69000 शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट 23 सितंबर को एक अहम फैसला सुना सकता है। इस मामले में आरक्षित और अनारक्षित दोनों वर्ग के अभ्यर्थियों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच द्वारा दिए गए फैसले के बाद से ही इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। अब 23 सितंबर को इस पर अंतिम निर्णय आने की उम्मीद है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला और सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण नियमों का सही पालन न होने का हवाला देते हुए पुरानी सूची को रद्द कर नई सूची बनाने का आदेश दिया था। इस फैसले के खिलाफ चयनित अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। वहीं, आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने भी इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए कैविएट दाखिल किया था।
9 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी और सभी पक्षों को नोटिस जारी करते हुए अपनी बात रखने का निर्देश दिया था। इसके बाद अगली सुनवाई की तारीख 23 सितंबर तय की गई थी, जिस दिन कोर्ट इस मामले पर फैसला सुना सकता है।
अभ्यर्थियों की उम्मीदें फैसले पर टिकीं
इस भर्ती प्रक्रिया को लेकर आरक्षित और अनारक्षित दोनों ही वर्गों के अभ्यर्थी कोर्ट में अपनी-अपनी याचिकाएं लेकर पहुंचे हैं। एक तरफ चयनित अभ्यर्थी जहां हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दे रहे हैं, वहीं आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी भी अपनी बात कोर्ट में रखने के लिए तैयार हैं। सभी की निगाहें अब 23 सितंबर को होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं।
युवा आंदोलन और संघर्ष
69000 शिक्षक भर्ती को लेकर लंबे समय से अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे हैं। भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं और आरक्षण नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कई अभ्यर्थी धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद से चयनित अभ्यर्थियों ने भी विरोध किया था और सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। वहीं, आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने भी इस मामले में कैविएट दाखिल की थी ताकि उनकी बात भी सुनी जा सके।
नई सूची का निर्देश और उसका असर
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण नियमों का पालन ठीक से नहीं हुआ था। कोर्ट ने पुरानी चयन सूची को निरस्त करते हुए आरक्षण नियमों के अनुसार नई सूची बनाने का निर्देश दिया था। इस फैसले के बाद से भर्ती प्रक्रिया में नई अड़चनें आ गई थीं और चयनित अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला किस दिशा में जाएगा।
23 सितंबर का फैसला निर्णायक
23 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट का फैसला इस भर्ती प्रक्रिया का भविष्य तय करेगा। कोर्ट के निर्णय के बाद ही यह तय हो पाएगा कि 69000 शिक्षक भर्ती को लेकर आगे क्या कदम उठाए जाएंगे। अब देखना यह है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला किसके पक्ष में आता है और इससे भर्ती प्रक्रिया में क्या बदलाव होंगे।
69000 शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय अब अंतिम चरण में है। अभ्यर्थी लंबे समय से इस फैसले का इंतजार कर रहे हैं। 23 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट का फैसला भर्ती प्रक्रिया की दिशा तय करेगा और अभ्यर्थियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण दिन साबित होगा।