Lucknow: उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। एक महिला, जिसका पति गंभीर रूप से बीमार था, उसे घर ले जाते समय एंबुलेंस के ड्राइवर और उसके साथी ने छेड़छाड़ और रेप की कोशिश की। ये घटना न केवल मानवता को हिला देने वाली है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की सुरक्षा पर भी सवाल खड़ा करती है।
बीमार पति का इलाज कराकर लौट रही थी महिला
28 अगस्त को सिद्धार्थनगर जिले के बांसी कोतवाली क्षेत्र की रहने वाली एक महिला अपने बीमार पति का इलाज कराने लखनऊ गई थी। इलाज के दौरान पैसे कम पड़ जाने के कारण महिला ने डॉक्टर से अपने पति को डिस्चार्ज करने की बात की। डॉक्टर ने उसे एक निजी एंबुलेंस का नंबर दिया, जिससे वह अपने पति और 17 साल के भाई के साथ घर लौटने के लिए रवाना हुई।
एंबुलेंस में महिला पर दरिंदगी
शाम के करीब 6:30 बजे, एंबुलेंस में महिला, उसका पति और भाई घर की ओर जा रहे थे। लगभग 20 किलोमीटर चलने के बाद, एंबुलेंस ड्राइवर ने एक पेट्रोल पंप पर गाड़ी रोकी और महिला से कहा कि रात का समय है और रास्ते में पुलिस चेकिंग कर सकती है। उसने सलाह दी कि अगर वह आगे की सीट पर बैठ जाए, तो पुलिस गाड़ी को नहीं रोकेगी। पहले तो महिला ने मना किया, लेकिन ड्राइवर के बार-बार कहने पर वह मान गई।
जैसे ही महिला आगे की सीट पर बैठी, ड्राइवर और उसके साथी ने उसके साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। महिला ने विरोध किया, लेकिन वे दोनों नहीं माने। महिला ने मदद के लिए शोर मचाने की कोशिश की, लेकिन एंबुलेंस का शीशा बंद होने के कारण उसकी आवाज बाहर तक नहीं पहुंच सकी।
लंबे समय तक चला उत्पीड़न
करीब डेढ़ सौ किलोमीटर की दूरी तक एंबुलेंस के ड्राइवर और उसके साथी ने महिला के साथ शर्मनाक हरकतें कीं। इस दौरान, महिला का पति बीमार अवस्था में पीछे बैठा था और जीवन की जंग लड़ रहा था। जब महिला ने ज्यादा विरोध किया, तो दरिंदों ने उसके पति का ऑक्सीजन मास्क निकाल दिया और उसे गाड़ी से बाहर फेंक दिया। इसके बाद उन्होंने महिला से मारपीट की और उसके गहने, नकदी, और मोबाइल लूटकर फरार हो गए।
पति की बिगड़ी हालत, अस्पताल में मौत
महिला के भाई ने तुरंत डॉयल 112 और 108 पर कॉल किया। कुछ ही देर में पुलिस और एंबुलेंस मौके पर पहुंच गए। महिला के पति की हालत गंभीर थी, इसलिए उसे बस्ती जिला अस्पताल ले जाया गया। वहां हालत में सुधार न होने पर उसे गोरखपुर रेफर कर दिया गया, लेकिन गोरखपुर पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया।
पुलिस की लापरवाही
इस भयावह घटना के बाद महिला ने बस्ती के छावनी थाने में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने मामला लखनऊ का बताते हुए उसे वहां शिकायत दर्ज कराने को कहा। मजबूरन महिला को लखनऊ के गाजीपुर थाने में तहरीर देनी पड़ी। गाजीपुर कोतवाली प्रभारी विकास राय ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य सेवाओं और कानून व्यवस्था पर सवाल
इस घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं की सुरक्षा व्यवस्था और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिन एंबुलेंसों को लोगों की जान बचाने का काम करना चाहिए, वही महिला के लिए भयानक त्रासदी का कारण बन गई। इस घटना ने दिखा दिया है कि समाज में सुरक्षा का अभाव कितना गहरा हो गया है।
यह घटना न केवल एक महिला की पीड़ा है, बल्कि हमारे समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है। सुरक्षा की उम्मीद जहां सबसे ज्यादा होती है, अगर वहीं दरिंदगी हो जाए, तो इंसान कहां जाएगा? यह घटना प्रशासन और समाज के सभी हिस्सों के लिए एक चुनौती है कि वे सुनिश्चित करें कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
अब यह देखना होगा कि पुलिस और प्रशासन इस मामले में कितना तेजी से और सख्ती से कार्रवाई करते हैं, ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके।