बुधवार सुबह तेलंगाना के मुलुगु जिले में 5.3 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे कई जिलों में दहशत फैल गई। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप सुबह 7:27 बजे आया। इसके झटके हैदराबाद सहित कई अन्य जिलों में महसूस किए गए। भूकंप के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकल आए और पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। राहत की बात यह है कि इस भूकंप से अब तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
किन जिलों में महसूस हुए झटके?
भूकंप का असर तेलंगाना के कई जिलों में देखा गया। झटके करीब 3 सेकंड तक महसूस हुए। प्रभावित जिलों में खम्मम, महबूबाबाद, नलगोंडा, वारंगल, हनुमाकोंडा, रंगारेड्डी, हैदराबाद, संगारेड्डी, मंचिरयाला और भद्राद्री शामिल हैं।
खम्मम जिले के कोठागुडेम, चार्ला, चिंताकानी, नागुलवंचा, मनुगुरु और भद्राचलम क्षेत्रों में झटके ज्यादा जोरदार थे। इन इलाकों में लोगों ने भूकंप के दौरान दीवारों और खिड़कियों के हिलने की आवाजें सुनीं, जिससे वे तुरंत घरों से बाहर निकल गए।
आंध्र प्रदेश के जिलों में भी हुआ असर
भूकंप का असर तेलंगाना के अलावा आंध्र प्रदेश के कुछ जिलों में भी महसूस किया गया। कृष्णा और एलुरु जिलों के कुछ हिस्सों में हल्के झटके दर्ज किए गए। अधिकारियों के अनुसार, गोदावरी जलग्रहण क्षेत्र और कोयला बेल्ट क्षेत्र में भूकंप की तीव्रता सबसे अधिक थी।
Telangana was hit b y a 5.3 magnitude earthquake on Wednesday morning.
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भूकंप के कारण और संभावित प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि यह भूकंप तेलंगाना क्षेत्र में दुर्लभ घटनाओं में से एक है। भूकंप की तीव्रता 5.3 मापी गई, जो क्षेत्र में कम ही देखने को मिलती है। इस कारण लोग शुरुआत में समझ नहीं पाए कि यह भूकंप था या कोई अन्य घटना।
अधिकारियों ने बताया कि भूकंप का केंद्र मुलुगु जिले में था, और इसके झटके आस-पास के इलाकों में फैल गए। उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन असुरक्षित संरचनाओं में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
प्रशासन की तैयारियां और राहत कार्य
भूकंप के तुरंत बाद अधिकारियों ने स्थिति का जायजा लेना शुरू कर दिया है। जिला प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में टीमों को तैनात कर दिया है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां की जा रही हैं।
- सावधानी बरतने की सलाह:
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे असुरक्षित इमारतों और भीड़-भाड़ वाले स्थानों से दूर रहें। - निरीक्षण जारी:
अधिकारियों ने भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में इमारतों की जांच शुरू कर दी है, ताकि किसी भी संभावित नुकसान का आकलन किया जा सके।
तेलंगाना में भूकंप की घटनाएं क्यों दुर्लभ हैं?
तेलंगाना आमतौर पर भूकंप-प्रवण क्षेत्र नहीं माना जाता है। इसके बावजूद, हाल के वर्षों में इस क्षेत्र में हल्के भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह भूकंप क्षेत्र में होने वाली भूगर्भीय गतिविधियों का नतीजा हो सकता है।
- क्षेत्रीय भूगर्भीय स्थिति:
गोदावरी जलग्रहण क्षेत्र और कोयला बेल्ट जैसी जगहों पर भूगर्भीय हलचलें अक्सर महसूस की जाती हैं। - भविष्य के लिए चेतावनी:
विशेषज्ञों ने भविष्य में भूकंप की संभावनाओं को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी है।
भूकंप से बचाव के लिए सुझाव
भूकंप के दौरान जान-माल के नुकसान से बचने के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए गए हैं:
- असुरक्षित संरचनाओं से दूर रहें।
- भूकंप के झटके महसूस होते ही घर से बाहर खुले स्थान पर जाएं।
- खिड़कियों और भारी फर्नीचर से दूर रहें।
- भूकंप के बाद इमारतों की जांच कराएं।
क्या कहते हैं लोग?
भूकंप के झटकों के बाद से लोगों में डर का माहौल है। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर अपने अनुभव साझा किए। हैदराबाद के एक निवासी ने ट्वीट किया, "हमने पहली बार इतनी तेज भूकंप का अनुभव किया। दीवारें और खिड़कियां हिलने लगीं। हम तुरंत बाहर भागे।"
तेलंगाना में बुधवार को आए भूकंप ने लोगों को डरा दिया है, लेकिन राहत की बात यह है कि इससे कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और विशेषज्ञ भूकंप के कारणों का अध्ययन कर रहे हैं।
भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए तैयारी और जागरूकता जरूरी है। लोगों को प्रशासन की सलाह का पालन करना चाहिए और सतर्क रहना चाहिए।