Current Updates :

दिल्ली में ऑटो-टैक्सी चालकों की हड़ताल: जनता को होगी और परेशानी?

  • 0
  • 137
दिल्ली में ऑटो-टैक्सी चालकों की हड़ताल: जनता को होगी और परेशानी?

दिल्ली में ऑटो-टैक्सी चालकों का सख्त रुख अब जनता के लिए बड़ी मुश्किल बनता जा रहा है। गुरुवार से शुरू हुई दो दिवसीय हड़ताल ने दिल्लीवासियों को काफी परेशान कर दिया है। चालकों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं होती, यह हड़ताल जारी रहेगी।

क्या चाहते हैं ऑटो-टैक्सी चालक?

दिल्ली के ऑटो-टैक्सी चालकों का मुख्य गुस्सा कैब एग्रीगेटर कंपनियों जैसे ओला, उबर और रैपिडो पर है। इनका कहना है कि ये कंपनियां सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन्स को नजरअंदाज कर रही हैं और चालकों से भारी कमीशन वसूल रही हैं। इससे चालकों की आमदनी में भारी कमी हो रही है। ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी कांग्रेस यूनियन के अध्यक्ष किशन वर्मा का कहना है कि ये कंपनियां चालकों का शोषण कर रही हैं और इनका धंधा चौपट हो रहा है।

कैसे हो रहा है शोषण?

किशन वर्मा का आरोप है कि कैब एग्रीगेटर कंपनियां बुकिंग के नाम पर चालकों से मोटा कमीशन वसूल रही हैं। खासकर लंबी दूरी की बुकिंग के मामले में, चालकों के पास कमाई का बहुत कम हिस्सा बचता है। इसके अलावा, ऐप-आधारित कैब सेवाओं के कारण स्थानीय ऑटो और टैक्सी चालकों के पास कम ग्राहक आ रहे हैं, जिससे उनका धंधा प्रभावित हो रहा है।

सरकार पर मिलीभगत के आरोप

चालकों का कहना है कि यह सबकुछ दिल्ली के परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस की मिलीभगत से हो रहा है। गुरुवार को जंतर मंतर पर प्रदर्शन करते हुए चालकों ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो यह आंदोलन और भी बड़ा हो सकता है। इस हड़ताल का असर दिल्ली की सड़कों पर दिखने लगा है, जहां एक लाख से ज्यादा ऑटो और चार लाख टैक्सियां प्रभावित हुई हैं।

दिल्ली की जनता की बढ़ेंगी मुश्किलें

इस हड़ताल का सबसे ज्यादा असर दिल्ली के आम लोगों पर पड़ा है। शहर में आवाजाही के लिए लोग ऑटो और टैक्सी पर निर्भर होते हैं, लेकिन अब उन्हें मेट्रो और बसों की भीड़भाड़ से जूझना पड़ रहा है। अगर हड़ताल लंबी खिंचती है, तो यह परेशानी और भी बढ़ सकती है।

सरकार से समाधान की उम्मीद

अब सबकी नजरें दिल्ली सरकार पर हैं कि वह इस संकट का समाधान कैसे निकालती है। ऑटो-टैक्सी चालकों की मांगें और जनता की परेशानियां दोनों ही गंभीर हैं। ऐसे में सरकार को जल्द ही कोई ठोस कदम उठाना होगा, ताकि यह समस्या जल्दी सुलझ सके और दिल्लीवासी राहत की सांस ले सकें।

दिल्ली में ऑटो-टैक्सी चालकों की हड़ताल ने शहर की रफ्तार को धीमा कर दिया है। जहां एक तरफ चालक अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ आम जनता उनकी हड़ताल की वजह से परेशान है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस स्थिति को कैसे संभालती है और क्या कदम उठाती है ताकि सभी को राहत मिल सके।

Prev Post Lucknow में यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा: सुरक्षा और सावधानी के इंतज़ाम
Next Post महाराष्ट्र फिल्म पुरस्कार: सितारों की चमक और सम्मान का समारोह
Related Posts
Commnets ( 0 )
Leave A Comment