उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने, कृषि उत्पादकता में सुधार लाने और कृषि से जुड़े उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए एक बड़ी योजना की शुरुआत करने का निर्णय लिया है। इस योजना का नाम ‘उत्तर प्रदेश एग्रीकल्चर ग्रोथ एंड रूरल इंटरप्राइजेज इकोसिस्टम स्ट्रेंथनिंग’ (यूपी एग्रीस) रखा गया है। इस परियोजना का पूरा खाका तैयार कर लिया गया है और इसे जल्द ही विश्व बैंक की मदद से जमीन पर उतारा जाएगा। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्च स्तरीय बैठक में इस योजना को मंजूरी दी है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड के जिलों की कृषि उत्पादकता को बढ़ाना और किसानों की आय में वृद्धि करना है।
कृषि उत्पादकता में सुधार की जरूरत
उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र का बहुत बड़ा योगदान है, लेकिन प्रदेश के सभी हिस्सों में कृषि उत्पादकता समान नहीं है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जो कि राज्य का एक प्रमुख कृषि क्षेत्र है, राज्य के कुल कृषि उत्पादन में 50 प्रतिशत से अधिक का योगदान करता है। वहीं, पूर्वी उत्तर प्रदेश का योगदान मात्र 28 प्रतिशत है, और बुंदेलखंड का योगदान 5.5 प्रतिशत के आसपास है। इन आंकड़ों को देखते हुए, राज्य सरकार का उद्देश्य है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड में कृषि उत्पादकता को बढ़ाया जाए ताकि इन क्षेत्रों के किसान भी आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें।
यूपी एग्रीस परियोजना के मुख्य घटक
यूपी एग्रीस परियोजना को चार मुख्य भागों में बांटा गया है, जिनके माध्यम से राज्य सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार लाने का प्रयास करेगी:
1. कृषि उत्पादकता बढ़ाना: इस भाग के तहत किसानों को नई और उन्नत कृषि तकनीकों की जानकारी दी जाएगी, जिससे वे अपनी खेती की उत्पादकता को बढ़ा सकें। इसके लिए उन्हें उच्च गुणवत्ता के बीज, उर्वरक और अन्य कृषि साधन उपलब्ध कराए जाएंगे।
2. एग्रो क्लस्टर की स्थापना: इस योजना के तहत राज्य के विभिन्न जिलों में एग्रो क्लस्टर बनाए जाएंगे, जहां कृषि उत्पादों का प्रसंस्करण और विपणन किया जाएगा। इससे किसानों को उनके उत्पादों का सही मूल्य मिलेगा और उन्हें बाजार तक पहुंचने में आसानी होगी।
3. डिजिटल और वित्तीय इकोसिस्टम को मजबूत करना: इस भाग में किसानों को डिजिटल प्लेटफार्मों से जोड़ा जाएगा, ताकि वे कृषि से संबंधित विभिन्न सेवाओं का लाभ उठा सकें। इसके साथ ही, उन्हें वित्तीय सेवाओं की भी सुविधा दी जाएगी, जिससे वे अपनी कृषि कार्यों को और बेहतर तरीके से कर सकें।
4. परियोजना प्रबंधन, ज्ञान और सीखने पर जोर देना: इस परियोजना के अंतर्गत किसानों और कृषि संगठनों को ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वे नई तकनीकों और प्रक्रियाओं को सीख सकें और उन्हें अपने कृषि कार्यों में लागू कर सकें।
परियोजना का वित्तीय प्रावधान और लाभ
यूपी एग्रीस परियोजना के लिए कुल 4,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। इसमें से 2,737 करोड़ रुपये का लोन विश्व बैंक से लिया जाएगा, जबकि 1,166 करोड़ रुपये का अंशदान राज्य सरकार देगी। इस परियोजना का लाभ प्रदेश के लगभग 10 लाख किसानों को होगा, जिनमें से 30 प्रतिशत महिलाएं होंगी। इस परियोजना के माध्यम से 10,000 महिला उत्पादक समूहों को भी जोड़ा जाएगा, जिससे वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकेंगी।
इसके अलावा, इस योजना के तहत 500 किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों की जानकारी प्राप्त करने के लिए विदेश भेजा जाएगा। यह कदम किसानों को वैश्विक स्तर की कृषि प्रक्रियाओं से अवगत कराने और उन्हें अपनी खेती में लागू करने में मदद करेगा।
चयनित जिलों में परियोजना का कार्यान्वयन
यूपी एग्रीस परियोजना को विशेष रूप से पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड के जिलों में लागू किया जाएगा। पूर्वी उत्तर प्रदेश के 21 जिलों में श्रावस्ती, बहराइच, बलरामपुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, बस्ती, महराजगंज, संतकबीर नगर, कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, बलिया, गाजीपुर, वाराणसी, चंदौली, मीरजापुर, सोनभद्र और संत रविदास नगर शामिल हैं। वहीं, बुंदेलखंड के 7 जिलों में जालौन, झांसी, हमीरपुर, महोबा, बांदा, ललितपुर और चित्रकूट शामिल हैं।
परियोजना से संभावित लाभ
यूपी एग्रीस परियोजना का मुख्य उद्देश्य पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड में कृषि उत्पादकता को बढ़ाकर राज्य की समग्र कृषि उत्पादन में इन क्षेत्रों की हिस्सेदारी को बढ़ाना है। इससे न केवल इन क्षेत्रों के किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। इस परियोजना से किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों का लाभ मिलेगा, जिससे वे अपनी फसलों की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में सुधार कर सकेंगे।
परियोजना के तहत एग्रो क्लस्टर की स्थापना से किसानों को अपने उत्पादों को स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण और विपणन करने की सुविधा मिलेगी। इससे उन्हें अपने उत्पादों का सही मूल्य मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी। इसके अलावा, डिजिटल और वित्तीय इकोसिस्टम को मजबूत करने से किसानों को आसानी से वित्तीय सेवाओं का लाभ मिलेगा, जिससे वे अपने कृषि कार्यों को और बेहतर तरीके से कर सकेंगे।
योगी सरकार की यह परियोजना उत्तर प्रदेश को कृषि क्षेत्र में एक पावर हाउस बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे प्रदेश के किसानों को नए अवसर मिलेंगे और वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सकेंगे। यह परियोजना न केवल किसानों की आय में वृद्धि करेगी, बल्कि राज्य की समग्र कृषि उत्पादकता को भी बढ़ाएगी।
योगी सरकार की इस पहल का उद्देश्य प्रदेश के सभी किसानों को समान अवसर प्रदान करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इस परियोजना के माध्यम से, राज्य सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने और उन्हें उन्नत कृषि तकनीकों से जोड़ने का प्रयास कर रही है। यूपी एग्रीस परियोजना का सफल कार्यान्वयन उत्तर प्रदेश को कृषि क्षेत्र में एक मजबूत राज्य बनाने में मदद करेगा, और इससे प्रदेश के किसानों को एक नई दिशा मिलेगी।
इस योजना के तहत राज्य के किसानों को उन्नत तकनीकों और साधनों का लाभ मिलेगा, जिससे वे न केवल अपनी आय बढ़ा सकेंगे, बल्कि राज्य की समग्र कृषि उत्पादकता में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकेंगे। यह परियोजना प्रदेश के कृषि क्षेत्र को एक नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।