उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने प्रतियोगी छात्रों की मांग मानते हुए UP PCS प्री 2024 परीक्षा को एक ही दिन में आयोजित करने का फैसला किया है। इसके साथ ही समीक्षा अधिकारी (RO) और सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) भर्ती परीक्षा 2023 को स्थगित कर दिया गया है। इस फैसले की घोषणा आयोग के सचिव ने गुरुवार को की। प्रयागराज में पिछले चार दिनों से छात्र आयोग कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। छात्रों की मांग थी कि नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया और दो शिफ्ट में होने वाली परीक्षाओं को समाप्त किया जाए।
प्रदर्शन के चार दिनों का घटनाक्रम
पहला दिन (सोमवार)
सोमवार सुबह 10:30 बजे से ही सैकड़ों छात्र प्रयागराज स्थित लोक सेवा आयोग के कार्यालय के सामने प्रदर्शन के लिए एकत्रित होना शुरू हो गए। कुछ ही समय में छात्रों की संख्या में इजाफा हुआ और वे नारेबाजी करने लगे। करीब 11:30 बजे पुलिस और छात्रों के बीच धक्का-मुक्की हुई। दोपहर 12 बजे प्रदर्शन उग्र हो गया और छात्रों ने बैरिकेडिंग तोड़ते हुए आयोग की ओर कूच किया। पुलिस ने स्थिति को काबू में करने के लिए लाठीचार्ज किया, जिससे भगदड़ मच गई।
इसके बाद UPPSC ने एक बयान जारी कर कहा कि PCS प्री परीक्षा शासन की गाइडलाइन्स के अनुसार निर्धारित तिथि 7 और 8 दिसंबर को होगी और RO-ARO परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को आयोजित की जाएगी।
दूसरा दिन (मंगलवार)
दूसरे दिन भी छात्रों का प्रदर्शन जारी रहा। पुलिस ने इस बार सुरक्षा के इंतजाम बढ़ा दिए थे और PAC बल की तैनाती भी की गई थी। जिलाधिकारी और कमिश्नर ने प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर छात्रों से संवाद किया और उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन समाप्त कर अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से आयोग के अधिकारियों से बातचीत करें।
तीसरा दिन (बुधवार)
तीसरे दिन भी प्रदर्शनकारी छात्र आयोग के बाहर जमा रहे। पुलिस ने छात्रों को आयोग तक पहुंचने से रोकने के लिए सभी प्रयास किए। इस दौरान दिल्ली, लखनऊ और अन्य प्रदेशों से भी प्रतियोगी छात्र इस विरोध में शामिल होने के लिए पहुंचे। छात्रों का कहना था कि दो दिवसीय परीक्षा की प्रणाली से उनके साथ अन्याय हो रहा है और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया में विसंगतियां उत्पन्न हो सकती हैं।
छात्रों ने सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नारेबाजी का विरोध करते हुए कहा कि उनका आंदोलन सिर्फ दो दिवसीय परीक्षा और नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ है, इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाया जाए। छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता प्रदर्शन को उग्र बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
चौथा दिन (गुरुवार)
गुरुवार को भी प्रदर्शनकारी छात्र अपने मांगों पर अड़े रहे। पुलिस ने आयोग जाने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेड्स लगा दिए थे और सैकड़ों पुलिसकर्मियों को तैनात किया था। बावजूद इसके आक्रोशित छात्रों ने बैरिकेडिंग तोड़ते हुए आयोग के कार्यालय तक पहुंचने की कोशिश की। इस दौरान कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा छात्रों के साथ अभद्रता किए जाने के कारण टकराव की स्थिति बन गई।
UPPSC का बड़ा फैसला
छात्रों के लगातार प्रदर्शन और मांगों को देखते हुए UPPSC ने आखिरकार UP PCS प्री 2024 परीक्षा को एक ही दिन में आयोजित करने का फैसला किया। इसके अलावा, RO-ARO परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है। आयोग के इस फैसले से प्रदर्शनकारी छात्रों को थोड़ी राहत मिली है।
प्रदर्शन के कारण
छात्रों का आरोप था कि दो शिफ्ट में परीक्षा कराने से परिणाम में भिन्नता आ सकती है और नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया में त्रुटियां हो सकती हैं। इसके कारण सही मूल्यांकन नहीं हो सकेगा और कुछ छात्रों को अन्याय का सामना करना पड़ सकता है। इसी वजह से छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे थे और एक ही दिन में परीक्षा कराने की मांग कर रहे थे।
क्या है नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया?
नॉर्मलाइजेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें अलग-अलग शिफ्ट में दिए गए परीक्षाओं के परिणामों को समान स्तर पर लाया जाता है। यह प्रक्रिया तब अपनाई जाती है जब एक ही परीक्षा कई शिफ्टों में होती है, जिससे सभी परीक्षार्थियों के स्कोर की तुलना की जा सके। हालांकि, छात्रों का कहना था कि यह प्रक्रिया सही तरीके से लागू नहीं की जाती, जिससे परिणाम में भिन्नता हो सकती है।
RO-ARO परीक्षा की तिथि स्थगित
UPPSC ने RO-ARO (समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी) भर्ती परीक्षा 2023 को भी स्थगित कर दिया है। यह परीक्षा पहले 22 और 23 दिसंबर को होने वाली थी, लेकिन अब नई तिथि की घोषणा जल्द ही की जाएगी।
छात्रों का अगला कदम
प्रयागराज और लखनऊ में चार दिनों तक चले इस प्रदर्शन के बाद UPPSC ने छात्रों की मांगें मान ली हैं। लेकिन छात्रों का कहना है कि जब तक लिखित घोषणा नहीं होती, वे अपनी मांगों को लेकर सजग रहेंगे।
छात्रों के प्रदर्शन और उनकी मांगों के आगे UPPSC को झुकना पड़ा। आयोग ने छात्रों की मांग को स्वीकार करते हुए UP PCS प्री परीक्षा 2024 को एक ही दिन में कराने का फैसला किया और RO-ARO परीक्षा को स्थगित कर दिया। अब यह देखना होगा कि आगे आयोग किस प्रकार से छात्रों की शंकाओं का समाधान करता है और परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी बनाता है।
UPPSC का यह निर्णय छात्रों की जीत को दर्शाता है, लेकिन यह भी संकेत देता है कि भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचने के लिए आयोग को परीक्षा प्रक्रिया में सुधार की जरूरत है। छात्रों की एकता और उनके संघर्ष ने एक बार फिर साबित किया है कि जब तक उनकी मांगें जायज होती हैं, उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।