उत्तर प्रदेश के किसानों ने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच शुरू कर दिया है। इसके चलते दिल्ली बॉर्डर और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। किसानों के इस प्रदर्शन ने यातायात को बाधित कर दिया है, जिससे सुबह से ही लोगों को ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ा।
भारी जाम से लोगों को परेशानी
दिल्ली और यूपी के बॉर्डर पर जैसे ही किसानों का कूच शुरू हुआ, डीएनडी फ्लाईवे, चिल्ला बॉर्डर और कालिंदी कुंज जैसे मुख्य रास्तों पर ट्रैफिक जाम हो गया। सुबह ऑफिस और स्कूल जाने वाले यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
नोएडा के सेक्टर 15ए से दिल्ली और कालिंदी कुंज से दिल्ली जाने वाले मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। यातायात पुलिस के अनुसार, किसानों के दिल्ली मार्च के कारण चेकिंग के चलते यह समस्या उत्पन्न हुई। हालांकि, बाद में सभी रेड लाइट को ग्रीन कर यातायात सामान्य करने का प्रयास किया गया।
सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
किसानों के इस बड़े प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पुलिस ने बताया कि 5,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। इसके साथ ही 1,000 पीएसी के जवान, वाटर कैनन और टियर गैस स्क्वॉड को भी स्टैंडबाई पर रखा गया है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त शिवहरि मीना ने बताया कि किसानों से वार्ता करने की लगातार कोशिश की जा रही है। रविवार को भी तीन घंटे तक बातचीत हुई थी। पुलिस ने ट्रैफिक प्रबंधन के लिए तीन स्तरीय योजना तैयार की है ताकि स्थिति को काबू में रखा जा सके।
क्या हैं किसानों की मांगें?
किसान अपनी कई महत्वपूर्ण मांगों को लेकर दिल्ली कूच कर रहे हैं। इनकी मुख्य मांगें हैं:
- आबादी भूखंड: किसानों को 10% आबादी भूखंड दिए जाएं।
- मुआवजा: भूमि अधिग्रहण पर 64.7% अधिक मुआवजा दिया जाए।
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी): फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी सुनिश्चित की जाए।
- रोजगार और पुनर्वास: भूमिधर और भूमिहीन किसानों के सभी बच्चों को रोजगार दिया जाए।
- भूमि अधिग्रहण कानून 2013: नए कानून के तहत सभी लाभ दिए जाएं।
- पारित मुद्दों का शासनादेश: आबादी वाले क्षेत्रों का उचित निस्तारण और शासनादेश जारी किया जाए।
किसानों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं
दिल्ली पुलिस ने बताया कि संसद सत्र चलने के कारण किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई है। पूर्वी दिल्ली की डीसीपी अपूर्व गुप्ता ने कहा कि दिल्ली-यूपी बॉर्डर के सभी प्रमुख स्थानों पर सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।
नोएडा पुलिस और दिल्ली पुलिस समन्वय बनाकर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही हैं।
आंदोलन की अगली योजना
किसान संगठनों ने 6 दिसंबर को अपनी मांगों को लेकर बड़े स्तर पर प्रदर्शन की योजना बनाई है। यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
किसानों और प्रशासन के बीच वार्ता जारी
पुलिस और प्रशासन किसानों से लगातार वार्ता कर रहे हैं ताकि समस्या का समाधान निकाला जा सके। संयुक्त पुलिस आयुक्त शिवहरि मीना ने बताया कि किसानों से बातचीत के दौरान उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश की जा रही है।
किसानों के प्रदर्शन का असर
- यातायात बाधित: चिल्ला बॉर्डर, डीएनडी फ्लाईवे और अन्य प्रमुख मार्गों पर भारी ट्रैफिक जाम।
- आर्थिक प्रभाव: बॉर्डर के आसपास के व्यवसाय भी प्रभावित हुए।
- यात्रियों की परेशानी: सुबह ऑफिस और स्कूल जाने वालों को कठिनाई हुई।