किसानों पर हमले का मामला पहुंचा पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट, हरियाणा व दिल्ली के डीजीपी और एनएचएआई को नोटिस जारी

705

तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान उन पर हमला करने और नेशनल हाईवे को खोदने का मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, हरियाणा व दिल्ली के डीजीपी और एनएचएआई को नोटिस जारी कर जवाब तलब कर लिया है।

याचिका दाखिल करते हुए एडवोकेट रविंदर सिंह बस्सी ने बताया कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में 32 किसान संगठनों के आह्वान पर किसान दिल्ली की ओर कूच कर रहे थे। केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार ने किसानों को रोकने का भरसक प्रयास किया और किसानों पर आंसू गैस व वाटर कैनन से हमला तक किया। किसान किसी तरह दिल्ली की सीमा तक पहुंचने में कामयाब रहे तो वहां पर पुलिस ने हाईवे खोद दिया जिसके चलते 70 दिन तक किसानों को वहां कैंप लगाना पड़ा।

इस दौरान देश का पेट भरने वाले 165 किसानों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इसके साथ ही दिल्ली की ओर से भी किसानों को रोकने का भरसक प्रयास किया गया। सीमा पर नेशनल हाईवे खोदा गया, बैरिकेड लगाए गए और यहां तक स्टील की कीलें तक किसानों को रोकने के लिए इस्तेमाल की गई। 

याची ने कहा कि नेशनल हाईवे एक्ट के सेक्शन 1(8-बी) के अनुसार ऐसा करना दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। याची ने हाईकोर्ट से अपील की कि दिल्ली के डीजीपी को आदेश दिया जाए कि वह हाईवे से सभी बाधाओं को हटाकर इसे चालू करवाएं। साथ ही किसानों पर इस तरह की कार्रवाई और एनएच पर खुदाई के मामले की न्यायिक जांच हाईकोर्ट के वर्तमान या रिटायर्ड जज से करवाई जाए। हाईकोर्ट ने अब इस मामले में सभी पक्षों से जवाब तलब कर लिया है।