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अक्टूबर में जीएसटी संग्रह ने छह महीने का उच्चतम स्तर छू लिया, 1.87 ट्रिलियन रुपये पर पहुंचा

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अक्टूबर में जीएसटी संग्रह ने छह महीने का उच्चतम स्तर छू लिया, 1.87 ट्रिलियन रुपये पर पहुंचा

1 नवंबर को जारी किए गए सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2024 में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह ने एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया। यह संग्रह 1.87 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच गया है, जो पिछले छह महीनों में सबसे अधिक है। यह लगातार आठवें महीने 1.7 ट्रिलियन रुपये की सीमा से ऊपर बना रहा है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

अक्टूबर 2024 में जीएसटी संग्रह में पिछले महीने की तुलना में 8.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साल-दर-साल तुलना करने पर, यह 8.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है, जो कि पिछले वर्ष अक्टूबर में 1.72 ट्रिलियन रुपये था।

जीएसटी संग्रह का साल-दर-साल विश्लेषण

अप्रैल से अक्टूबर 2024 तक के आंकड़ों के अनुसार, जीएसटी का कुल संग्रह 12.74 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच गया है। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 11.64 ट्रिलियन रुपये के मुकाबले 9.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। यह वृद्धि दर्शाती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है, जिससे जीएसटी संग्रह में भी बढ़ोतरी हो रही है।

रिफंड के बाद, अक्टूबर 2024 के लिए शुद्ध जीएसटी राजस्व 1.68 ट्रिलियन रुपये रहा, जो अक्टूबर 2023 में 1.55 ट्रिलियन रुपये से 7.9 प्रतिशत अधिक है। यह आंकड़ा यह दिखाता है कि आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है, जो जीएसटी संग्रह में वृद्धि के पीछे का मुख्य कारण है।

आर्थिक प्रदर्शन और जीएसटी

जीएसटी राजस्व में हालिया वृद्धि पिछले कुछ महीनों में भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत प्रदर्शन को दर्शाती है, जब जीएसटी संग्रह में गिरावट आई थी। हालाँकि, सितंबर में जीएसटी राजस्व वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रही, जो कोविड के बाद से सबसे कम थी।

इसके अतिरिक्त, औसत मासिक जीएसटी संग्रह में भी गिरावट देखी गई है। वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में औसत मासिक जीएसटी संग्रह 1.86 ट्रिलियन रुपये था, जबकि दूसरी तिमाही में यह घटकर 1.77 ट्रिलियन रुपये रह गया।

राज्यों के बीच जीएसटी संग्रह में भिन्नता

राज्यों में जीएसटी राजस्व संग्रह में काफी भिन्नता देखी गई है। लद्दाख ने 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो कि सबसे अधिक है। इसके बाद केरल में 20 प्रतिशत और हरियाणा में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई। हालांकि, अरुणाचल प्रदेश और ‘अन्य क्षेत्र’ श्रेणी में क्रमशः 33 प्रतिशत और 37 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।

यह भिन्नता दर्शाती है कि कुछ राज्यों में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है, जबकि अन्य राज्यों में सुस्ती बनी हुई है।

अगस्त 2024 का जीएसटी संग्रह

अगस्त 2024 में जीएसटी संग्रह 1.75 ट्रिलियन रुपये रहा। इसी महीने में सकल घरेलू राजस्व 5.9 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.27 ट्रिलियन रुपये हो गया। इसके साथ ही, माल आयात से राजस्व में भी 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो 45,390 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

अगस्त में जारी किए गए रिफंड की राशि 20,458 करोड़ रुपये रही, जो पिछले वर्ष की तुलना में 31 प्रतिशत अधिक है। यह दर्शाता है कि सरकार ने व्यापारियों और उद्योगों को समर्थन देने के लिए अधिक रिफंड जारी किए हैं।

भविष्य की दिशा

जीएसटी संग्रह में वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह दिखाता है कि व्यवसायों और उपभोक्ताओं के बीच आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ रही हैं। सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के परिणामस्वरूप, जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी देखने को मिली है।

आने वाले महीनों में, यदि यह वृद्धि जारी रहती है, तो इससे अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी। यह महत्वपूर्ण है कि राज्य और केंद्र सरकारें व्यापारियों और उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए अनुकूल नीतियों को जारी रखें।

अक्टूबर 2024 का जीएसटी संग्रह इस बात का प्रमाण है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है और जीएसटी प्रणाली ने राजस्व संग्रह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह संग्रह न केवल वर्तमान आर्थिक स्थिति को दर्शाता है, बल्कि भविष्य की संभावनाओं के लिए भी एक आशाजनक संकेत है।

अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में विकास और व्यापार के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए सभी हितधारकों को एक साथ काम करना होगा। उम्मीद है कि आने वाले समय में जीएसटी संग्रह में और वृद्धि होगी, जिससे आर्थिक विकास को और बल मिलेगा।

जीएसटी संग्रह का यह आंकड़ा हमें यह समझाता है कि यदि हम सभी एकजुट होकर काम करें, तो भारतीय अर्थव्यवस्था को और मजबूत किया जा सकता है। सभी राज्यों को अपने राजस्व संग्रह को बढ़ाने के लिए बेहतर रणनीतियों को अपनाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही, व्यापारियों और उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार को भी सही नीतियों पर ध्यान देना होगा।

इस प्रकार, जीएसटी संग्रह में यह वृद्धि हमें एक नई दिशा दिखाती है, जहां भारत की अर्थव्यवस्था मजबूती की ओर अग्रसर है।

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