महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक दिल्ली में एआईसीसी मुख्यालय पर चल रही है। इस बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा नेता और पार्टी नेता राहुल गांधी, और पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल शामिल हैं।
कांग्रेस के कुछ नेताओं ने जानकारी दी है कि महा विकास अघाड़ी (MVA) के बीच सीट शेयरिंग की बातचीत अंतिम चरण में पहुंच गई है। सीट शेयरिंग के मुद्दे पर महा विकास अघाड़ी के तीनों दल (कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (शरद पवार)) के नेता आपस में चर्चा कर रहे हैं।
आज काँग्रेस अध्यक्ष श्री. मल्लिकार्जुन खर्गेजी, CPP अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधीजी, विरोधी पक्षनेते श्री. राहुलजी गांधी आणि संघटन महासचिव श्री. के. सी. वेणुगोपालजी यांच्या उपस्थितीत महाराष्ट्र CEC ची महत्त्वाची बैठक पार पडली. या बैठकीला महाराष्ट्र काँग्रेसचे वरिष्ठ नेते… pic.twitter.com/JaGUXxdInw
रविवार को भी हुई थी मीटिंग
सीईसी में झारखंड के उम्मीदवारों के नामों पर विचार करने से पहले प्रस्तावित सूची को लेकर रविवार को एआईसीसी मुख्यालय में एक मीटिंग की गई थी। हालांकि, पार्टी नेताओं ने करवा चौथ और उसी दिन झारखंड चुनाव के लिए बैठक आयोजित करने जैसे विभिन्न कारणों का हवाला देते हुए इसे स्थगित कर दिया।
संजय राउत का बयान
इससे एक दिन पहले, शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने बयान दिया था कि महा विकास अघाड़ी - जिसमें शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी (एसपी) शामिल हैं - महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से 210 पर आम सहमति पर पहुंच गई है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना, भाजपा और अजीत पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के सत्तारूढ़ गठबंधन पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य महाराष्ट्र को लूटने वाली ताकतों की हार सुनिश्चित करना है।
राज्यसभा सांसद और शिवसेना के प्रमुख रणनीतिकार राउत ने कहा, "हम 210 सीटों पर आम सहमति पर पहुंचे हैं। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हमारा लक्ष्य एक संयुक्त ताकत के रूप में चुनाव लड़ना है और हम महाराष्ट्र को लूटने वाली ताकतों को हराएंगे।"
62 सीटों पर नामों को मिली मंजूरी
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग के लिए कांग्रेस के पैनल ने सीईसी के विचार के लिए पिछले सप्ताह 62 सीटों पर नामों को मंजूरी दे दी थी।
चुनाव आयोग ने पिछले मंगलवार को यह घोषणा की थी कि महाराष्ट्र अपनी 288 सदस्यीय विधानसभा का चुनाव करने के लिए 20 नवंबर को एक चरण में मतदान करेगा। साथ ही, झारखंड में 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा।
इस बार के विधानसभा चुनावों में एक महत्वपूर्ण चुनौती के रूप में महा विकास अघाड़ी का गठबंधन सामने आ रहा है। सभी तीन दलों की कोशिश है कि वे एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरें और एक मजबूत विपक्ष का सामना करें। इस चुनाव में जीत हासिल करने के लिए यह गठबंधन अपनी पूरी ताकत लगा रहा है।
इस समय सभी दल अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं, ताकि वे चुनाव के दौरान एक मजबूत स्थिति बना सकें। 2024 के विधानसभा चुनावों को लेकर सभी की नजरें इस गठबंधन पर टिकी हुई हैं और यह देखना होगा कि यह गठबंधन किस प्रकार की सफलता प्राप्त करता है।
राजनीतिक समीक्षकों का मानना है कि यदि महा विकास अघाड़ी एकजुट होकर चुनाव लड़ती है, तो यह सत्ताधारी दलों के लिए एक कठिन चुनौती पेश कर सकती है। खासकर ऐसे समय में जब राज्य में कई मुद्दों पर असंतोष है और मतदाता बदलाव की मांग कर रहे हैं।
जैसे-जैसे चुनाव का दिन नजदीक आता जा रहा है, सभी दल अपनी चुनावी रणनीतियों को और मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। महा विकास अघाड़ी के लिए यह चुनाव न केवल राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई है, बल्कि यह उनके भविष्य की दिशा भी तय करेगा।
महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं। कांग्रेस सहित महा विकास अघाड़ी के दलों की बैठकें जारी हैं, जिसमें सीट शेयरिंग और उम्मीदवारों के चयन पर चर्चा हो रही है। चुनाव आयोग की तारीखें नजदीक आ रही हैं, और सभी दल अपनी-अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह चुनाव किस प्रकार का राजनीतिक परिदृश्य उत्पन्न करता है।