इन दिनों दुनिया भर में कई बीमारियां एक साथ फैल रही हैं। कहीं मंकीपॉक्स का खौफ है तो कहीं डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। इसके अलावा, कई देशों में कोविड-19 के मामले फिर से उभर रहे हैं, जिससे लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। इस बीच, एक और बीमारी, काली खांसी या पर्टुसिस, बच्चों और बुजुर्गों के लिए बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है।
काली खांसी का बढ़ता खतरा
काली खांसी एक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो खासकर बच्चों को अपना शिकार बना रही है। यह बीमारी बैक्टीरिया बोर्डेटेला पर्टुसिस के कारण होती है। काली खांसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से फैलती है और बच्चों में गंभीर श्वसन संक्रमण का कारण बन सकती है। इस समय कई देशों में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
काली खांसी के लक्षण
काली खांसी के लक्षण आमतौर पर गंभीर होते हैं और इसमें निम्नलिखित समस्याएं शामिल हो सकती हैं:
- लगातार खांसी: बच्चों में लंबे समय तक खांसी रह सकती है, जिसे दवाओं से भी कम करना मुश्किल हो जाता है।
- खांसने के बाद उल्टी: कई बार खांसी के बाद बच्चों को उल्टी भी हो जाती है।
- घरघराहट: खांसी के साथ सांस लेने में दिक्कत और घरघराहट की आवाज सुनाई दे सकती है।
- चेहरा नीला पड़ जाना: खांसते-खांसते बच्चे का चेहरा नीला पड़ जाता है, जो गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है।
- हल्के लक्षण: शुरुआती दौर में यह सर्दी-जुकाम की तरह भी दिख सकती है, जैसे नाक बहना, छींक आना और हल्की खांसी।
क्यों खतरनाक है काली खांसी?
काली खांसी न सिर्फ बच्चों के लिए बल्कि बुजुर्गों के लिए भी खतरनाक हो सकती है। यह बीमारी इतनी गंभीर हो सकती है कि मरीज को निमोनिया या पसलियों में चोट लगने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इससे फेफड़ों में संक्रमण भी हो सकता है। हाल ही में, नीदरलैंड में काली खांसी से 8 लोगों की मौत हो गई, जिसमें एक 5 सप्ताह का बच्चा और एक 65 वर्षीय बुजुर्ग शामिल थे।
दुनिया भर में बढ़ते काली खांसी के मामले
सिर्फ नीदरलैंड ही नहीं, यूरोप के अन्य देशों में भी काली खांसी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल (ईसीडीसी) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में फ्लैंडर्स में काली खांसी के 2,217 मामले दर्ज किए गए हैं। ये आंकड़े पिछले कई वर्षों के मुकाबले दोगुने हैं, जो इस बीमारी के खतरनाक स्तर तक पहुंचने का संकेत हैं।
काली खांसी से बचाव के तरीके
काली खांसी एक संक्रामक बीमारी है, लेकिन इससे बचाव के लिए वैक्सीन मौजूद है। इसके अलावा, कुछ अन्य उपाय भी हैं जो इस बीमारी से बचाव में मदद कर सकते हैं:
टीकाकरण: बच्चों को समय पर पर्टुसिस का टीका लगवाना बेहद जरूरी है। यह टीका उन्हें इस बीमारी से बचाने में सबसे प्रभावी उपाय है।
गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण: गर्भवती महिलाओं को भी पर्टुसिस का टीका लगवाना चाहिए ताकि उनके होने वाले बच्चे को इस संक्रमण से बचाया जा सके।
बूस्टर डोज: जो व्यस्क और माता-पिता छोटे बच्चों के साथ रहते हैं, उन्हें भी पर्टुसिस की बूस्टर डोज लगवानी चाहिए ताकि वे खुद और बच्चे सुरक्षित रहें।
संक्रमित व्यक्ति से दूरी: यदि कोई व्यक्ति खांस या छींक रहा है, तो उससे दूर रहें और संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनें।
साफ-सफाई का ध्यान: अपने आसपास की सफाई रखें और हाथों को नियमित रूप से धोएं, ताकि बैक्टीरियल संक्रमण का खतरा कम हो सके।
अन्य बीमारियों का खतरा
काली खांसी के अलावा, डेंगू, चिकनगुनिया और मंकीपॉक्स जैसी बीमारियां भी तेजी से फैल रही हैं। इन बीमारियों से बचाव के लिए सतर्कता बेहद जरूरी है।
मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स वायरस भी तेजी से फैल रहा है। इस बीमारी के लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, शरीर में दर्द और त्वचा पर चकत्ते शामिल हैं। मंकीपॉक्स जानवरों से फैलने वाला संक्रमण है, लेकिन संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी यह फैल सकता है।
डेंगू और चिकनगुनिया
डेंगू और चिकनगुनिया मच्छरों के काटने से फैलते हैं। इन बीमारियों से बचाव के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, साफ पानी जमा न होने दें और अपने आसपास की सफाई का ध्यान रखें। इन बीमारियों का अभी कोई टीका नहीं है, इसलिए बचाव ही सबसे बेहतर उपाय है।
कोविड-19 का बढ़ता खतरा
हाल ही में कई देशों में कोविड-19 के मामले फिर से सामने आ रहे हैं। कोविड-19 के नए वेरिएंट्स के कारण इसके मामले तेजी से बढ़ सकते हैं। इस वायरस से बचने के लिए टीकाकरण और मास्क पहनना अभी भी जरूरी है। साथ ही, कोविड के दिशा-निर्देशों का पालन करना भी अनिवार्य है।
क्या करें अगर लक्षण दिखें?
अगर किसी को काली खांसी, मंकीपॉक्स, डेंगू, चिकनगुनिया या कोविड-19 के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर इलाज करवाना बेहद जरूरी है ताकि संक्रमण को रोका जा सके और बीमारी गंभीर रूप न ले सके।
काली खांसी, मंकीपॉक्स, डेंगू, चिकनगुनिया और कोविड-19 जैसी बीमारियां इस समय दुनिया भर में तेजी से फैल रही हैं। इनमें से कुछ बीमारियां बच्चों और बुजुर्गों के लिए बेहद खतरनाक हो सकती हैं। इससे बचने के लिए टीकाकरण, साफ-सफाई, और संक्रमण से बचने के अन्य उपायों का पालन करना जरूरी है। बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके और सही समय पर इलाज हो सके।
बीमारी से बचाव ही सबसे बेहतर उपाय है, इसलिए सतर्क रहें, सावधान रहें, और स्वस्थ रहें।