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उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप: सहायक निदेशक पर गंभीर सवाल उठाए - दबीर सिद्दीकी

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उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप: सहायक निदेशक पर गंभीर सवाल उठाए - दबीर सिद्दीकी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगे हैं। प्रसिद्ध समाजसेवी, रंगकर्मी और थिएटर एंड फिल्म वेल्फेयर एसोसिएशन के सचिव दबीर सिद्दीकी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए सहायक निदेशक डॉ. राजेश अहिरवार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।

सिद्दीकी ने कहा कि संस्कृति विभाग का मुख्य उद्देश्य राज्य और देश की सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण और प्रोत्साहन है। लेकिन, कुछ विभागीय अधिकारियों ने निजी लाभ के लिए इस उद्देश्य से समझौता किया है। सिद्दीकी का आरोप है कि डॉ. राजेश अहिरवार, जो विभाग के सहायक निदेशक के रूप में कार्यरत हैं, ने विभागीय नियमों का उल्लंघन करते हुए प्रायोजित कार्यक्रमों में प्रवेश शुल्क और व्यावसायिक सहयोग की अनुमति दी। यह सहयोग उन कार्यक्रमों को दिया गया जो व्यावसायिक रूप से संचालित होते थे और जिनमें प्रवेश शुल्क लिया गया था, जो कि विभागीय नीतियों के खिलाफ है।

सिद्दीकी ने विशेष रूप से रेपटवार और हिंदुस्तान हस्तशिल्प महोत्सव का उल्लेख किया, जिनमें नियमों के विपरीत सहयोग प्रदान किया गया। उन्होंने दावा किया कि सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम, 2005 के तहत प्राप्त दस्तावेजों से यह खुलासा हुआ कि इन कार्यक्रमों को विभागीय नियमों के खिलाफ समर्थन मिला। डॉ. अहिरवार के पत्र संख्या 415 दिनांक 30/05/2024 के अनुसार, इन कार्यक्रमों की व्यावसायिकता की जानकारी विभाग के पास नहीं थी। हालांकि, सिद्दीकी का आरोप है कि इसके बावजूद, वर्ष 2024-25 में भी इन नियमों के खिलाफ जाकर सहयोग दिया गया और संगीत नाटक अकादमी के संत गाड़गे सभागार का निःशुल्क उपयोग किया गया।

सिद्दीकी ने यह भी आरोप लगाया कि संस्कृति विभाग के अधीन सभी संस्थानों और अकादमियों में अधिकारी और कर्मचारी अनधिकृत रूप से सरकारी वाहनों और अन्य सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन मामलों में लाखों रुपये का भुगतान विभाग से किया गया है, जो भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की ओर इशारा करता है। सिद्दीकी के अनुसार, यह सब विभाग के नियमों और आदेशों के खिलाफ है, जो अधिकारियों और कर्मचारियों को सरकारी सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति नहीं देते।

दबीर सिद्दीकी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संस्कृति विभाग के उच्च अधिकारियों से इस मामले की गहन जांच की मांग की है। उन्होंने आग्रह किया कि दोषियों से वसूली की जाए और उन्हें कठोर दंड दिया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी अनियमितताएं दोबारा न हों। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार की ईमानदारी पर विश्वास करते हुए, वह आशा करते हैं कि इस मामले में उचित और सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सिद्दीकी ने अंत में कहा कि कला और संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, और इसके साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं होना चाहिए। उन्होंने विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि समाज के सामने एक सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत किया जा सके।

 

 

नोट: यह एक प्रेस विज्ञप्ति है दबीर सिद्दीकी द्वारा। BHN न्यूज़ किसी भी सामग्री या आरोप के लिए जिम्मेदार नहीं होगा।

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