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India’s First Vertical Lift Bridge: तमिलनाडु और रामेश्वरम के बीच नई कनेक्टिविटी का इतिहास

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India’s First Vertical Lift Bridge: तमिलनाडु और रामेश्वरम के बीच नई कनेक्टिविटी का इतिहास

भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज, जो तमिलनाडु को पवित्र तीर्थस्थल रामेश्वरम से जोड़ता है, बनकर पूरी तरह तैयार हो गया है। इस आधुनिक तकनीक से सुसज्जित पुल का निर्माण रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) द्वारा किया गया है। कुछ दिनों पहले ही इस पुल पर ट्रेन का ट्रायल सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें ट्रेन 121 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पुल के ऊपर से गुजरी। यह पुल भारत में तकनीकी विकास और बुनियादी ढांचे की बढ़ती क्षमताओं का प्रतीक है, जो लोगों के लिए एक सुरक्षित और तेज़ यात्रा का विकल्प प्रस्तुत करेगा।


क्या है वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज और कैसे काम करता है?

यह भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज है, जिसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसके ऊपर से ट्रेन आसानी से गुजर सके और जब भी समुद्र के नीचे से कोई बड़ा जहाज निकले, तो यह पुल ऑटोमैटिक ऊपर उठ जाए। इसका मतलब है कि रेल यातायात प्रभावित नहीं होगा और जहाजों को भी निर्बाध मार्ग मिलेगा। पहले पंबन पुल, जो इसी स्थान पर था, एक मैनुअल लिफ्टिंग सिस्टम पर आधारित था। नए पुल का यह ऑटोमैटिक लिफ्टिंग सिस्टम इसे अत्याधुनिक और सुविधाजनक बनाता है।


पुल की संरचना और डिजाइन की विशेषताएं

इस नए पंबन रेल पुल में दो लोकोमोटिव और 11 लोडेड वैगनों के साथ लोड डिफ्लेक्शन सिस्टम लगाया गया है, जो इसे मजबूती और स्थिरता प्रदान करता है। इस पुल की संरचना इसे 3-4 मिनट में उठने और नीचे आने में सक्षम बनाती है। इसका मतलब है कि जैसे ही जहाज पुल के करीब आएंगे, यह अपने आप ऊपर उठ जाएगा और ट्रेन का मार्ग साफ होते ही नीचे आ जाएगा। यह ब्रिज भारत के सबसे आधुनिक पुलों में से एक है और अपने प्रकार का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज है।


पुल की नींव और निर्माण का सफर

इस पुल की नींव नवंबर 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखी गई थी। इसके बाद RVNL ने फरवरी 2020 में इस परियोजना पर काम शुरू किया। इस पुल का निर्माण एक चुनौतीपूर्ण कार्य था, जिसमें भारी इंजीनियरिंग, तकनीकी उपकरणों और विशेष निर्माण सामग्री की आवश्यकता थी। पुल का निर्माण 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे देरी का सामना करना पड़ा और अंततः यह 2024 में बनकर तैयार हुआ।


यात्रियों के लिए नए युग का आरंभ

इस वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज के शुरू होने से रामेश्वरम और तमिलनाडु के बीच संपर्क और बेहतर होगा। यह पुल न केवल यात्रियों के लिए तेज़ और सुविधाजनक यात्रा का विकल्प होगा, बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र बनेगा। इसके माध्यम से तीर्थयात्रा के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को आसानी से पहुंच मिल सकेगी और यात्रा का अनुभव पहले से बेहतर और सुरक्षित होगा।

 

पंबन ब्रिज का ऐतिहासिक महत्व

पंबन पुल का ऐतिहासिक महत्व भी है। यह भारत के पहले पुलों में से एक था जो समुद्र के ऊपर बना था। यह पुल रामेश्वरम को तमिलनाडु से जोड़ता है और इसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। पुराने पंबन पुल की तरह यह नया पुल भी रामेश्वरम के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को जोड़ता है और इस क्षेत्र में पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में सहायक होगा।


भारत के विकास में मील का पत्थर

भारत का यह पहला वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज देश के इंफ्रास्ट्रक्चर में एक बड़ी उपलब्धि है। यह परियोजना भारत में तेजी से बढ़ती तकनीकी क्षमता और आधुनिक निर्माण शैली का उदाहरण है। इस पुल के माध्यम से भारत ने यह दिखा दिया है कि हमारे इंजीनियर और तकनीकी विशेषज्ञ किसी भी चुनौती का सामना करने और आधुनिक परियोजनाओं को पूरा करने में सक्षम हैं।


मुख्य विशेषताएं संक्षेप में

 

1. वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज: यह भारत का पहला ऐसा पुल है जो ऑटोमैटिक रूप से ऊपर उठ सकता है।

2. स्मार्ट डिजाइन: पुल को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसके नीचे से जहाज आसानी से गुजर सकें।

3. सफल ट्रेन ट्रायल: ट्रेन का ट्रायल सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें ट्रेन 121 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरी।

4. आधुनिक संरचना: दो लोकोमोटिव और 11 लोडेड वैगनों के साथ लोड डिफ्लेक्शन सिस्टम लगाया गया है।

5. अत्याधुनिक तकनीक: ब्रिज का ऑटोमैटिक लिफ्टिंग सिस्टम इसे अन्य पुलों से अलग बनाता है।

6. रामेश्वरम का सीधा संपर्क: तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए एक सुविधाजनक यात्रा मार्ग।

7. कोरोना महामारी का प्रभाव: देरी के बावजूद 2024 में पुल का निर्माण कार्य पूरा हुआ।

8. ऐतिहासिक महत्व: पुराने पंबन पुल की जगह यह नया पुल भारत की प्रगति का प्रतीक है।

9. भारत के विकास में योगदान: यह परियोजना भारतीय तकनीक और निर्माण क्षमताओं का नया अध्याय है।


रामेश्वरम को तमिलनाडु से जोड़ने वाला यह वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह पुल आधुनिक इंजीनियरिंग का प्रतीक है और भारत की तकनीकी प्रगति का एक नया अध्याय खोलता है। यात्रियों और पर्यटकों के लिए यह एक अद्वितीय अनुभव होगा, और देश के इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि साबित होगा।

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