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Patna Metro Accident: मेट्रो टनल में मिट्टी धंसने से बड़ा हादसा, दो मजदूरों की मौत, एक की हालत नाजुक

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Patna Metro Accident: मेट्रो टनल में मिट्टी धंसने से बड़ा हादसा, दो मजदूरों की मौत, एक की हालत नाजुक

पटना में दिवाली से पहले हुए एक बड़े हादसे में अशोक राजपथ के पास पटना मेट्रो के निर्माणाधीन टनल में तीन मजदूर फंस गए, जिनमें से दो की मौत हो गई है और एक गंभीर रूप से घायल है। यह हादसा पटना साइंस कॉलेज के पास तब हुआ जब निर्माणाधीन अंडरग्राउंड टनल में लगे लोको मशीन का अचानक ब्रेक फेल हो गया, जिससे मजदूर अंदर फंस गए। मृतकों में से एक की पहचान श्यामबाबू के रूप में हुई है, जो उड़ीसा के रहने वाले थे और लोको पायलट का काम कर रहे थे।

घटना का विवरण

पटना के अशोक राजपथ इलाके में कई महीनों से मेट्रो परियोजना का कार्य जोरों पर है। यह टनल पटना यूनिवर्सिटी से राजेंद्र नगर तक बनाई जा रही है, जिसमें दिन-रात मजदूर काम कर रहे हैं। हादसे की रात टनल में करीब 25 मजदूर काम कर रहे थे। लोको मशीन का ब्रेक फेल होने से तीन मजदूरों के फंसने की खबर मिली। अन्य मजदूर किसी तरह से बाहर निकलने में कामयाब रहे, लेकिन कुछ घायल भी हो गए हैं। इस दुर्घटना के दौरान वहां मौजूद मजदूरों ने बताया कि उन्होंने ही अपने मारे गए साथी की लाश को बाहर निकाला, क्योंकि रात में काम के दौरान कोई वरिष्ठ अधिकारी या इंजीनियर वहां मौजूद नहीं थे।

मृतकों और घायल मजदूरों का हाल

घटना में मृतक श्यामबाबू, जो उड़ीसा के रहने वाले थे, लोको पायलट का कार्य कर रहे थे। उनकी मृत्यु के बाद घटना स्थल पर अन्य मजदूरों और स्थानीय लोगों में आक्रोश देखा गया। घटना के बाद पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीम घटनास्थल पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया गया। घायल मजदूरों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां एक की हालत गंभीर बनी हुई है।

मजदूरों की शिकायतें

घटना के बाद आक्रोशित मजदूरों ने अपने असंतोष को व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि वे रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक लगातार काम करते हैं, लेकिन इस दौरान कोई भी वरिष्ठ अधिकारी उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मौजूद नहीं रहता। मजदूरों का कहना था कि निर्माण कार्य में सुरक्षा के मानकों की अनदेखी की जा रही है। उनकी शिकायत थी कि वे बेहद खतरनाक स्थिति में बिना पर्याप्त सुरक्षा उपायों के काम करने पर मजबूर हैं। उनका कहना था कि ऐसी स्थिति में अगर हादसा होता है, तो उन्हें खुद ही अपनी सुरक्षा करनी होती है।

पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और अन्य संबंधित अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने बताया कि लोको मशीन के ब्रेक फेल होने के कारण यह हादसा हुआ। इस घटना में कुछ मजदूर घायल हो गए, जिनमें से एक की हालत गंभीर है। पुलिस ने दुर्घटना की जांच शुरू कर दी है और परियोजना के जिम्मेदार अधिकारियों से पूछताछ कर रही है। पुलिस के अनुसार, घटनास्थल पर सुरक्षा नियमों की अनदेखी की गई है, और निर्माण कंपनी की लापरवाही के कारण मजदूरों की जान को खतरा हुआ।

मेट्रो परियोजना के तहत निर्माण कार्य

पटना में मेट्रो परियोजना एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसे जल्द से जल्द पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। अशोक राजपथ से लेकर राजेंद्र नगर तक सुरंग का निर्माण हो रहा है, जहां दिन-रात मजदूर काम कर रहे हैं। इस परियोजना का उद्देश्य शहर में यातायात को सुगम बनाना है, लेकिन इस तरह की दुर्घटनाएं परियोजना की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं। मेट्रो परियोजना के अंतर्गत टनल निर्माण कार्य अत्यधिक सावधानी और सुरक्षा के साथ किया जाना चाहिए था, लेकिन हादसे से जुड़े रिपोर्ट्स से पता चलता है कि वहां पर सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध नहीं किए गए थे।

स्थानीय लोगों का आक्रोश

दुर्घटना के बाद स्थानीय लोग भी घटनास्थल पर पहुंच गए और हंगामा किया। उन्होंने निर्माण कंपनी और स्थानीय प्रशासन पर सवाल उठाए कि ऐसी बड़ी परियोजना में सुरक्षा नियमों की अनदेखी क्यों की गई। लोगों ने कहा कि मेट्रो परियोजना का कार्य तेजी से हो रहा है, लेकिन इसमें मजदूरों की सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा जा रहा। लोगों का कहना था कि दिवाली के पर्व से ठीक पहले हुए इस हादसे ने उन्हें हिलाकर रख दिया है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

हादसे के बाद की स्थिति

पुलिस और प्रशासन ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की और मेट्रो परियोजना से जुड़े अन्य अधिकारियों को भी वहां बुलाया गया। घटना के बाद निर्माण कंपनी ने हादसे की जांच करने और भविष्य में सुरक्षा उपायों को मजबूत करने का आश्वासन दिया है।

यह घटना पटना मेट्रो परियोजना की सुरक्षा और प्रबंधन पर गंभीर सवाल उठाती है। मजदूरों की सुरक्षा के मानकों की अनदेखी न केवल उनके जीवन को खतरे में डालती है, बल्कि इस प्रकार की दुर्घटनाओं से परियोजना की समय-सीमा पर भी असर पड़ सकता है। उम्मीद है कि इस हादसे से सीख लेते हुए मेट्रो निर्माण में सुरक्षा के मानकों को और अधिक सख्त बनाया जाएगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

 

 

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