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UP Roadways: रोडवेज कर्मचारियों के लिए वर्दी पहनने का नया आदेश

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UP Roadways: रोडवेज कर्मचारियों के लिए वर्दी पहनने का नया आदेश

उत्तर प्रदेश रोडवेज: 2025 से चालक और परिचालक के लिए वर्दी अनिवार्य

उत्तर प्रदेश परिवहन निगम (UPSRTC) ने अपनी चालक और परिचालकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब से सभी रोडवेज कर्मचारियों को जनवरी 2025 से वर्दी पहननी होगी। इसके लिए परिवहन निगम ने 37,273 कर्मचारियों की सूची तैयार की है, जिनमें संविदा और नियमित दोनों प्रकार के चालक और परिचालक शामिल हैं। इन कर्मचारियों के खाते में 1800 रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे, जिससे वे खुद कपड़ा खरीद सकेंगे और अपनी वर्दी सिलवा सकेंगे। यह पहल कर्मचारियों की वर्दी से संबंधित पुराने मुद्दों को हल करने के लिए की गई है।

 

वर्दी के लिए ट्रांसफर की गई राशि

परिवहन निगम द्वारा अब कर्मचारियों को वर्दी के लिए 1800 रुपये का भुगतान किया जाएगा। इस राशि का इस्तेमाल कर्मचारियों द्वारा कपड़ा खरीदने और सिलाई कराने में किया जाएगा। पहले कर्मचारियों को वर्दी उपलब्ध कराई जाती थी, लेकिन कई कर्मचारियों ने शिकायत की थी कि पुरानी वर्दी अब फट चुकी है और नए कपड़े सिलवाने के लिए धनराशि नहीं दी जा रही थी। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए अब परिवहन निगम ने यह कदम उठाया है।

 

वर्दी पहनना होगा अनिवार्य

जनवरी 2025 से रोडवेज के कर्मचारियों के लिए वर्दी पहनना अनिवार्य होगा। इस निर्णय के बाद यदि कोई कर्मचारी वर्दी नहीं पहनता है तो उसके खिलाफ जुर्माना वसूला जाएगा। जुर्माने की यह व्यवस्था तीन स्तरों पर होगी:

  1. पहली बार उल्लंघन पर - 50 रुपये जुर्माना लगेगा।
  2. दूसरी बार उल्लंघन पर - 100 रुपये जुर्माना होगा।
  3. तीसरी बार उल्लंघन पर - 150 रुपये जुर्माना लगेगा।
    इसके बाद जुर्माने की राशि 100-100 रुपये बढ़ा दी जाएगी, और यह जुर्माना कर्मचारी के वेतन से काटा जाएगा। इस निर्णय से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी कर्मचारी समय पर वर्दी पहनकर अपने काम पर आएं और सेवा में अनुशासन बना रहे।

 

कर्मचारियों की संख्या और कुल खर्च

उत्तर प्रदेश रोडवेज के नियमित और संविदा कर्मचारियों की कुल संख्या 37,273 है। इनमें से 3,390 नियमित ड्राइवर और 2,370 कंडक्टर हैं, जबकि संविदा ड्राइवरों की संख्या 14,794 और कंडक्टरों की संख्या 16,719 है। इस आंकड़े को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि इस योजना पर लगभग 6.75 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

 

कर्मचारियों को वर्दी से जुड़ी समस्याओं का समाधान

वर्षों से रोडवेज कर्मचारियों के लिए वर्दी की उपलब्धता एक समस्या रही है। कई कर्मचारियों ने शिकायत की थी कि उन्हें पहले वर्दी दी गई थी, लेकिन वे अब फटी हुई हैं। इसके बाद कर्मचारियों को नई वर्दी देने के लिए धनराशि उपलब्ध नहीं कराई जा रही थी। इस समस्या को देखते हुए अब परिवहन निगम ने हर कर्मचारी को 1800 रुपये की राशि देने का निर्णय लिया है ताकि वे अपने कपड़े खुद खरीद सकें और सिलवाने का काम स्वयं करवा सकें।

 

वर्दी के सिलाई की जिम्मेदारी कर्मचारियों की

अब, कर्मचारियों के पास खुद वर्दी सिलवाने की जिम्मेदारी होगी। उन्हें यह स्वतंत्रता दी गई है कि वे खुद अपने कपड़े खरीदें और सिलवाने का काम करें। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि कर्मचारी अपनी वर्दी को खुद अपनी पसंद के अनुसार सिलवाए और वह पूरी तरह से फिट हो सके।

 

कर्मचारियों की सुरक्षा और सुविधाओं पर ध्यान

इस फैसले से कर्मचारियों के काम करने का तरीका और उनका अनुशासन सुधरने की उम्मीद है। वर्दी पहनने से कर्मचारियों को एक पेशेवर लुक मिलेगा और यह रोडवेज सेवा में एक नई पहचान स्थापित करेगा। इसके अलावा, वर्दी पहनने से कर्मचारियों में एक प्रकार की एकजुटता और अनुशासन भी बनेगा।

 

वर्दी के लागू होने से पहले की तैयारियां

अब तक कर्मचारियों को वर्दी की कमी का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन नए फैसले के बाद, हर कर्मचारी को एक निश्चित राशि दी जाएगी ताकि वे अपनी वर्दी खरीद सकें। इसके अलावा, कर्मचारियों को समय पर कपड़े सिलवाने की सुविधा भी दी जाएगी ताकि वे जनवरी 2025 से वर्दी पहनकर काम पर आ सकें। इस फैसले से कर्मचारियों में उत्साह का माहौल है, और वे इसे अपने पेशेवर जीवन में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मान रहे हैं।

 

वर्दी से जुड़ी संभावनाएं और प्रभाव

यह निर्णय केवल कर्मचारियों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे परिवहन विभाग के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव हो सकता है। इससे रोडवेज सेवाओं में बेहतर अनुशासन और पेशेवर तरीके से काम करने की संभावना बढ़ सकती है। वर्दी पहनने से कर्मचारियों को अपनी भूमिका में एक नया आत्मविश्वास मिलेगा। इसके अलावा, यह कदम रोडवेज कर्मचारियों को सामाजिक सम्मान भी दिला सकता है, क्योंकि पेशेवर वर्दी कर्मचारी को अधिक जिम्मेदारी और सम्मान देती है।

 

उत्तर प्रदेश रोडवेज द्वारा जनवरी 2025 से कर्मचारियों के लिए वर्दी पहनना अनिवार्य करने का फैसला एक ऐतिहासिक कदम है। इसके तहत 37,273 कर्मचारियों को वर्दी के लिए 1800 रुपये की राशि दी जाएगी, जिससे वे खुद कपड़े खरीद सकेंगे और सिलवा सकेंगे। इसके साथ ही, वर्दी न पहनने पर जुर्माना लगाने का भी प्रावधान रखा गया है। इस कदम से रोडवेज कर्मचारियों के बीच अनुशासन और पेशेवरता बढ़ने की उम्मीद है।

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