लखनऊ, शनिवार 24 अगस्त - लखनऊ कम्युनिकेशन सोसाइटी द्वारा आयोजित हास्य नाटक “मिस अहलूवालिया” ने दर्शकों को हंसी से लोटपोट कर दिया। दबीर सिद्दीकी के निर्देशन में प्रस्तुत इस नाटक का मंचन गोमती नगर स्थित संगीत नाटक अकादमी, उत्तर प्रदेश की वाल्मीकि रंगशाला में हुआ। इस नाटक का आयोजन संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली के सहयोग से किया गया था, जो शहर की सक्रिय सांस्कृतिक गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
नाटक की कहानी हॉस्टल में रहने वाले दो युवकों की प्रेम कथा पर आधारित है, जो दो युवतियों के साथ प्यार में पड़ जाते हैं। जैसे ही बात विवाह तक पहुंचती है, दोनों युवतियां शर्त रखती हैं कि युवक जल्द से जल्द अपने अभिभावकों को उनके माता-पिता से मिलवाएं और इस रिश्ते के लिए उनकी सहमति प्राप्त करें। इसके चलते, युवक अपने अभिभावकों को दिखाने के लिए एक योजना बनाते हैं, लेकिन जब असली अभिभावक मिलने में असफल होते हैं, तो वे अपने एक दोस्त को ही “मिस अहलूवालिया” बनाकर प्रस्तुत करते हैं। यह हास्यजनक परिस्थिति नाटक का मुख्य आकर्षण बन जाती है, जहां झूठ और मज़ाक के बीच हास्य की झलकियों ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया।
प्रस्तुति के दौरान कलाकारों ने अपने किरदारों को बेहद प्रभावशाली ढंग से निभाया। समीर की भूमिका में संकल्प भारती ने जबरदस्त अभिनय किया, जबकि प्यारेलाल के किरदार में सनुज प्रजापति ने अपनी कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों को खूब हंसाया। पटला पाशा की भूमिका में शशांक पांडेय और शैल के किरदार में रुचि रावत ने भी शानदार प्रदर्शन किया। अनामिका सिंह ने मीना के किरदार को जीवंत किया, जबकि विपिन प्रताप राव ने जीवन का किरदार प्रभावशाली ढंग से निभाया। रोहित श्रीवास्तव ने भावतरण का किरदार निभाया और अंशुल पाल ने विवाह अधिकारी और दुर्योधन के रूप में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। सबसे ज्यादा तालियां प्रियंका को मिलीं, जिन्होंने विशाललक्ष्मी अहलूवालिया का किरदार निभाया।
दर्शकों ने नाटक के हर हिस्से का भरपूर आनंद लिया, खासकर जब कहानी में हास्यजनक मोड़ आता है और “मिस अहलूवालिया” की सच्चाई सामने आती है। दबीर सिद्दीकी के निर्देशन में कलाकारों की टीम ने दर्शकों को हंसाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। रहमान ने कार्यशाला निर्देशक की भूमिका निभाई, जबकि निशू त्यागी कार्यशाला की निर्देशिका रहीं। राजू की प्रकाश परिकल्पना, दानिश की मंच सज्जा, एम अभिषेक की मुख्य सज्जा, धीरेन्द्र कुमार के नाट्य संगीत, और अनामिका सिंह की वेशभूषा सभी ने नाटक को न केवल प्रामाणिकता प्रदान की, बल्कि इसे और भी मनोरंजक बना दिया।
प्रस्तुति के अंत में, नाटक के निर्देशक दबीर सिद्दीकी ने इस सफल आयोजन के लिए संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश का आभार व्यक्त किया और दर्शकों का धन्यवाद किया, जिन्होंने इस प्रस्तुति को भरपूर सराहा। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार की सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ समाज को जोड़ने का काम करती हैं और लखनऊ की सांस्कृतिक धरोहर को मजबूत बनाती हैं।
समापन में - इस तरह “मिस अहलूवालिया” नाटक ने अपने हास्य, अद्वितीय कहानी और कलाकारों के प्रभावशाली अभिनय से न केवल दर्शकों का दिल जीता, बल्कि उन्हें एक यादगार शाम भी दी। लखनऊ कम्युनिकेशन सोसाइटी द्वारा प्रस्तुत यह नाटक आने वाले समय में भी चर्चा का विषय बना रहेगा।