इस कोरोना काल के बावजूद भी नहीं थामेगा गोरखपुर महोत्सव, केवल स्थानीय कलाकार लेंगे भाग

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स्थानीय कलाकारों के लिए खुशखबरी है। कोरोना काल के बावजूद इस बार भी गोरखपुर महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। लेकिन, यह आयोजन केवल स्थानीय कलाकारों और यहां के शिल्पकारों की कला को बढ़ावा देने के लिए ही आयोजित किया जाएगा। हालांकि प्रशासन ने महोत्सव न कराने का निर्णय लिया था लेकिन गोरखपुर दौरे पर आए मुख्यमंत्री ने कोरोना से बचाव के लिए जरूरी प्रोटोकाल का पालन करते हुए यह आयोजन कराने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद से ही प्रशासन इसकी तैयारियों में जुट गया है।

पिछले कुछ वर्षों से गोरखपुर महोत्सव का आयोजन होता आ रहा है। महंत योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद इसे और विस्तार दिया गया। कोरोना संक्रमण के कारण इस बार लगभग तय हो चुका था कि यह आयोजन नहीं कराया जाएगा लेकिन मुख्यमंत्री ने स्थानीय कलाकारों के लिए इसे आयोजित करने को कहा है। गोरखपुर महोत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर इसकी तैयारियों को लेकर संबंधित विभागों की बैठक भी करने वाले हैं। हर साल जहां यह आयोजन 11, 12 व 13 जनवरी को तीन दिनों के लिए होता था, वहीं इस साल केवल दो दिनों के लिए ही आयोजन कराया जाएगा। आयोजन पुरानी तिथियों पर ही हो सकता है। इसमें बालीवुड से किसी कलाकार को बुलाने की संभावना न के बराबर है।

गोरखपुर महोत्सव इस बार केवल एक जगह आयोजित न होकर अलग-अलग स्थानों पर आयोजित होगा ताकि भीड़ न हो। इसके लिए मुक्ताकाशी मंच, नवनिर्मित प्रेक्षागृह व अन्य स्थानों को विकल्प के रूप में चुना जा रहा है। स्थानीय कलाकारों के साथ स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी भी आयोजित हो सकती है। बच्चों के कार्यक्रम भी कराने की तैयारी है। कोरोना से बचाव के लिए कई कार्यक्रम वर्चुअल भी किए जा सकते हैं। जल्द ही आयोजन की विस्तृत रूपरेखा तैयार कर ली जाएगी और तैयारियों के लिए समितियों का गठन कर दिया जाएगा।

स्थानीय कलाकारों के लिए गोरखपुर महोत्सव का आयोजन कराने का निर्देश दिया गया है। इसको लेकर तैयारी की जा रही है। कोरोना से बचाव के लिए जरूरी प्रोटोकाल का पालन करते हुए यह आयोजन कराया जाएगा।