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Karva Chauth: सुहागिनों के लिए विशेष त्यौहार, खरीदारी और तैयारी का माहौल

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 Karva Chauth: सुहागिनों के लिए विशेष त्यौहार, खरीदारी और तैयारी का माहौल

करवा चौथ का त्यौहार इस रविवार को धूमधाम से मनाया जाएगा, जब सुहागिन महिलाएँ अपने पतियों के लिए उपवास रखेंगी। इस दिन महिलाएँ दुल्हन की तरह सज-धज कर अपने पति का दीदार करेंगी। त्यौहार की तैयारियों के चलते शहर के सदर बाजार से लेकर विभिन्न सेक्टरों की मार्केट और मॉल में खासा चहल-पहल देखने को मिली।

शॉपिंग का माहौल

शनिवार को बाजारों में महिलाओं की भीड़ देखी गई, जिन्होंने जमकर कपड़े, गहने और मेकअप के सामान की खरीदारी की। इस बार ब्यूटी पार्लरों ने भी ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए फेस्टिव सीजन में 30 से 40 प्रतिशत तक की छूट दी है। फेशियल, नेल आर्ट और हेयरकट में लुभावने ऑफर चल रहे हैं, जिसके चलते शहर के हर ब्यूटी पार्लर में सुबह से लेकर देर रात तक ग्राहकों की लाइनें लगी रहीं।

ज्वैलरी की बढ़ती मांग

ज्वैलरी शोरूम संचालकों का कहना है कि करवा चौथ के लिए ज्वैलरी की अग्रिम बुकिंग काफी अधिक हुई थी। शनिवार को सुबह से लेकर रात तक महिलाओं ने खरीदारी की। पिछले वर्षों के मुकाबले इस बार ज्वैलरी का बिजनेस बेहतर होने की उम्मीद है। सोने के साथ-साथ डायमंड की लाइट वेट ज्वैलरी की मांग भी अधिक रही है।

मेहंदी लगवाने की होड़

शहर के सदर बाजार में मेहंदी वाली गली, सेक्टर-14 मार्केट, सेक्टर-40 समेत अन्य स्थानों पर महिलाएँ मेहंदी लगवाने के लिए सुबह से ही पहुंचने लगीं। प्रसिद्ध मेहंदी आर्टिस्टों के यहाँ सबसे अधिक संख्या में महिलाओं ने मेहंदी लगवाई। देर रात तक मेहंदी आर्टिस्ट बाजार में ही बैठे रहे। सदर बाजार में लगभग सभी दुकानदारों ने अपनी दुकान के बाहर मेहंदी वाले रखे हुए थे, ताकि कपड़े और ज्वैलरी खरीदने आने वाली महिलाएं वहीं से मेहंदी लगवाकर घर लौट सकें। शनिवार का अवकाश होने के कारण बाजार में ग्राहकों की भीड़ अधिक रही।

सरगी का महत्व

करवा चौथ पर 'सरगी' का खास महत्व होता है। यह एक पारंपरिक प्रथा है जिसमें सास अपनी बहू को सरगी देती हैं। सरगी में खाने की चीजों के साथ-साथ शृंगार की सामग्री भी होती है। महिलाएं सरगी खाकर ही करवा चौथ का व्रत शुरू करती हैं। इसमें सूखे मेवे, फल और मिठाई शामिल होती हैं, जो इस दिन को खास बनाती हैं।

करवा चौथ का महत्व

करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा किया जाता है, जिसमें वे अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। यह व्रत पत्नी की शक्ति और पति के प्रति समर्पण का प्रतीक है। इस व्रत का पालन करना एक ऐसा अवसर है, जब महिलाएं विपरीत परिस्थितियों में अपने पति के प्रति अटूट प्यार, विश्वास और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन करती हैं।

करवा चौथ का व्रत पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाता है और उनके वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाता है। इस दिन महिलाएं पूजा-अर्चना करती हैं और भक्तिपूर्वक इस दिन की सभी रस्मों को निभाती हैं।

बाजार में छाया उत्सव का माहौल

इस त्यौहार के अवसर पर बाजारों में उत्सव का माहौल बना हुआ है। सजावट से लेकर रोशनी तक, हर जगह करवा चौथ की धूमधाम है। महिलाएं एक-दूसरे से चर्चा करते हुए, अपने साज-सज्जा और मेहंदी के डिज़ाइन पर बातें कर रही हैं। कई महिलाएं अपने प्रियजनों के लिए विशेष उपहार भी खरीदने आई हैं।

व्रत का जश्न और रिवाज

करवा चौथ का व्रत केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह प्यार और एकता का प्रतीक भी है। इस दिन महिलाएं संतान सुख, पति की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना करती हैं। व्रत के बाद जब चाँद निकलता है, तब महिलाएं अपने पति के साथ मिलकर चाँद को देखकर अपना उपवास खोलती हैं।

ब्यूटी और मेकअप का स्पेशल फोकस

त्यौहार के अवसर पर महिलाओं ने अपने लिए विशेष मेकअप और ब्यूटी ट्रीटमेंट्स का चयन किया है। ब्यूटी पार्लरों में विभिन्न प्रकार के पैकेज और छूट दी जा रही हैं, ताकि महिलाएं इस खास दिन पर खूबसूरत और आत्मविश्वास से भरी दिखें।

इस करवा चौथ पर महिलाएं अपने पतियों के प्रति अपनी समर्पण भावना को दर्शाने के लिए सज-धज कर तैयार हो रही हैं। बाजारों की चहल-पहल और उत्सव का माहौल इस बात का प्रमाण है कि करवा चौथ भारतीय संस्कृति का एक अनमोल हिस्सा है, जो प्यार, एकता और समर्पण की भावना को प्रकट करता है।

इस त्यौहार का जश्न न केवल महिलाओं के लिए बल्कि पूरे परिवार के लिए विशेष होता है, जिससे सभी का बंधन और भी मजबूत होता है।

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