राज्य सरकार ने सड़क किनारे जमीन की घटती उपलब्धता को देखते हुए पेट्रोल पंप खोलने के लिए आवश्यक भूमि के मानकों में बड़ा बदलाव किया है। अब पेट्रोल पंप खोलने के लिए न्यूनतम 400 वर्गमीटर की जमीन पर्याप्त होगी। इसके लिए पहले 500 वर्गमीटर का भूखंड अनिवार्य था। साथ ही, पेट्रोल पंप के अंदर और बाहर जाने के लिए पहले 9 मीटर चौड़ाई की शर्त थी, जिसे अब घटाकर 7.5 मीटर कर दिया गया है। यह बदलाव भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2008 में संशोधन के बाद किया गया है।
छोटे भूखंडों पर भी पेट्रोल पंप खोलना होगा आसान
पहले के नियमों के अनुसार पेट्रोल पंप के लिए 500 वर्गमीटर (30 मीटर गुणा 17 मीटर) भूमि की आवश्यकता होती थी, लेकिन अब 400 वर्गमीटर (20 मीटर गुणा 20 मीटर) का भूखंड भी पेट्रोल पंप खोलने के लिए पर्याप्त होगा। यह बदलाव शहरों और कस्बों में सड़कों के किनारे भूमि की कमी को ध्यान में रखकर किया गया है, जिससे छोटे भूखंडों पर भी पेट्रोल पंप खोलना संभव होगा। इससे व्यापारियों को फायदा होगा और पेट्रोल पंप खोलने के लिए भूमि की अनिवार्यता की कठिनाई भी समाप्त हो जाएगी।
आने-जाने के रास्ते के मानकों में बदलाव
नए नियमों के अनुसार अब पेट्रोल पंप के अंदर-बाहर आने-जाने के लिए 7.5 मीटर की चौड़ाई ही पर्याप्त होगी, जबकि पहले इसके लिए 9 मीटर चौड़ाई अनिवार्य थी। बफर स्ट्रिप की लंबाई को भी घटाकर 12 मीटर से 5 मीटर कर दिया गया है। बफर स्ट्रिप की चौड़ाई पहले की तरह 3 मीटर ही रहेगी। इस बदलाव से भूमि के छोटे टुकड़ों पर भी पेट्रोल पंप संचालित किए जा सकेंगे और स्थान की कमी से जूझ रहे क्षेत्रों में पेट्रोल पंप खोलने का मार्ग प्रशस्त होगा।
इंडियन रोड कांग्रेस के मानकों का पालन
लोक निर्माण विभाग ने इंडियन रोड कांग्रेस (IRC) के मानकों के अनुसार पेट्रोल पंप के लिए भूमि का आकार तय किया था। हालांकि, उपविधि में संशोधन न होने के कारण कुछ कठिनाइयां आ रही थीं। अब नए संशोधन के बाद व्यापारियों को छोटे भूखंडों पर पेट्रोल पंप खोलने की अनुमति मिलेगी, जिससे सड़कों के किनारे भूमि के उपयोग को बेहतर तरीके से प्रबंधित किया जा सकेगा।
आलू उत्पादकों को राहत: बीज पर 500 रुपये प्रति क्विंटल की छूट
प्रदेश सरकार ने आलू उत्पादक किसानों के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया है। सरकार ने आलू के बीज पर 500 रुपये प्रति क्विंटल की छूट देने का फैसला किया है। इस निर्णय से किसानों को राहत मिलेगी और उन्हें उच्च गुणवत्ता के बीज कम कीमत पर उपलब्ध होंगे। उद्यान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि यह छूट किसानों को आलू की बुआई के लिए प्रोत्साहित करने और उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दी जा रही है।
किसानों को नकद मूल्य पर आलू बीज उपलब्ध
किसानों को आलू बीज नकद मूल्य पर उपलब्ध कराया जाएगा। राज्य के किसान जिला उद्यान अधिकारी के कार्यालय से निर्धारित दरों पर बीज प्राप्त कर सकते हैं। इस वर्ष प्रदेश में 6.96 लाख हेक्टेयर भूमि पर आलू की बुआई का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए 24-25 लाख टन आलू बीज की आवश्यकता होगी। उद्यान विभाग इस वर्ष लगभग 40-45 हजार क्विंटल आलू बीज वितरित करेगा।
आलू बीज वितरण प्रक्रिया
सरकार द्वारा आलू बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। किसानों को आलू बीज प्राप्त करने के लिए जिला उद्यान अधिकारी से संपर्क करना होगा। वहां से उन्हें निर्धारित दरों पर बीज उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार ने बीज की गुणवत्ता और वितरण में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए भी कड़े निर्देश जारी किए हैं।
आलू उत्पादन बढ़ाने के प्रयास
सरकार का यह कदम आलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। बीज पर दी गई छूट से किसानों को आर्थिक राहत मिलेगी और वे अधिक से अधिक क्षेत्रफल में आलू की बुआई कर सकेंगे। इससे न केवल घरेलू खपत के लिए आलू की पर्याप्त आपूर्ति होगी, बल्कि निर्यात के लिए भी आलू की उपलब्धता बढ़ेगी। सरकार का लक्ष्य है कि आलू उत्पादन में वृद्धि कर राज्य को कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया जाए।
पेट्रोल पंप और कृषि क्षेत्र में सुधार के कदम
सरकार द्वारा पेट्रोल पंप खोलने के मानकों में बदलाव और आलू बीज पर छूट जैसे निर्णय प्रदेश के विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। भूमि की कमी से जूझ रहे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अब छोटे भूखंडों पर भी पेट्रोल पंप खोले जा सकेंगे, जिससे ऊर्जा क्षेत्र में विस्तार होगा। वहीं, आलू बीज पर छूट से किसानों को आर्थिक लाभ होगा और उत्पादन में वृद्धि होगी।
इन सुधारों से राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी और प्रदेश की जनता को विभिन्न क्षेत्रों में राहत प्राप्त होगी।