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उत्तर भारत में बाढ़ का कहर: कई राज्य प्रभावित, राहत और बचाव कार्य जारी

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उत्तर भारत में बाढ़ का कहर: कई राज्य प्रभावित, राहत और बचाव कार्य जारी

उत्तर भारत के कई राज्यों में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। इस बाढ़ से लाखों लोग प्रभावित हुए हैं और कई गांवों का संपर्क टूट चुका है। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और ओडिशा समेत कई राज्यों में नदियां उफान पर हैं। प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं।

उत्तर प्रदेश में बाढ़ का असर

उत्तर प्रदेश के 24 जिले बाढ़ की चपेट में हैं। यहां गंगा, वरुणा और घाघरा नदियां उफान पर हैं, जिससे कई गांवों में पानी भर गया है। गोंडा जिले के 35 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। बलिया में भी हालात गंभीर हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम जारी है। अयोध्या में सरयू नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। प्रयागराज में करीब 30,000 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और 23,000 से अधिक लोग बेघर हो गए हैं। वाराणसी में गंगा का जलस्तर बढ़ने से गलियों में नावें चलानी पड़ रही हैं और श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर तक पानी पहुंच गया है।

बिहार में बाढ़ से हालात बिगड़े

बिहार में गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे राघोपुर दियारा विधानसभा के कई गांव बाढ़ में डूब गए हैं। यहां के किसानों को पशुओं के चारे की कमी का सामना करना पड़ रहा है। सारण जिले में गंडक नदी के किनारे कटान जारी है, जिससे कई गांव खतरे में हैं। बिहार के कई इलाकों में बाढ़ की वजह से लोगों का जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

झारखंड में नदियों का उफान

झारखंड में भी हालात चिंताजनक हैं। यहां सरस्वती, दानरो, स्वर्णरेखा और खरकाई नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई गांवों में पानी भर गया है। लातेहार और गढ़वा जिलों में सबसे अधिक नुकसान हुआ है। यहां के गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।

ओडिशा में 250 से ज्यादा गांव बाढ़ में डूबे

ओडिशा के बालासोर जिले में सुवर्णरेखा नदी का पानी 250 से ज्यादा गांवों में घुस चुका है। प्रशासन ने 400 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। बाढ़ के कारण यहां 264 गांव और जलेश्वर नगरपालिका के 17 वार्ड प्रभावित हुए हैं। पिछले चार दिनों से हो रही लगातार बारिश से ओडिशा के कई हिस्सों में नदियां उफान पर हैं।

पश्चिम बंगाल में भी बाढ़ का संकट

पश्चिम बंगाल के दक्षिणी हिस्से के कई जिलों में भारी बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। बीरभूम, बांकुरा, हावड़ा और हुगली जिलों के कुछ हिस्सों में बाढ़ का पानी भर गया है। यहां एनडीआरएफ और राज्य आपदा राहत की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।

एनडीआरएफ और राज्य आपदा राहत टीमें मैदान में

उत्तर भारत के सभी प्रभावित राज्यों में एनडीआरएफ और राज्य आपदा राहत की टीमें तैनात की गई हैं। पश्चिम बंगाल, ओडिशा, और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में राहत कार्य तेज कर दिए गए हैं। दुर्गापुर बैराज और कांगसाबती बांध से पानी छोड़े जाने के बाद से कई इलाकों में पानी का स्तर और बढ़ गया है।

उत्तर प्रदेश में राहत और बचाव कार्य जारी

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ का असर कम नहीं हुआ है। प्रयागराज, वाराणसी, कन्नौज, बलिया, और अयोध्या जैसे जिलों में बाढ़ से जन-जीवन प्रभावित हो रहा है। नरौरा बांध से गंगा नदी में पानी छोड़े जाने से स्थिति और भी गंभीर हो गई है। प्रशासन लगातार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहा है और राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है।

मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में और बारिश की संभावना जताई है। इसके चलते प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए अलर्ट जारी किया है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी जा रही है और बाढ़ राहत शिविरों में सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।

नदियों के उफान से बढ़ती मुश्किलें

उत्तर भारत के कई हिस्सों में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे जन-जीवन पर बुरा असर पड़ा है। सरकार और प्रशासन इस संकट से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं, लेकिन स्थिति पर पूरी तरह काबू पाने में अभी समय लग सकता है।

बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद

बाढ़ से प्रभावित इलाकों में प्रशासन राहत कार्य तेजी से कर रहा है। लोगों को खाने-पीने की चीजें और आवश्यक वस्तुएं मुहैया कराई जा रही हैं। एनडीआरएफ की टीमें लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में काम कर रही हैं, ताकि लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके।

यह बाढ़ कई राज्यों के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, लेकिन सरकार और स्थानीय प्रशासन मिलकर इस मुश्किल घड़ी का सामना कर रहे हैं।

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