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दिल्ली में सीआरपीएफ स्कूल के पास धमाका: त्योहारी सीजन में सुरक्षा पर सवाल, टेरर एंगल की जांच जारी

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दिल्ली में सीआरपीएफ स्कूल के पास धमाका: त्योहारी सीजन में सुरक्षा पर सवाल, टेरर एंगल की जांच जारी

दिवाली से पहले दिल्ली के रोहिणी जिले के प्रशांत विहार इलाके में स्थित सीआरपीएफ स्कूल के पास एक तेज धमाका हुआ, जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई। धमाके के बाद चारों ओर धुएं का गुबार छा गया और स्थानीय लोग डर से सहम गए। इस घटना को त्योहार के पहले होने के कारण सुरक्षा के लिहाज से बेहद गंभीर माना जा रहा है और इसे टेरर एंगल से जोड़कर देखा जा रहा है। पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां मामले की गहराई से जांच कर रही हैं।

धमाके की जानकारी और प्रारंभिक जांच

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, बम निरोधक दस्ते और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की टीमें मौके पर पहुंचीं। रोहिणी जिला पुलिस उपायुक्त अमित गोयल ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए एक्सपर्ट्स को बुलाया गया है ताकि धमाके के कारणों का पता लगाया जा सके। पुलिस सूत्रों के अनुसार, स्कूल की दीवार के पास सफेद पाउडर मिला है, जो अमोनियम नाइट्रेट और पोटैशियम का मिश्रण हो सकता है। यह मिश्रण एक क्रूड बम का हिस्सा था, जिसमें छह तरह के केमिकल इस्तेमाल किए गए थे। इस घटना में टेरर एंगल से इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन विशेषज्ञ टीम ही पूरी स्थिति की स्पष्ट जानकारी दे पाएगी।

दमकल विभाग के मुताबिक, उन्हें सुबह करीब 7:50 बजे धमाके की सूचना मिली थी। दमकल की दो गाड़ियां मौके पर तुरंत पहुंचीं और स्थिति को काबू में किया गया। पुलिस ने धमाके के बाद सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया है और आसपास के इलाके में सतर्कता बढ़ा दी गई है।

एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत मामला दर्ज

प्रशांत विहार पुलिस ने इस धमाके के मामले में एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि फिलहाल जांच जारी है और जांच के बाद ही धमाके के सही कारणों का खुलासा किया जा सकेगा। गृह मंत्रालय ने भी दिल्ली पुलिस से इस धमाके की पूरी रिपोर्ट मांगी है। धमाके की प्रकृति के बारे में फिलहाल कोई सटीक जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन इसे संभावित आतंकवादी साजिश के तहत देखा जा रहा है।

प्रत्यक्षदर्शियों का बयान

धमाका जिस समय हुआ, उस वक्त पास की लव पूरी वाली दुकान पर करीब 25 लोग मौजूद थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि धमाके के बाद सफेद धुआं करीब 20 मिनट तक उठता रहा। पास के घर में रहने वाले अजय और उनकी बेटी तनुष्का ने बताया कि धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि उन्हें पहले लगा कि टायर फटा है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक धमाका इतना जोरदार था कि आसपास की इमारतें भी हिल गईं, लेकिन गनीमत रही कि कोई भी व्यक्ति हताहत नहीं हुआ।

सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल डेटा की जांच

पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां इस घटना की जांच में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। आसपास के इलाके के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है ताकि धमाके के समय किसी संदिग्ध गतिविधि का पता लगाया जा सके। इसके अलावा, धमाके से पहले और बाद के 12 घंटे यानी रात 9 बजे से सुबह 9 बजे तक के मोबाइल कॉल डेटा को भी जांचा जा रहा है।

पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि धमाके के समय और उससे पहले किसने कॉल की और क्या कोई संदिग्ध कॉल या गतिविधि इस इलाके में हुई थी। पुलिस के मुताबिक, यह जांच इस दिशा में हो रही है कि कहीं इस धमाके के पीछे किसी साजिशकर्ता का हाथ तो नहीं है।

