जालंधर में कोरोना वैक्सीन ड्राई रन की तैयारियों में दिखी खामिया, शुक्रवार को 33 में से चार सेंटरों पर ड्राई रन हुई, स्टाफ की सुस्ती बनी बाधा

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कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए भले ही जालंधर में सेहत विभाग ने तैयारियां पूरी कर ली। 33 सेंटर बना लिए। कर्मचारी तैनात कर दिए और हर स्तर पर मानिटरिंग भी की जा रही है लेकिन इन सब तैयारियों की पोल पहली ही ड्राई रन में खुल गई। शुक्रवार को 33 में से चार सेंटरों पर यह ड्राई रन हुई। इन चारों में 25-25 लोगों को ही वैक्सीन लगाने की माक ड्रिल की जानी थी लेकिन स्टाफ ने इसकी गंभीरता को नहीं समझा। उनकी सुस्ती व सिर्फ अधिकारियों को खुश करने की चाहत ने खामियों की लंबी फेहरिस्त तैयार कर दी जिसका जवाब देने से सब बचते नजर आए। अधिकतर स्टाफ ने मास्क नहीं पहना तो कईयों ने उसे गले पर लटकाकर रखा। दो गज की दूरी की भी खूब धज्जियां उड़ी। और तो और सिविल सर्जन आफिस के बाहर ही स्टाफ की भीड़ जमा हो गई। एक जगह वार्ड अटेंडेंट गायब मिला।

व्हीलचेयर मांगी गई तो ढूंढने पर भी नहीं मिली। उद्घाटन के चक्कर में डाई रन को भी पौना घंटा देरी से शुरू किया। शुक्र है, ये सारी खामियां ड्राई रन में ही सामने आ गई। अगर वैक्सीन आने पर ऐसी कुव्यवस्था सामने आती तो लोगों समेत सेहत विभाग पर भारी पड़ सकती थी। सिविल सर्जन डा. बलवंत सिंह से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने खामियों को गंभीरता से लेने की बात कही। दावा किया कि इसकी मानिटरिंग कर जवाब मांगा जाएगा और सौ फीसद सुधार किया जाएगा।

शुक्रवार सुबह 9.30 बजे ड्राई रन शुरू होना था लेकिन तब तक सेहत विभाग के सफाई कर्मी दरवाजे व दीवारों की सफाई करने और कुर्सियां लगाने में जुटे थे। पौना घंटा देरी से ड्राई रन शुरू हुआ। सिविल अस्पताल के टीबी यूनिट में बनाए गए सेंटर में इसका उद्घाटन सिविल सर्जन व मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डा. परमिंदर कौर ने किया। उनके साथ सिविल अस्पताल और सिविल सर्जन के तकरीबन सभी अधिकारी बिना नियमों का पालन करते दिखे।

सीएचसी बस्ती गुजा, जमशेर औ एसजीएल अस्पताल में अनुशासन की पालना हुई लेकिन नेटवर्किंग की खराबी का आलम बरकार रहा। जागरूक करने के लिए बैनर पोस्टर व रंगोली भी बनाई गई। लोग रंगोली व वैक्सीन पोस्टरों व बैनरों के साथ सेल्फियां लेते दिखे।

कोरोना वैक्सीन ड्राई रन के उद्घाटन के बाद सेंटर में अधिकारियों व मुलाजिमों की भीड़ जमा हो गई। सेंटर में एक-एक व्यक्ति को वैक्सीन देने के लिए अंदर भेजना था। इसके लिए पुलिस कर्मी की भी तैनाती की गई थी। सेंटर में प्रवेश करने, पंजीकरण करवाने, वैक्सीन लगवाने के बाद आधे घंटे के लिए व्यक्ति को निगरानी में रखने की प्रक्रिया के दौरान आपस में दो मीटर की दूरी करने की नीतियों की पूरी तरह से दरकिनार किया गया। कुछ लोगों ने मास्क नहीं पहना था। उनको टोका भी नहीं गया। सेंटर के बाहर वेङ्क्षटग हाल में कुर्सियां खाली थी। वैक्सीन करवाने के बाद व्यक्ति आधा घंटा भी वेटिंग हाल में इंतजार नहीं कर सके।

डाक्टरों व विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम ने वैक्सीन के बाद व्यक्ति को साइड इफेक्ट होने को लेकर माक ड्रिल की। सिविल अस्पताल के एंस्थीसिया माहिर डा. पियुष खन्ना को वैक्सीन लगाने के बाद शरीर पर खारिश, घबराहट और मन मचलने जैसे लक्षण सामने आए। इस दौरान मौके पर तुरंत डाक्टर और नर्सिंग स्टाफ पहुंचा। उनका ब्लड प्रेशर, आक्सीजन सेप्यूरेशन जांची और उन्हें प्राथमिकी सहायता दी। मरीज को एंबुलेंस में शिफ्ट करने के लिए व्हीलचेयर मांगी तो वह नहीं मिली। उसे लाने वाला दर्जा चार कर्मी भी गायब मिला। अफरा-तफरी मच गई। मौके पर डाक्टर व स्टाफ खुद ही स्ट्रेचर लेकर पहुंचे और खुद ही मरीज को उस पर डाल एंबुलेंस तक ले गए। इस सारी घटना के दौरान वार्ड अटेंडेंट नहीं मिल पाया। मरीज को स्ट्रेचर पर डाल उसे बेल्ट नहीं लगाई और तेजी से ले जाते समय मरीज नीचे गिर सकता था।

ड्राइ रन के दौरान नैटवर्क की समस्या खासी आड़े आई। इंटरनेट की धीमी स्पीड के चलते साइट डाटा अपलोड करने में पांच से दस मिनट का समय ले रही थी। कई जगह पर कुछ समय के लिए कामकाज प्रभावित भी हुआ।  वैक्सीन लगवाने के लिए वीरवार रात तक सभी को पंजीकृत मोबाइल पर मैसेज आने थे। कुछ लोगों को मैसेज सुबह पहुंचे और कई लोगों को इस बार की जानकारी भी नही थी। कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद भी मैसेज नहीं आया। बारी का खासा इंतजार करना पड़ा।

जालंधर में सिविल अस्पताल, सीएचसी बस्ती गुजा व जमशेर खास और एसजीएल अस्पताल में ड्राई रन करवाया गया था। इस दौरान जो खामियां सामने आई है उन्हें दूर किया जाएगा । नेटवर्क व साइट की समस्या को लेकर विभाग को सूचित किया जाएगा। खामियों को दूर करने के लिए पांच सदस्यों की कमेटी बनाई गई है जो इन्हें दूर करने के विषय पर काम करेगी।