लखनऊ के गोमती नगर में स्थित प्रतिष्ठित नीलकंठ स्वीट्स में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) के अधिकारियों ने गुरुवार को छापेमारी की। यह कार्रवाई तब की गई जब नीलकंठ स्वीट्स के लड्डू खाने से अपर जिला जज (एडीजे) मंजुला सरकार, उनकी बहन और नौकरानी की तबीयत खराब हो गई। इस मामले को लेकर एडीजे ने नीलकंठ स्वीट्स के खिलाफ केस दर्ज कराया, जिसके बाद एफएसडीए ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच की।
नीलकंठ स्वीट्स में छापेमारी और नमूने लिए गए
एफएसडीए की टीम, जिसमें मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी जेपी सिंह, खाद्य सुरक्षा अधिकारी सलिल कुमार सिंह, रत्नाकर पांडेय और राजमणि प्रजापति शामिल थे, नीलकंठ स्वीट्स पहुंची और वहां से विभिन्न खाद्य पदार्थों के नमूने लिए। टीम ने बेसन, घी, मोतीचूर के लड्डू, घेवर और समोसा समेत कुल 7 नमूने लिए हैं।
खाद्य सुरक्षा मानकों की जांच
निरीक्षण के दौरान एफएसडीए टीम ने प्रतिष्ठान के निदेशक विष्णु गुप्ता से खाद्य लाइसेंस की जानकारी ली। टीम ने लड्डू बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले कच्चे माल और अन्य खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर संदेह जताते हुए नमूने जांच के लिए लैब भेज दिए हैं। जिन नमूनों को जांच के लिए भेजा गया है, उनमें बेसन, घी, मोतीचूर लड्डू, घेवर, समोसा, अनरसा और गोलगप्पे में इस्तेमाल किए जाने वाले पानी के सैंपल शामिल हैं।
निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियां
निरीक्षण के दौरान एफएसडीए टीम ने प्रतिष्ठान में पाई गई कमियों को दूर करने के लिए दुकान मालिक को सुधार का नोटिस दिया है। टीम ने यह सुनिश्चित किया कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए प्रतिष्ठान के कड़े निरीक्षण की आवश्यकता होगी।
पेट में इंफेक्शन के चलते अस्पताल में भर्ती होना पड़ा
घटना के बारे में बताया गया कि एडीजे मंजुला सरकार ने 31 जुलाई को नीलकंठ स्वीट्स से बूंदी के लड्डू, घेवर, अनरसा, समोसा और पानी के बताशे खरीदे थे। इन खाद्य पदार्थों के सेवन के बाद एडीजे, उनकी बहन और नौकरानी की तबीयत अचानक खराब हो गई। पेट में इंफेक्शन के चलते एडीजे मंजुला सरकार को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा, जबकि उनकी बहन और नौकरानी का भी इलाज जारी है।
पुलिस में मामला दर्ज
एडीजे की तहरीर पर गोमती नगर पुलिस ने नीलकंठ स्वीट्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। एफएसडीए की इस कार्रवाई के बाद अब प्रतिष्ठान पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है, ताकि किसी भी प्रकार की खाद्य सुरक्षा से संबंधित उल्लंघन की पुनरावृत्ति न हो सके।
यह मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक प्रतिष्ठित जज से जुड़ा हुआ है, और एफएसडीए के अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लिया है।
नीलकंठ स्वीट्स की यह घटना लखनऊ में खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता के महत्व को उजागर करती है। इस प्रकार की घटनाओं से न केवल प्रतिष्ठान की साख पर बुरा असर पड़ता है, बल्कि जनता का भरोसा भी डगमगा जाता है। खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन करना न केवल एक कानूनी आवश्यकता है, बल्कि यह उपभोक्ताओं की सेहत के प्रति एक नैतिक जिम्मेदारी भी है।