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छठ महापर्व पर गंगा घाटों का रंग-रोगन: मोकामा के युवाओं ने दिखाई आस्था और समर्पण की मिसाल

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छठ महापर्व पर गंगा घाटों का रंग-रोगन: मोकामा के युवाओं ने दिखाई आस्था और समर्पण की मिसाल

मोकामा के सकरवार टोला महादेव स्थान के गंगा घाटों पर इस बार छठ पूजा के अवसर पर एक अलग ही माहौल देखने को मिला। जहां हर साल छठ पूजा के दौरान गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का जमावड़ा होता है, वहीं इस बार इन घाटों को सुंदर और स्वच्छ बनाने में युवाओं ने अपना योगदान दिया। छठी मैया की कृपा से प्रेरित होकर, इन युवा साथियों ने गंगा घाटों के रंग-रोगन और स्वच्छता का जिम्मा अपने कंधों पर लिया और रात भर जागकर इस कार्य को अंजाम दिया।

रंग-रोगन और सजावट के इस अभियान में शामिल सभी युवाओं ने भौतिक सुख-सुविधाओं को त्याग कर केवल समर्पण, उत्साह और उमंग के साथ इस सेवा कार्य को किया। गंगा घाटों की सीढ़ियों पर जब इन युवाओं के रंग-बिरंगे रंगों का स्पर्श पड़ा, तो घाटों की सुंदरता में जैसे चार चांद लग गए। महादेव स्थान के इन पावन घाटों पर किए गए रंग-रोगन ने छठ पर्व की पवित्रता और भव्यता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इस सेवा कार्य में जिन प्रमुख युवाओं का योगदान रहा, उनके नाम हैं – सुजल गौतम, सूरज कुमार, राजीव बरनवाल, पीयूष गौतम पांडे, साहिल, और गोविंद सिंह। इन सभी ने मिलकर अपनी पूरी निष्ठा से गंगा घाटों को सजाया और वहां की साफ-सफाई में अपना पूरा योगदान दिया। इनके साथ एक नन्हा बालक भी इस सेवा में शामिल हुआ, जिसने अपनी छोटी उम्र में ही एक बड़ा योगदान दिया। इस बालक के समर्पण और मेहनत ने इन युवाओं को भी प्रेरित किया और सभी ने एकजुट होकर इस सेवा कार्य को पूरा किया।

रातभर जागकर घाटों की सीढ़ियों पर रंग-रोगन करने का यह कार्य केवल दिखावे के लिए नहीं था, बल्कि यह उनके द्वारा छठी मैया के प्रति सम्मान और श्रद्धा का प्रतीक भी था। युवाओं ने छठ पूजा की महत्ता को समझते हुए इस सेवा कार्य में भाग लिया और गंगा घाटों को ऐसे सजाया, जैसे यह उनके अपने घर का आंगन हो। हर सीढ़ी को खूबसूरत रंगों से सजाने के साथ ही उन्होंने घाटों को स्वच्छ बनाए रखने का भी संकल्प लिया। यह सेवा कार्य समाज को यह संदेश देता है कि आज के युवा अपने धर्म, संस्कृति और परंपराओं के प्रति समर्पित हैं और उन्हें जीवित रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

सकरवार टोला के इन गंगा घाटों पर इस रंग-रोगन और स्वच्छता अभियान को पूरा करने में युवाओं ने केवल रातभर जागकर ही नहीं, बल्कि अपने कड़ी मेहनत से इस कार्य को पूरा किया। घाटों की सीढ़ियों पर रंग-बिरंगे रंगों का ऐसा नजारा बना दिया, जो किसी भी श्रद्धालु का मन मोह ले। छठ पर्व के लिए विशेष रूप से सजाए गए इन घाटों पर जब श्रद्धालु पहुंचेंगे, तो यह दृश्य निश्चित ही उनके मन में आनंद और प्रसन्नता भर देगा। छठ पूजा के पवित्र अवसर पर इन युवाओं का यह कार्य उनकी आस्था और छठी मैया के प्रति उनके विश्वास का प्रतीक है।

इस रंग-रोगन और स्वच्छता अभियान के माध्यम से इन युवाओं ने छठ पर्व की पवित्रता को बनाए रखने और घाटों को स्वच्छ रखने का संदेश दिया। जहां एक ओर वे इस सेवा कार्य से अपने धर्म और संस्कृति का सम्मान कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर उन्होंने समाज में यह जागरूकता फैलाने का प्रयास किया कि स्वच्छता हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है। छठ पूजा के दौरान गंगा घाटों की पवित्रता बनाए रखने में इन युवाओं का यह योगदान बहुत ही सराहनीय है और यह अन्य लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।

गंगा घाटों की साफ-सफाई और रंग-रोगन का यह कार्य केवल एक साधारण कार्य नहीं था। यह उन सभी युवाओं की मेहनत, उनके समर्पण और छठी मैया के प्रति उनकी आस्था का प्रतीक है। इन युवाओं का यह सेवा कार्य यह भी दर्शाता है कि हमारे समाज में आज भी ऐसे युवा हैं जो अपनी संस्कृति, परंपरा और धर्म के प्रति पूर्णतः समर्पित हैं और उसे जीवित रखने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

इन सभी युवाओं ने छठी मैया की कृपा से प्रेरित होकर इस सेवा कार्य को पूरा किया और सभी के मन में यह भावना रही कि छठी मैया की कृपा उन पर बनी रहे ताकि वे भविष्य में भी इसी उत्साह और जोश के साथ इस प्रकार के सेवा कार्यों में अपना योगदान दे सकें। छठी मैया का आशीर्वाद इन सभी पर बना रहे और वे इसी समर्पण भाव से गंगा घाटों की सेवा करते रहें। यह कामना है कि उनकी इस निस्वार्थ सेवा का फल उन्हें मिले और उनके जीवन में सदैव खुशियों की वर्षा हो।

यह स्वच्छता और सौंदर्यीकरण का अभियान केवल छठ पूजा के लिए ही नहीं, बल्कि आने वाले हर पर्व और त्यौहार पर समाज के लोगों को जागरूक करने का एक प्रयास भी है। छठ पूजा के इस पावन अवसर पर मोकामा के सकरवार टोला महादेव स्थान के इन गंगा घाटों पर किया गया यह कार्य उन सभी श्रद्धालुओं को एक सुंदर और स्वच्छ स्थान प्रदान करेगा, जहां वे अपनी पूजा-अर्चना कर सकें और छठी मैया का आशीर्वाद प्राप्त कर सकें।

हम सभी यह कामना करते हैं कि छठी मैया की कृपा इन सभी युवाओं पर बनी रहे और वे इसी जोश और उत्साह के साथ हर साल गंगा घाटों को सजाने और संवारने का कार्य करते रहें। छठी मैया की कृपा सभी पर बनी रहे ताकि समाज में इस प्रकार के सेवा कार्य होते रहें और आने वाली पीढ़ी को भी यह प्रेरणा मिल सके कि हमारी संस्कृति और परंपराओं का सम्मान कैसे किया जाए।

इस सेवा कार्य में युवाओं का यह योगदान समाज में एक नई दिशा देता है और यह संदेश देता है कि अपने धर्म और संस्कृति के प्रति सच्ची आस्था से किया गया कार्य न केवल हमें आंतरिक संतोष देता है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव भी लाता है। यह जनकारी मोकामा (पटना) से गोविंद सिंह ने दी हैं।

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