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Meerut News: हेलीकॉप्टर चोरी और छेड़छाड़ का मामला निकला झूठा, पुलिस जांच में आपसी लेनदेन का विवाद आया सामने

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Meerut News: हेलीकॉप्टर चोरी और छेड़छाड़ का मामला निकला झूठा, पुलिस जांच में आपसी लेनदेन का विवाद आया सामने

मेरठ के परतापुर हवाई पट्टी पर हेलीकॉप्टर चोरी और छेड़छाड़ के आरोपों में नया मोड़ सामने आया है। पायलट रविंद्र सिंह द्वारा हेलीकॉप्टर के साथ छेड़छाड़ और लूट की शिकायत की गई थी, लेकिन पुलिस जांच में यह मामला पूरी तरह फर्जी निकला है। जांच में यह पता चला कि यह कोई आपराधिक घटना नहीं थी, बल्कि हेलीकॉप्टर की बिक्री और आपसी लेनदेन से जुड़ा एक विवाद था। हेलीकॉप्टर को बेचने वाली कंपनी के कर्मचारी ही इसे अपने साथ लेकर गए थे।

हेलीकॉप्टर के साथ छेड़छाड़ की शिकायत

रविंद्र सिंह, जो एक पायलट हैं, ने पुलिस के पास जाकर शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ लोग परतापुर हवाई पट्टी पर खड़े हेलीकॉप्टर के साथ छेड़छाड़ कर रहे थे और जब उन्होंने इन्हें रोकने की कोशिश की, तो उनके साथ मारपीट की गई और जान से मारने की धमकी भी दी गई। रविंद्र सिंह ने दावा किया था कि यह लोग हेलीकॉप्टर को लूटने का प्रयास कर रहे थे।

पुलिस जांच में निकला फर्जी मामला

रविंद्र सिंह की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू की। एसएसपी विपिन ताडा ने इस मामले की जांच एएसपी अंतरिक्ष जैन को सौंपी। शुरुआती जांच में यह पता चला कि हेलीकॉप्टर की चोरी या लूट जैसी कोई घटना नहीं हुई थी। दरअसल, यह मामला हेलीकॉप्टर की बिक्री और आपसी लेनदेन का था। जिस कंपनी से हेलीकॉप्टर खरीदा गया था, उसके कर्मचारी ही हेलीकॉप्टर को ट्रक में रखकर ले गए थे, क्योंकि हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी थी और उसे उड़ाया नहीं जा सकता था।

हेलीकॉप्टर की बिक्री का मामला

इस मामले की गहराई से जांच करने पर यह पता चला कि पायलट रविंद्र सिंह पहले सर्विएशन कंपनी के पायलट थे, लेकिन अक्टूबर 2023 में उन्हें कंपनी से निकाल दिया गया था। कंपनी के मालिक कैप्टन जीसी पांडे के अनुसार, रविंद्र सिंह को पिछले साल कंपनी से हटा दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने शौर्य एयरोनॉटिक्स नामक एक नई कंपनी में काम करना शुरू कर दिया था।

सर्विएशन कंपनी के हेलीकॉप्टर और चार्टर विमान नियमित रूप से परतापुर हवाई पट्टी पर मेंटेनेंस के लिए भेजे जाते हैं। 10 मई 2024 को भी एक हेलीकॉप्टर मेंटेनेंस के लिए इसी हवाई पट्टी पर भेजा गया था। इस बीच, सर्विएशन कंपनी के मालिक कैप्टन जीसी पांडे ने यह हेलीकॉप्टर हरियाणा के रोहतक निवासी उद्योगपति अतुल जैन को बेच दिया, जो “मोड एयर” नामक कंपनी के मालिक हैं। यह कंपनी गुजरात के गांधीनगर में स्थित है।

हेलीकॉप्टर ट्रक से ले जाया गया

हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी के चलते इसे उड़ाया नहीं जा सका। अतुल जैन और उनकी टीम ने इसे ट्रक में रखकर सड़क मार्ग से गुजरात पहुंचाने का फैसला किया। यह प्रक्रिया पुलिस की मौजूदगी में 10 मई 2024 को पूरी की गई और हेलीकॉप्टर को कानूनी रूप से मोड एयर कंपनी को सौंप दिया गया।

पायलट की ओर से नए आरोप

हालांकि, इसके बाद भी पायलट रविंद्र सिंह ने परतापुर थाने में शिकायत दर्ज कराई कि कुछ लोग हेलीकॉप्टर से छेड़छाड़ कर रहे हैं और उन्हें रोकने पर मारपीट की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि इन लोगों ने उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी थी। बुधवार को भी रविंद्र सिंह ने एसएसपी को एक शिकायत दी, जिसमें उन्होंने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

पुलिस की प्रतिक्रिया

एसएसपी विपिन ताडा ने बताया कि रविंद्र सिंह की शिकायत के आधार पर छेड़छाड़ और मारपीट की शिकायत दर्ज की गई है। मामले की जांच एएसपी ब्रह्मपुरी कर रहे हैं। हालांकि, पुलिस जांच में अब तक यह स्पष्ट हो चुका है कि हेलीकॉप्टर की लूट या चोरी जैसी कोई घटना नहीं हुई है। यह मामला केवल हेलीकॉप्टर की बिक्री और आपसी विवाद से जुड़ा है।

मोड एयर कंपनी का बयान

मोड एयर के निदेशक अतुल जैन ने इस मामले पर अपना बयान देते हुए कहा कि उनकी कंपनी ने सर्विएशन कंपनी से हेलीकॉप्टर खरीदा था और 10 मई 2024 को कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद इसे अपने कब्जे में लिया था। उन्होंने बताया कि हेलीकॉप्टर को गुजरात के गांधीनगर में उनकी कंपनी में पहुंचा दिया गया है और इसमें कोई अवैध गतिविधि शामिल नहीं थी।

मामला बना आपसी लेनदेन का विवाद

पुलिस जांच और बयानों के बाद यह साफ हो गया है कि हेलीकॉप्टर से छेड़छाड़ और लूट के आरोप झूठे थे। दरअसल, यह मामला हेलीकॉप्टर की बिक्री से जुड़ा एक आपसी लेनदेन का विवाद था, जिसे गलत ढंग से अपराध का रूप दे दिया गया था।

इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया है कि बिना सही तथ्यों की जांच किए किसी भी घटना को अपराध बताना गलत हो सकता है। पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए मामले की सच्चाई सामने ला दी है और अब इस विवाद को कानूनी रूप से सुलझाया जा रहा है।

इस पूरे मामले ने जहां एक ओर हेलीकॉप्टर चोरी और लूट जैसी अफवाहों को शांत किया है, वहीं दूसरी ओर यह भी दिखाया है कि आपसी विवादों को गलतफहमी के आधार पर बड़ा मामला बना दिया जा सकता है। पुलिस जांच के बाद अब यह स्पष्ट हो गया है कि यह मामला केवल वित्तीय लेनदेन और हेलीकॉप्टर की खरीद-बिक्री का था।

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