कांग्रेस के आरोपों पर फेसबुक का जवाब- हम निष्पक्ष, घृणा को हम करते हैं खारिज

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भारत (India) की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में कथित तौर पर दखल देने से जुड़े विवाद में घिरे फेसबुक (Facebook) ने कांग्रेस पार्टी से कहा है कि वह एक निष्पक्ष मंच है और सभी तरह की घृणा एवं कट्टरता को खारिज करता है. फेसबुक ने कहा कि वह एक ऐसे मंच के तौर बने रहने का प्रयास करता है जहां लोग खुलकर अपनी भावनाएं प्रकट कर सकें. कांग्रेस ने अपनी ओर से उठाई गई चिंताओं के जवाब में आए Facebook के पत्र को जारी किया है. फेसबुक के जवाबी पत्र पर एक सितंबर की तारीख है.

फेसबुक के निदेशक (पब्लिक पॉलिसी, ट्रस्ट एंड सेफ्टी) नील पॉट्स ने इस पत्र में कहा है कि सोशल मीडिया कंपनी ने कांग्रेस की ओर से लगाए गए भेदभाव के आरोपों को गंभीरता लिया है और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वह निष्पक्ष बना रहे और उच्चतम स्तर की ईमानदारी को बनाए रखने को वह प्रतिबद्ध है. कांग्रेस ने फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि इस सोशल मीडिया कंपनी की भारतीय शाखा भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया और सामाजिक तानेबाने में दखल दे रही है और नफरत भरे भाषण के नियमों के संदर्भ में सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्यों के प्रति इसका नरम रुख है.

फेसबुक पर बीजेपी के साथ निकटता का लगाया था आरोप

पार्टी ने अमेरिकी अखबार ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ और पत्रिका ‘टाइम’ की खबरों का हवाला देते हुए जुकरबर्ग को पत्र लिखा था. इन दोनों प्रकाशनों ने अपनी खबरों में फेसबुक पर पक्षपात और भाजपा के साथ निकटता का दावा किया था. कांग्रेस फेसबुक के मुद्दे को पिछले कुछ हफ्तों से लगातार उठा रही है और भाजपा पर हमले बोल रही है.
रविशंकर प्रसाद ने भी लिखा था पत्र

उधर, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी जुकरबर्ग को तीन पृष्ठों का पत्र लिखकर कहा कि फेसबुक के कर्मचारी चुनावों में लगातार हार का सामना करने वाले लोगों और प्रधानमंत्री और वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों को कथित ‘‘अपशब्द’’ कहने वालों का समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि फेसबुक इंडिया टीम में बैठे लोग पक्षपात के मामलों की शिकायत के बावजूद कोई जवाब नहीं देते.