उत्तर प्रदेश के किले और पैलेस पर्यटन का नया चेहरा बनेंगे
उत्तर प्रदेश अपने समृद्ध अतीत को संरक्षित करते हुए विकास की नई कहानी लिखने को तैयार है। राज्य में मौजूद ऐतिहासिक किले, कोठियां और पैलेस अब पर्यटन के केंद्र बनेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पर्यटन विभाग 7 दिसंबर को लखनऊ के होटल ताज में हेरिटेज कॉन्क्लेव का आयोजन करेगा। इस आयोजन में देशभर से 60 से अधिक राजा-महाराजाओं और 250 से ज्यादा होटल मालिकों, निवेशकों और रियल एस्टेट विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है।
पर्यटन में अग्रणी राज्य बन रहा है उत्तर प्रदेश
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश हाल के वर्षों में पर्यटन विकास के मामले में शीर्ष स्थान पर है। वर्ष 2023 में प्रदेश ने 48 करोड़ से अधिक पर्यटकों का स्वागत किया। अयोध्या, काशी, मथुरा और प्रयागराज जैसे तीर्थस्थलों के साथ ही अब हेरिटेज टूरिज्म को भी बढ़ावा देने की तैयारी है। राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों की तर्ज पर यूपी के किले, पैलेस और कोठियों को हेरिटेज होटल, वेडिंग डेस्टिनेशन, वेलनेस सेंटर, रिजॉर्ट और कल्चरल हब के रूप में विकसित किया जाएगा।
6 ऐतिहासिक प्रॉपर्टी होंगी PPP मॉडल पर विकसित
पर्यटन विभाग ने हाल ही में चुनार का किला (मिर्जापुर), बरुआसागर का किला (झांसी), छतर मंजिल (लखनऊ), बरसाना महल (मथुरा), शुक्ल तालाब (कानपुर देहात), और रोशन-उद-दौला (लखनऊ) को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत विकसित करने का निर्णय लिया है। इन स्थानों को उनके ऐतिहासिक स्वरूप और वास्तुकला को बनाए रखते हुए आधुनिक सुविधाओं के साथ सुसज्जित किया जाएगा।
हेरिटेज कॉन्क्लेव के मुख्य उद्देश्य
1. राजा-महाराजाओं और निवेशकों से संवाद:
कॉन्क्लेव का उद्देश्य राज्य में मौजूद ऐतिहासिक संपत्तियों का विकास कर पर्यटन को बढ़ावा देना है। 60 से अधिक राजा-महाराजाओं और 250 इन्वेस्टर्स के बीच सीधा संवाद होगा।
2. एमओयू पर हस्ताक्षर:
कॉन्क्लेव के दौरान पर्यटन विभाग की 6 प्रॉपर्टी पर PPP मॉडल में विकास के लिए समझौते होंगे।
3. स्थानीय रोजगार का सृजन:
पर्यटन स्थलों पर हेरिटेज टूरिज्म से स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
रोजगार और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा
इस पहल से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के हजारों नए अवसर पैदा होंगे। हेरिटेज होटल और वेडिंग डेस्टिनेशन जैसे परियोजनाओं से न केवल पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय बाजारों, शिल्पकारों और उद्यमियों को भी लाभ होगा।
पर्यटन के अनुभव में सुधार
योगी सरकार का यह प्रयास उत्तर प्रदेश को ग्लोबल हेरिटेज टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करेगा। स्थानीय संस्कृति और इतिहास को संरक्षित करते हुए इन स्थलों को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करना, पर्यटकों को विश्वस्तरीय अनुभव प्रदान करेगा।
हेरिटेज कॉन्क्लेव उत्तर प्रदेश में विरासत पर्यटन के विकास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। यह पहल राज्य को न केवल भारत, बल्कि वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर भी नई पहचान दिलाएगी।