उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। इन उपचुनावों में बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रचार की कमान संभाल रहे हैं। बताया जा रहा है कि सीएम योगी 8 से 10 नवंबर तक चुनावी रैलियों में भाग लेंगे और विभिन्न जनसभाओं के जरिए पार्टी के प्रत्याशियों के लिए समर्थन जुटाएंगे।
मीरापुर में होगी सीएम योगी की पहली जनसभा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का चुनावी अभियान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मीरापुर विधानसभा सीट से शुरू होगा। मीरापुर के मोरना इंटर कॉलेज में आयोजित होने वाली जनसभा में RLD अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी भी शामिल होंगे। इस जनसभा में सीएम योगी बीजेपी-आरएलडी गठबंधन के प्रत्याशी मिथलेश पाल के समर्थन में लोगों से वोट की अपील करेंगे।
कुंदरकी और गाजियाबाद में भी करेंगे प्रचार
मीरापुर में जनसभा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुंदरकी और गाजियाबाद में भी जनसभाएं करेंगे। इन जनसभाओं में मुख्यमंत्री पार्टी के लिए समर्थन जुटाने और विकास के मुद्दों पर जनता को संबोधित करेंगे। गाजियाबाद में बीजेपी का फोकस शहरी क्षेत्रों में वोटरों को आकर्षित करने पर है।
9 और 10 नवंबर को ये होंगे सीएम योगी के कार्यक्रम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का 9 नवंबर का कार्यक्रम कानपुर के सीसामऊ विधानसभा सीट पर होगा। यहां वे बीजेपी प्रत्याशी के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद सीएम खैर विधानसभा क्षेत्र में भी जनसभा करेंगे। इसी दिन कुंदरकी में भी उनकी एक बड़ी रैली प्रस्तावित है।
10 नवंबर को मुख्यमंत्री तीन महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्रों मझवां, कटेहरी और फूलपुर में चुनावी प्रचार करेंगे। ये क्षेत्र ग्रामीण इलाकों में आते हैं और यहां पर मुख्यमंत्री ग्रामीण विकास और कृषि योजनाओं की जानकारी देकर किसानों को अपने पक्ष में करने की कोशिश करेंगे।
प्रचार के लिए बदल गई तारीखें, 20 को होगा मतदान
पहले उपचुनाव के मतदान की तारीख 13 नवंबर तय की गई थी, लेकिन अब इसे बदलकर 20 नवंबर कर दिया गया है। इसके चलते सीएम योगी का प्रचार कार्यक्रम भी थोड़ा बदला गया है। 11 नवंबर को जो रैलियां प्रस्तावित थीं, वे अब 10 नवंबर को होंगी। यह बदलाव इसलिए किया गया ताकि आखिरी समय में अधिक से अधिक जनसभाएं की जा सकें और लोगों से सीधे जुड़कर उनका समर्थन हासिल किया जा सके।
बीजेपी की रणनीति: विकास के मुद्दों पर जोर
बीजेपी का चुनावी प्रचार अभियान विकास और कानून-व्यवस्था के मुद्दों पर केंद्रित है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर जनसभा में राज्य में कानून-व्यवस्था की मजबूती और विकास कार्यों की चर्चा कर रहे हैं। बीजेपी की रणनीति है कि इन उपचुनावों में भी पार्टी को बड़ी जीत हासिल हो और जनता के बीच विकास के मुद्दों पर विश्वास कायम किया जाए।
विपक्ष की चुनौती और जयंत चौधरी की मौजूदगी
विपक्षी दल भी इन उपचुनावों में पूरी ताकत झोंक रहे हैं। RLD अध्यक्ष जयंत चौधरी की जनसभाओं में मौजूदगी यह संकेत देती है कि विपक्षी गठबंधन भी मजबूत प्रचार अभियान चला रहा है। जयंत चौधरी की कोशिश होगी कि ग्रामीण क्षेत्रों में खासकर किसानों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर बीजेपी को चुनौती दी जाए।
वोटरों की प्राथमिकता और उपचुनाव का महत्व
उत्तर प्रदेश के इन उपचुनावों का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह राज्य सरकार के लिए जनता का मूड भांपने का एक मौका है। ये उपचुनाव यह भी संकेत देंगे कि जनता विकास के वादों और योजनाओं को कितना स्वीकार कर रही है। इसलिए सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत इन उपचुनावों में झोंक दी है।
उत्तर प्रदेश के नौ विधानसभा सीटों के उपचुनावों में सभी दलों के नेता और कार्यकर्ता जोश में हैं। प्रचार का माहौल गर्म है और वोटरों के बीच चुनावी चर्चा जोरों पर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैलियों से बीजेपी को अपनी स्थिति मजबूत करने की उम्मीद है। अब देखना होगा कि 20 नवंबर को होने वाले मतदान में जनता किसे अपना नेता चुनती है और क्या नतीजे सामने आते हैं।