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प्रदूषण बढ़ने पर हरियाणा में 5वीं तक के स्कूल बंद, ऑनलाइन कक्षाएं शुरू

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प्रदूषण बढ़ने पर हरियाणा में 5वीं तक के स्कूल बंद, ऑनलाइन कक्षाएं शुरू

हरियाणा में बढ़ते प्रदूषण के चलते राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। नायब सरकार ने 5वीं कक्षा तक के सभी स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करने का आदेश जारी किया है। यह निर्णय छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। सरकार ने स्कूल शिक्षा निदेशालय को सभी जिला उपायुक्तों को इस संबंध में निर्देश जारी करने का आदेश दिया है, ताकि छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

 

 

ऑनलाइन कक्षाएं होंगी संचालित

सरकार ने प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए स्कूलों में कक्षा 5वीं तक की पढ़ाई को ऑनलाइन करने का निर्णय लिया है। उपायुक्तों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने जिलों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) की मौजूदा स्थिति का आकलन करें और छात्रों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएं। इससे प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था को जारी रखने का प्रयास किया जा रहा है।

 

भिवानी सबसे प्रदूषित, स्मॉग की चादर में लिपटे शहर

हरियाणा के विभिन्न शहर इस समय स्मॉग की चपेट में हैं। भिवानी शहर प्रदेश का सबसे प्रदूषित शहर बना हुआ है, जहां AQI की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। पिछले कुछ दिनों से यहां लगातार स्मॉग की परत छाई हुई है, जिससे लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है। दिल्ली की तर्ज पर हरियाणा के अन्य शहरों में भी प्रदूषण के स्तर में वृद्धि देखी जा रही है।

 

प्रदूषण के आंकड़े और प्रभावित शहर

हरियाणा के अन्य प्रमुख शहरों जैसे बहादुरगढ़, सोनीपत, जींद, रोहतक, कैथल, करनाल, और गुरुग्राम का AQI स्तर भी 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच चुका है। इन शहरों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो चुकी है।

 

एक्यूआई स्तर (AQI):

  • बहादुरगढ़: 320
  • सोनीपत: 310
  • जींद: 300
  • रोहतक: 305
  • कैथल: 295
  • गुरुग्राम: 290

इसके अलावा, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद, सिरसा, पानीपत, और हिसार जैसे शहरों में भी स्मॉग की स्थिति गंभीर बनी हुई है। यहां यलो अलर्ट जारी किया गया है, जिससे लोगों को सावधान रहने और जरूरी एहतियात बरतने की सलाह दी गई है।

 

दिल्ली में भी बढ़ा प्रदूषण, स्कूल बंद

दिल्ली-एनसीआर में भी प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। दिल्ली सरकार ने भी हरियाणा की तरह ही प्राथमिक स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री आतिशी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के चलते प्राथमिक विद्यालय अगले आदेश तक ऑनलाइन मोड में संचालित किए जाएंगे।

 

दिल्ली का एक्यूआई (AQI):

  • दिल्ली: 396 (बहुत खराब)

दिल्ली के अलावा, नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम जैसे इलाकों में भी वायु गुणवत्ता बेहद खराब हो चुकी है। स्कूलों को बंद करने का यह कदम छात्रों की सुरक्षा के लिए उठाया गया है।

 

स्कूल बंदी का कारण: बढ़ता एयर पॉल्यूशन

हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का मुख्य कारण बढ़ती स्मॉग की स्थिति है। वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर से बच्चों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है। विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने से बच्चों को सांस से जुड़ी समस्याएं, अस्थमा और अन्य श्वसन रोग हो सकते हैं।

 

उपाय और सलाह

  • मास्क पहनें: प्रदूषण के चलते बाहर जाते समय मास्क पहनने की सलाह दी जा रही है।
  • घर पर रहें: खासकर बच्चे, बुजुर्ग और सांस की समस्या से जूझ रहे लोग बाहर जाने से बचें।
  • एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें: घर के अंदर हवा की गुणवत्ता बेहतर रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।
  • पानी का सेवन बढ़ाएं: शरीर में हाइड्रेशन बनाए रखने के लिए अधिक पानी पिएं।
  • भोजन में हरी सब्जियों का सेवन करें: इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए हरी सब्जियों और फलों का सेवन बढ़ाएं।

 

सरकार के कदम

राज्य सरकार प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए विभिन्न उपायों पर विचार कर रही है। स्मॉग की स्थिति को देखते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रदूषण को कम करने के लिए जलने वाले कचरे पर सख्त कार्रवाई करें और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर नियंत्रण रखें।

 

प्रदूषण कम करने के प्रयास

हरियाणा सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं:

  • पराली जलाने पर प्रतिबंध: सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे पराली न जलाएं, क्योंकि इससे हवा में प्रदूषण बढ़ता है।
  • जलने वाले कचरे पर रोक: सार्वजनिक स्थानों पर कचरे को जलाने पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है।
  • वाहनों पर नियंत्रण: प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की जांच की जा रही है और आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
  • ग्रीन बेल्ट का विकास: शहरों में ग्रीन बेल्ट का विकास किया जा रहा है ताकि प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके।
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हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते सरकार को कठोर कदम उठाने पड़े हैं। स्कूलों को बंद कर ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करना एक ऐसा कदम है जो छात्रों की सेहत को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। प्रदूषण की स्थिति में सुधार लाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर काम करना होगा और लंबे समय के लिए स्थायी समाधान ढूंढ़ने होंगे।

इस समय छात्रों और अभिभावकों को सावधानी बरतने की जरूरत है और सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना चाहिए। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हर किसी को अपने स्तर पर योगदान देना होगा ताकि आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण मिल सके।

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