मंकीपॉक्स के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में फैल रहे हैं। इस वायरस की शुरुआत अफ्रीकी देश कांगो से हुई थी, लेकिन अब यह कई अन्य देशों में भी पहुंच चुका है। पाकिस्तान, स्वीडन, फिलीपींस सहित कई देशों में इसके मामले दर्ज किए गए हैं। भारत में भी मंकीपॉक्स के मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने हवाई अड्डों, अस्पतालों, और बंदरगाहों पर अलर्ट जारी कर दिया है। इसके अलावा, देश के विभिन्न अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए जा रहे हैं ताकि संभावित संक्रमित मरीजों को अलग रखा जा सके और संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
मंकीपॉक्स की गंभीरता और भारत की तैयारी
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि जिन मरीजों के शरीर पर दाने या अन्य लक्षण दिखाई दें, उन्हें तुरंत आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया जाए। दिल्ली के तीन प्रमुख अस्पतालों, सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया अस्पताल, और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में विशेष आइसोलेशन वार्ड तैयार किए जा रहे हैं। इसके अलावा, अन्य राज्यों में भी इसी तरह की तैयारी की जा रही है ताकि किसी भी आपात स्थिति में प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।
मंकीपॉक्स के फैलाव की स्थिति
मंकीपॉक्स के सबसे ज्यादा मामले कांगो में देखे गए हैं, जहां इस वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। पूरे अफ्रीका में कम से कम एक दर्जन देशों में मंकीपॉक्स के मामले दर्ज किए गए हैं। कांगो में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और कमजोर इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण इस बीमारी को रोकने में मुश्किलें आ रही हैं। यहां 3 मिलियन वैक्सीन डोज की आवश्यकता है, लेकिन फिलहाल केवल थोड़ी सी वैक्सीन उपलब्ध है। कांगो के स्वास्थ्य मंत्री रोजर काम्बा ने जानकारी दी कि अमेरिका और जापान ने वैक्सीन दान करने की पेशकश की है, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कितनी खुराकें दी जाएंगी और यह कब तक देश में पहुंचेंगी।
दुनियाभर में मंकीपॉक्स के आंकड़े
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल अब तक दुनिया भर में 17 हजार से ज्यादा मंकीपॉक्स के मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें 500 से अधिक मौतें हुई हैं। इनमें से 96 प्रतिशत मामले और अधिकांश मौतें कांगो में ही हुई हैं। कांगो की कमजोर स्वास्थ्य प्रणाली और बड़े भूभाग के कारण वहां इस बीमारी का प्रकोप रोक पाना मुश्किल हो गया है। मंकीपॉक्स का प्रकोप कांगो जैसे गरीब देशों के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है, जहां पहले से ही स्वास्थ्य सेवाएं अपर्याप्त हैं।
भारत में मंकीपॉक्स पर सतर्कता
भारत सरकार ने मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए सतर्कता बढ़ा दी है। हवाई अड्डों पर यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा रही है, और संदिग्ध मामलों को तुरंत आइसोलेशन में रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, अस्पतालों में आवश्यक दवाइयां और उपकरणों की व्यवस्था की जा रही है। देश के विभिन्न हिस्सों में स्वास्थ्य कर्मियों को मंकीपॉक्स के लक्षण पहचानने और उसके उपचार के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
भारत के प्रमुख शहरों में विशेष आइसोलेशन वार्ड बनाए जा रहे हैं और सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि इस वायरस के फैलाव को रोका जा सके। स्वास्थ्य मंत्रालय ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध लक्षण के मामले में तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें और खुद को आइसोलेट करें।
मंकीपॉक्स की इस महामारी से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास और जागरूकता आवश्यक है। दुनिया भर में फैल रही इस बीमारी को रोकने के लिए सभी देशों को मिलकर काम करना होगा और स्वास्थ्य सेवाओं को और सुदृढ़ करना होगा। मंकीपॉक्स जैसी बीमारियों से लड़ने के लिए सरकारों के साथ-साथ जनता की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए, यह आवश्यक है कि हम सभी इस वायरस के प्रति जागरूक रहें और सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करें। संक्रमण को रोकने के लिए समय पर जांच, आइसोलेशन, और उपचार सबसे महत्वपूर्ण कदम हैं। यदि हम सभी मिलकर सावधानी बरतें तो इस महामारी को फैलने से रोका जा सकता है।