था। उमर खालिद जेएनयू के छात्र शरजील इमाम को भी जानने से इनकार किया है, जबकि शरजीत को उमर खालिद का शिष्य कहा जाता है। उमर खालिद की सिर्फ खालिद सैफी से ही मोबाइल पर बातचीत है।
स्पेशल सेल व अपराध शाखा की जांच में ये बात सामने आई है कि उमर खालिद के बैंक खाते में दिल्ली दंगों के दौरान न तो कोई पैसा आया और न ही बैंक खाते से पैसा निकाला गया। खालिद द्वारा किसी को पैसे देने का भी इलेक्ट्रॉनिक व किसी तरह के सबूत नहीं है। दिल्ली पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि दिल्ली दंगों की साजिश रचने वालों से उसने कहा था कि दंगे जल्द ही शुरू होने वाले हैं और जैसे ही दंगे शुरू हो जाए तो सब बाहर निकल लेना।