कोरोना से जारी जंग के बीच, अब स्पेन पर मच्छर जनित ‘वेस्ट नील वायरस’ का हमला, चार लोगों की हुई मौत

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दुनिया अभी कोरोना वायरस से लड़ रही है। अभी तक इस वायरस की कोई वैक्सीन तैयार नहीं हो पाई है। वहीं, स्पेन के दो प्रांतों में मच्छर जनित वायरस से चार लोगों की मौत हो गई है। इस वायरस का नाम वेस्ट नील वायरस बताया गया है और इससे सेविला में तीन लोगों की मौत हुई है। ये स्पेन के दक्षिणी प्रांत अंडालुसिया में आया अब तक का सबसे खराब प्रकोप है। 

सोमवार को काडिज प्रांत में वेस्ट नील वायरस से एक महिला की मौत हुई। काडिज में इस वायरस से हुई यह पहली मौत थी। यहां एक 87 वर्षीय बुजुर्ग महिला की वेस्ट नील वायरस से मौत हुई है। स्थानीय स्वास्थ्य प्रमुख ने कहा कि वर्तमान में काडिज में इस वायरस के पांच पुष्ट मामले हैं। जिसमें से तीन लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। 

सेविला सप्ताहांत तक वेस्ट नील वायरस के प्रकोप का केंद्र बिंदु रहा और वर्तमान में पुष्टि किए गए मामलों की संख्या 24 पर है। यहां इस वायरस से तीन लोगों की मौत हुई है, जिसमें दो 70 और 77 वर्ष के बुजुर्ग व्यक्ति और एक 85 वर्षीय बुजुर्ग महिला शामिल है। 

सेविला में तीसरी मौत की पुष्टि के कुछ ही दिन बाद विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि वायरस छुट्टी मनाने के लिए यहां पहुंचने वाले ब्रिटिश नागरिकों के लिए एक स्वास्थ्य खतरा साबित हो सकता है। संक्रामक बीमारियों के विशेषज्ञ पाब्लो बैरेरियो ने बताया कि अभी तक केवल दो से पांच फीसदी मामलों में लक्षण दिखाई दिए हैं। इस बीमारी पर आसानी से किसी का ध्यान नहीं जाता है। बैरेरियो ने यह दावा किया कि वायरस भविष्य में स्पेन में फैल सकता है, विशेष रूप से गर्मी के महीनों में। उन्होंने कहा कि मच्छर से बचाने वाली क्रीम का नियमित उपयोग रोकथाम से बचने का सबसे प्रभावी उपाय है। 

क्यूलेक्स मच्छर से फैलने वाला वेस्ट नील वायरस सबसे पहले साल 2004 में स्पेन पहुंचा था। उस दौरान इस वायरस से सबसे ज्यादा घोड़े प्रभावित हुए थे। वर्तमान प्रकोप स्पेन के दक्षिणी अंडालुसिया क्षेत्र में सबसे खराब है, जिसमें कोस्टा डेल सोल जैसे लोकप्रिय ब्रिटिश अवकाश क्षेत्र शामिल हैं और लगभग 90 लाख निवासियों के साथ देश का सबसे अधिक आबादी वाला क्षेत्र है।