Current Updates :
BHN News Logo

तिरुपति प्रसाद विवाद पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की चिंता, देशभर में मचा राजनीतिक बवाल

  • 0
  • 104
तिरुपति प्रसाद विवाद पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की चिंता, देशभर में मचा राजनीतिक बवाल

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट के आरोपों के बाद देशभर में राजनीतिक हलचल मच गई है। नायडू ने विपक्षी सरकार के कार्यकाल के दौरान मंदिर के प्रसाद में मिलावट की बात कही, जिससे हिंदू श्रद्धालुओं में गहरी चिंता फैल गई है। इस विवाद के बाद तिरुपति मंदिर के अलावा देश के अन्य प्रमुख मंदिरों के प्रसाद की शुद्धता पर भी सवाल उठने लगे हैं।

इसी बीच, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी इस विवाद पर अपनी चिंता जाहिर की। वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय देशी गायों की नस्ल संरक्षण संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में उन्होंने बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया। इस मौके पर उन्होंने तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट की खबरों को गंभीरता से लेते हुए कहा कि इससे हिंदू धर्म की आस्था पर आघात पहुंचता है।

श्रद्धा में मिलावट पर चिंता:
पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि प्रसाद को लेकर हिंदू धर्म में जो गहरी श्रद्धा होती है, मिलावट की खबरें उस श्रद्धा को शंका में बदल सकती हैं। उन्होंने कहा कि प्रसाद का शुद्ध होना न केवल धार्मिक महत्व का विषय है, बल्कि यह हिंदू धर्म के मूल्यों और संस्कारों का भी हिस्सा है। उन्होंने प्रसाद में मिलावट को "अपवित्र" करार दिया और कहा कि हिंदू शास्त्रों में इसे पाप कहा गया है।

काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद लेने पर आई तिरुपति की याद:
पूर्व राष्ट्रपति ने बताया कि जब वह वाराणसी में थे, तब उन्हें काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद प्राप्त हुआ। उन्होंने प्रसाद को ग्रहण करते ही तिरुपति मंदिर के विवाद की याद आ गई। कोविंद ने कहा, "यह सिर्फ मेरे मन की बात नहीं है, बल्कि आप सभी भी यह सोचते होंगे कि बाबा श्री काशी विश्वनाथ का प्रसाद कितना शुद्ध होता है। मिलावट की आशंका से श्रद्धा को ठेस पहुंचती है, और यह न केवल तिरुमला बल्कि किसी भी मंदिर के लिए चिंता का विषय है।"

चंद्रबाबू नायडू के बयान से देशभर में उठा विवाद:
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए विपक्षी सरकार के कार्यकाल के दौरान तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि प्रसाद में इस्तेमाल किए गए घी में फिश ऑयल और चर्बी जैसे अशुद्ध पदार्थ मिले हुए थे। यह बयान सामने आते ही देशभर के प्रमुख मंदिरों और तीर्थस्थलों के प्रसाद की शुद्धता पर सवाल उठने लगे हैं।

नायडू के इस बयान के बाद देशभर के श्रद्धालुओं में गुस्सा और चिंता देखी जा रही है। कई लोगों ने प्रमुख मंदिरों के प्रसाद की जांच की मांग की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जो प्रसाद भक्तों को दिया जा रहा है, वह पूरी तरह से शुद्ध और पवित्र है।

काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद शुद्ध घोषित:
चंद्रबाबू नायडू के बयान के बाद देश के कई बड़े मंदिरों में प्रसाद की शुद्धता की जांच की गई। वाराणसी स्थित बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों को मिलने वाले प्रसाद का भी लैब टेस्ट करवाया गया। अधिकारियों ने जांच के बाद पुष्टि की कि काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रसाद में किसी भी प्रकार की मिलावट नहीं पाई गई है। यह पूरी तरह शुद्ध है और भक्तों की आस्था के अनुरूप है।

धार्मिक आस्थाओं पर मिलावट का असर:
इस घटना के बाद, देशभर के श्रद्धालु मिलावट के इस मुद्दे को लेकर जागरूक हो गए हैं। न केवल तिरुपति मंदिर बल्कि देश के अन्य प्रमुख मंदिरों के प्रसाद की शुद्धता पर भी सवाल उठने लगे हैं। धार्मिक स्थलों पर प्रसाद की शुद्धता को सुनिश्चित करने के लिए सरकार और प्रशासन को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों की श्रद्धा बनी रहे और उन्हें पवित्र प्रसाद प्राप्त हो सके।

मिलावट की खबरों से देशभर में जागरूकता की मांग:
इस पूरे विवाद के बाद, आमजन के बीच मंदिरों और धार्मिक स्थलों के प्रसाद की शुद्धता को लेकर जागरूकता फैलाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने भी कहा कि मिलावट जैसी घटनाओं को गंभीरता से लेना चाहिए और इस दिशा में सभी को मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रसाद में मिलावट की घटनाओं पर रोक लगाना बेहद जरूरी है, ताकि श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस न पहुंचे।

इस विवाद से यह साफ है कि धार्मिक आस्थाओं के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ समाज में गहरी चिंता और असंतोष पैदा कर सकता है। ऐसे में सरकार और संबंधित मंदिर प्रबंधन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रसाद शुद्ध और पवित्र रहे, ताकि भक्तों की श्रद्धा कायम रह सके। तिरुपति प्रसाद में मिलावट के आरोपों ने न केवल तिरुपति मंदिर बल्कि अन्य बड़े मंदिरों के प्रसाद की शुद्धता पर भी सवाल उठाए हैं। इस मामले ने पूरे देश की धार्मिक आस्थाओं को प्रभावित किया है, और अब इस दिशा में सख्त कदम उठाने की जरूरत है।

Prev Post राहुल गांधी के आरक्षण बयान पर बीजेपी का दिल्ली में जोरदार विरोध, इस्तीफे की मांग
Next Post Bigg Boss 18 News: पहली बार वर्चुअल एआई इन्फ्लुएंसर नैना अवतार की एंट्री ने मचाई हलचल
Related Posts
Commnets ( 0 )
Leave A Comment