एनएसजी और एनआईए की जांच

इस धमाके के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की बम डिस्पोजल टीम और नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) की टीमें भी सक्रिय हो गई हैं। एनएसजी की टीम ने मौके से कई बारीक कणों को इकट्ठा किया है, जिससे धमाके में इस्तेमाल किए गए पदार्थों का पता लगाया जा सके। एनआईए भी इस मामले की जांच में जुट गई है और वे यह देखने की कोशिश कर रही हैं कि कहीं यह धमाका किसी बड़े आतंकी हमले की योजना का हिस्सा तो नहीं था।

एनएसजी की टीम ने मौके पर कई तरह की जांच मशीनों का इस्तेमाल किया है, जिससे धमाके की वजहों को समझने की कोशिश की जा रही है। इसके अलावा, एनआईए यह जांच कर रही है कि इस घटना का कोई संबंध अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों से तो नहीं है।

विधायक विजेंद्र गुप्ता का बयान

रोहिणी के विधायक विजेंद्र गुप्ता भी इस घटना के बाद मौके पर पहुंचे और उन्होंने इसे एक साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि यह धमाका साधारण घटना नहीं हो सकती और इसकी पीछे कोई बड़ी साजिश हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि जांच एजेंसियां इस मामले में सक्रिय हैं और धमाके के कारणों का पता लगाने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही हैं।

सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता

त्योहारी सीजन में यह धमाका दिल्ली की सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। दिवाली जैसे बड़े त्योहार से पहले इस तरह की घटना से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां अब पूरे इलाके में कड़ी निगरानी रख रही हैं। त्योहार के दौरान सुरक्षा को और कड़ा करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

टेरर एंगल की जांच

हालांकि इस धमाके में अब तक कोई हताहत नहीं हुआ है, लेकिन इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां इस घटना को टेरर एंगल से भी जोड़कर देख रही हैं। धमाके के तरीके और इसमें इस्तेमाल किए गए केमिकल्स को देखते हुए यह अंदेशा जताया जा रहा है कि यह एक क्रूड बम हो सकता है, जिसे किसी आतंकवादी संगठन ने तैयार किया हो।

इससे पहले भी दिल्ली में कई बार आतंकी हमलों की साजिशें नाकाम की गई हैं, और इस घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियां किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरत रही हैं। एनएसजी और एनआईए की टीमें मौके पर जांच कर रही हैं और धमाके के पीछे की साजिश का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं।

आम जनता में डर का माहौल

इस घटना के बाद प्रशांत विहार और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोग डरे हुए हैं। त्योहार के पहले हुए इस धमाके ने लोगों के मन में सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोग इस घटना के बाद से सतर्क हो गए हैं और सुरक्षा एजेंसियों से जल्द से जल्द मामले की तह तक पहुंचने की मांग कर रहे हैं।

दिल्ली के रोहिणी जिले में सीआरपीएफ स्कूल के पास हुए इस धमाके ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। धमाके के पीछे टेरर एंगल की जांच की जा रही है और विशेषज्ञ टीमें घटनास्थल पर सबूत जुटाने में लगी हैं। पुलिस, एनएसजी, एनआईए और अन्य जांच एजेंसियां इस मामले को गंभीरता से ले रही हैं और त्योहारों के दौरान किसी भी तरह की सुरक्षा चूक से बचने के लिए सख्त कदम उठा रही हैं।

फिलहाल इस धमाके में कोई हताहत नहीं हुआ है, लेकिन इसे भविष्य में होने वाले किसी बड़े हमले की योजना का हिस्सा भी माना जा सकता है। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों की जिम्मेदारी बढ़ गई है कि वे इस मामले की पूरी जांच करें और दोषियों को पकड़कर मामले का खुलासा करें।

आने वाले दिनों में जांच के नतीजों से ही पता चलेगा कि इस धमाके के पीछे क्या साजिश थी और इसका असली मकसद क्या था। तब तक के लिए, सुरक्षा एजेंसियां और पुलिस पूरी सतर्कता बरत रही हैं ताकि दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा बनी रहे।

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