किसान आंदोलन के वजह से दिल्ली-एनसीआर में करीब 30 लाख लीटर दूध की कमी, किसान ले सकते है दूध के सप्लाई पर बड़ा फैसला

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किसान आंदोलन को दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर 22 दिन हो चुके हैं. अगर मामूली असर को छोड़ दें तो दिल्ली-एनसीआर में होने वाली दूध और सब्ज़ियों की सप्लाई पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा है. लेकिन क्या आने वाले एक-दो दिन में दूध की सप्लाई पर बड़ा फैसला लिया जा सकता है? यह सवाल दिल्ली-एनसीआर समेत वेस्ट यूपी और हरियाणा में दूध कारोबारियों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. चर्चा यह भी है कि गांवों में प्लांट पर 100 और 200 लीटर दूध देने वाले छोटे-छोटे दूधिए किसानों के समर्थन में जनसंपर्क कर रहे हैं. 

डेयरी कारोबारी निर्वेश शर्मा की मानें तो यूपी में मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़, अलीगढ़, मथुरा, आगरा, हरियाणा में पलवल, रोहतक, पानीपत से दूध के बड़े-बड़े टैंकर सुबह-शाम दिल्ली में दूध लेकर जाते हैं. कई बड़ी नामचीन डेयरियों में दूध की सप्लाई देने के साथ ही कुछ छोटी-छोटी गाड़ियों वाले और टंकी वाले भी दिल्ली में दूध लेकर आते हैं. बामुशकिल 2 से 4% ही दूध के टैंकर पंजाब से आते हैं.

दूध कारोबार से जुड़े जानकारों की मानें तो लॉकडाउन के बाद से दिल्ली को हर रोज़ 70 से 80 लाख लीटर दूध की जरूरत होती है. लेकिन किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली की दूध सप्लाई करीब 30 लाख लीटर कम हो गई है. जिसकी बड़ी वजह है छोटे-छोटे दूध कारोबारियों का अपनी गाड़ी लेकर दिल्ली में न आना. वैसे तो ट्रेन के रास्ते दिल्ली में मध्य प्रदेश और गुजरात से भी दूध आता है. साथ ही हरियाणा और यूपी दिल्ली-एनसीआर को दूध की सप्लाई करते हैं. हरियाणा-यूपी से बड़ी दूध कंपनियों संग छोटे कारोबारी भी दूध की स्पलाई करते हैं.