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ED Raids Amazon and Flipkart: 50 हजार करोड़ के फेमा उल्लंघन का आरोप

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ED Raids Amazon and Flipkart: 50 हजार करोड़ के फेमा उल्लंघन का आरोप

गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अमेजन, फ्लिपकार्ट और कुछ अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर छापेमारी की। यह छापेमारी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के कथित उल्लंघन पर की गई। ईडी ने दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई, और हैदराबाद में अमेजन और फ्लिपकार्ट के प्रमुख विक्रेताओं के करीब 21 परिसरों की तलाशी ली।

 

क्या है पूरा मामला?

इस छापेमारी का आधार कॉम्पिटिशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सीसीआई) की जांच है, जिसमें ये संकेत मिले कि ये ई-कॉमर्स कंपनियां विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) के नियमों का उल्लंघन कर रही हैं। आरोप है कि ये कंपनियां अपने विक्रेताओं के लिए समान अवसर उपलब्ध नहीं करा रही हैं और बिक्री मूल्य को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर रही हैं।

सूत्रों के मुताबिक, ईडी को अमेजन और फ्लिपकार्ट पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम का गंभीर उल्लंघन करने की जानकारी मिली थी। इसके आधार पर ही ईडी ने अपनी जांच को आगे बढ़ाया और इन कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी की।

 

इन कंपनियों पर क्या आरोप हैं?

ईडी की जांच में सामने आया है कि अमेजन और फ्लिपकार्ट के अलावा इनके सहयोगी विक्रेताओं में कई कंपनियां शामिल हैं जो विदेशी मुद्रा के नियमों का उल्लंघन कर रही हैं। इनमें अपीरियो रिटेल, दर्शिता रिटेल, आशियाना रिटेल और श्रीयस रिटेल जैसी कंपनियां प्रमुख रूप से शामिल हैं। आरोप है कि ये कंपनियां प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियमों का उल्लंघन करते हुए व्यापार कर रही हैं।

 

कितना बड़ा है FEMA उल्लंघन का मामला?

ईडी के अनुसार, ये उल्लंघन लगभग 50 हजार करोड़ रुपए तक का हो सकता है। इतने बड़े आर्थिक उल्लंघन के मामले में ईडी ने इन ई-कॉमर्स कंपनियों और उनके प्रमुख विक्रेताओं पर कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि ये कंपनियां विदेशी निवेशकों को अपनी रणनीति से प्रभावित कर रही हैं और बिना उचित अनुमति के विदेशी मुद्रा का हस्तांतरण कर रही हैं।

 

विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) क्या है?

FEMA एक केंद्रीय कानून है जो भारत में विदेशी मुद्रा के लेनदेन को नियंत्रित करता है। यह अधिनियम भारत में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के साथ ही विदेशी मुद्रा में हो रहे अवैध गतिविधियों को रोकने का काम करता है। इस अधिनियम के तहत अगर कोई कंपनी या व्यक्ति विदेशी मुद्रा के नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

 

ईडी की आगे की योजना

ईडी ने इस मामले की जांच को और भी गहराई से करने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि यह छापेमारी सिर्फ शुरुआत है और आगे भी इस मामले में कई अन्य कंपनियों और व्यक्तियों पर कार्रवाई की जा सकती है। ED का मानना है कि इस तरह के अवैध लेनदेन से न केवल भारतीय बाजार पर प्रभाव पड़ता है, बल्कि इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान होता है।

 

FDI नियमों का क्या है महत्व?

भारत में FDI (विदेशी प्रत्यक्ष निवेश) के नियम यह सुनिश्चित करते हैं कि विदेशी कंपनियां भारतीय कानूनों के अनुसार ही व्यापार करें। ई-कॉमर्स क्षेत्र में एफडीआई नियमों का विशेष महत्व है क्योंकि इससे छोटे विक्रेताओं को प्रतिस्पर्धा में समान अवसर मिलता है। लेकिन, अगर बड़ी कंपनियां इन नियमों का उल्लंघन करती हैं और छोटे विक्रेताओं के लिए अनुचित प्रतिस्पर्धा पैदा करती हैं, तो यह देश की अर्थव्यवस्था और छोटे व्यवसायों के हितों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

 

क्या होगा आगे?

यह मामला अब धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है, और इस पर ईडी की गहरी नजर बनी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ईडी को इस मामले में और सबूत मिलते हैं, तो इस पर कानूनी कार्रवाई और तेज हो सकती है। साथ ही, ईडी यह भी सुनिश्चित करेगी कि जो भी नियमों का उल्लंघन हुआ है, उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो।

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