दीपावली का त्यौहार हर किसी के लिए खुशियों का अवसर लेकर आता है। इस बार प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस कनेक्शन धारकों के लिए सरकार ने एक खास उपहार की घोषणा की है। जिले के 1,56,962 उज्ज्वला गैस कनेक्शन धारकों को दीपावली से पहले मुफ्त एलपीजी सिलेंडर भरने का अवसर मिलेगा। सरकार प्रत्येक लाभार्थी को 860 रुपये की राशि सीधे उनके बैंक खाते में भेजेगी, जिससे उन्हें गैस सिलेंडर रिफिल कराने में मदद मिलेगी। यह राशि त्योहार से पहले उनके खाते में पहुंच जाएगी, ताकि वे बिना किसी वित्तीय बाधा के अपने घरों में रसोई गैस भरवा सकें।
योजना का लाभ कैसे मिलेगा?
उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को सरकार द्वारा यह सहायता साल में दो बार, होली और दीपावली के मौके पर दी जाती है। इसके तहत, लाभार्थी पहले अपने स्तर से गैस सिलेंडर की प्रचलित दर के अनुसार भुगतान करेंगे और इसके बाद उनकी सब्सिडी राशि सीधे उनके आधार से जुड़े बैंक खाते में भेज दी जाएगी। इसके लिए लाभार्थियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका आधार कार्ड बैंक खाते से लिंक हो। इस बार भी 14.2 किग्रा का रिफिल सिलेंडर उन्हें प्रदान किया जाएगा, जिसका खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
आधार प्रमाणन की अनिवार्यता
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि केवल आधार प्रमाणित लाभार्थियों को ही योजना का लाभ मिलेगा। वर्तमान में जिले के 1,56,962 लाभार्थियों में से 1,38,882 लाभार्थी आधार प्रमाणित हैं। बाकी के लाभार्थियों का आधार प्रमाणन पूरा होने के बाद उन्हें भी यह सुविधा प्रदान की जाएगी। उज्ज्वला योजना के तहत निश्शुल्क एलपीजी सिलेंडर रिफिल पाने के लिए यह अनिवार्य है कि लाभार्थियों का आधार कार्ड बैंक खाते से लिंक हो।
एलपीजी वितरकों को सूची प्राप्त होगी
जिला पूर्ति अधिकारी दीपक वार्ष्णेय के अनुसार, जिन लाभार्थियों का आधार प्रमाणन नहीं हुआ है, उनकी सूची एलपीजी वितरकों को सौंपी जाएगी। इससे लाभार्थियों को सूचित किया जाएगा और उन्हें अपने आधार का प्रमाणन करवाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अलावा, आयल कंपनियों के अधिकारियों और नोडल अधिकारियों के साथ बैठक कर आधार प्रमाणन की प्रक्रिया को तेज करने की योजना बनाई गई है। इस योजना का उद्देश्य अधिक से अधिक लाभार्थियों को त्योहार के पहले योजना से जोड़ना है।
जागरूकता अभियान और जानकारी
उज्ज्वला योजना के तहत निश्शुल्क सिलेंडर रिफिल के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कई स्तरों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसमें ग्राम पंचायत से लेकर ब्लॉक और जनपद स्तर तक जागरूकता कार्यक्रम शामिल होंगे। इसके अलावा, एलपीजी वितरकों के माध्यम से फ्लैक्स बोर्ड्स लगाए जाएंगे, जिससे लोगों को इस योजना के बारे में जानकारी दी जाएगी। साथ ही, लाभार्थियों को मोबाइल एसएमएस और कॉल के माध्यम से भी सूचित किया जाएगा। इस अभियान के तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सभी पात्र लाभार्थियों तक पहुंचने की योजना है, ताकि कोई भी लाभार्थी इस योजना से वंचित न रह जाए।
मुफ्त एलपीजी सिलेंडर योजना के लाभ
उज्ज्वला योजना के तहत निश्शुल्क एलपीजी सिलेंडर प्राप्त करने के कई फायदे हैं। इस योजना से न केवल गरीब परिवारों को आर्थिक राहत मिलती है, बल्कि उनके स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना से महिलाओं को धुएं से होने वाली बीमारियों से भी निजात मिली है। सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, उज्ज्वला योजना से करोड़ों महिलाओं की जिंदगी में सुधार हुआ है। गैस कनेक्शन मिलने से अब महिलाएं बिना किसी परेशानी के खाना बना रही हैं और साथ ही अपने परिवार के साथ अधिक समय बिता पा रही हैं।
पंजीकरण अनिवार्यता: मत्स्य व्यवसायियों के लिए भी लागू
दूसरी ओर, जिले में मत्स्य पालन करने वाले व्यवसायियों को पंजीकरण कराने की अनिवार्यता का निर्देश दिया गया है। जिले में निजी तालाबों में मत्स्य पालन करने वाले मत्स्य व्यवसायियों को पंजीकरण कराना जरूरी कर दिया गया है। इसके लिए नोडल अधिकारी और जन सेवा केंद्रों के माध्यम से पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मत्स्य विभाग के अनुसार, बिना पंजीकरण प्रमाणपत्र के किसी भी मत्स्य व्यवसायी को योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।
जिले में इस योजना के तहत मत्स्य व्यवसायियों को पंजीकरण के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए हैं, जिनमें नोडल अधिकारी राजेश कुमार गुप्ता को डिस्ट्रिक्ट मैनेजर के रूप में नियुक्त किया गया है। पंजीकरण की प्रक्रिया के दौरान तीन ओटीपी भेजे जाएंगे, जिनका सही सत्यापन कराना अनिवार्य होगा। सभी मत्स्य व्यवसायियों को इस योजना के तहत आने वाले लाभ का फायदा उठाने के लिए समय पर पंजीकरण कराना जरूरी है।
इस प्रकार, उज्ज्वला योजना और मत्स्य व्यवसायियों के पंजीकरण संबंधी यह खबर दोनों ही क्षेत्रों में विकास और सुविधा का विस्तार करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। सरकार की इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य लोगों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाना है, ताकि वे अपने जीवन स्तर को सुधार सकें और आने वाले त्योहारी सीजन में इस सुविधा का लाभ उठा सकें।