अमेरिका की बेरोजगारी रिपोर्ट का असर भारतीय शेयर बाजार पर गहरा पड़ा है। आज सेंसेक्स में 850 अंकों की गिरावट आई, जबकि निफ्टी 242 अंक नीचे फिसल गया। यह गिरावट अमेरिका की बेरोजगारी से जुड़ी रिपोर्ट के कारण हुई है, जिसने वैश्विक बाजारों में चिंता बढ़ा दी है।
अमेरिका की बेरोजगारी रिपोर्ट का प्रभाव
अमेरिका के प्राइवेट सेक्टर में बेरोजगारी से जुड़ी रिपोर्ट से निवेशकों में घबराहट फैल गई। रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त में पिछले साढ़े तीन सालों में सबसे कम लोगों को रोजगार मिला है। इससे अमेरिकी श्रम बाजार की कमजोरी का संकेत मिलता है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए चिंताजनक है।
आर्थिक गतिविधियों में कमी
अमेरिका की सर्विस सेक्टर गतिविधियों में भी गिरावट आई है। इंस्टीट्यूट फॉर सप्लाई मैनेजमेंट (ISM) के नॉन-मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स के मुताबिक, अगस्त में यह इंडेक्स 51.5 पर रहा, जबकि जुलाई में यह 51.4 पर था। इस आंकड़े से साफ है कि अमेरिका की आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती आ रही है, जिसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा है।
एशियाई बाजारों पर असर
अमेरिका की रिपोर्ट का प्रभाव केवल भारतीय बाजार पर ही नहीं, बल्कि एशियाई बाजारों पर भी देखा गया। जापान के घरेलू खर्च में मामूली वृद्धि दर्ज की गई, लेकिन यह वृद्धि निवेशकों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी। इसके कारण जापान का निक्केई 225 और टॉपिक्स इंडेक्स में भी गिरावट दर्ज की गई।
आईटी स्टॉक्स में कमजोरी
भारतीय बाजारों में आईटी स्टॉक्स पर भी इस गिरावट का असर पड़ा। निफ्टी आईटी, जो शुरुआती कारोबार में बढ़त पर था, बाद में 0.2% की गिरावट के साथ बंद हुआ। हालांकि, LTIMindtree ने 1.5% की बढ़त के साथ निफ्टी 50 के टॉप लाभकर्ताओं में स्थान पाया। इसके अलावा, बजाज फाइनेंस, ब्रिटानिया, बजाज फिनसर्व और टीसीएस ने भी कुछ लाभ दर्ज किए।
भारतीय बाजारों की मौजूदा स्थिति
भारतीय शेयर बाजार पिछले कुछ समय से सीमित दायरे में कारोबार कर रहा था, लेकिन अमेरिकी बेरोजगारी रिपोर्ट ने इसे भी प्रभावित किया। हालांकि, स्मॉल-कैप और मिड-कैप इंडेक्स में अभी भी रिकॉर्ड उच्च स्तर देखने को मिल रहे हैं, जो बाजार में स्टॉक-विशिष्ट खरीदारी का संकेत देते हैं।
विशेषज्ञों की राय
5पैसा के लीड रिसर्च एनालिस्ट रुचित जैन के अनुसार, भारतीय बाजारों में स्मॉल-कैप और मिड-कैप स्टॉक्स में अब भी मजबूत खरीदारी हो रही है, जो बाजार में निवेशकों की रुचि को दर्शाता है। हालांकि, इंडेक्स के मोर्चे पर बाजार में अस्थिरता देखी जा रही है।
भविष्य की संभावनाएं
अमेरिका की बेरोजगारी रिपोर्ट ने वैश्विक और भारतीय बाजारों में अस्थिरता बढ़ा दी है, और आने वाले दिनों में और भी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने निवेश को लेकर सतर्क रहें और बाजार की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए निर्णय लें।
भारतीय बाजारों में मजबूत प्रदर्शन कर रहे सेक्टरों में निवेशकों को ध्यान केंद्रित करना चाहिए, विशेषकर स्मॉल-कैप और मिड-कैप स्टॉक्स पर, जहां अब भी स्टॉक-विशिष्ट खरीदारी का माहौल बना हुआ है।