Current Updates :

उत्तर प्रदेश को 'पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट्स' का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में योगी सरकार ने उठाए कदम

  • 0
  • 215
उत्तर प्रदेश को 'पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट्स' का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में योगी सरकार ने उठाए कदम

उत्तर प्रदेश की उन्नति की दिशा में योगी सरकार की योजनाएं

 

विकास के नए आयाम की ओर कदम

योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन इकॉनमी बनाने की दिशा में तेजी से कदम उठाए हैं। प्रदेश ने पिछले कुछ वर्षों में राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के मामले में उल्लेखनीय प्रगति की है। इस प्रगति के पीछे कई कारण हैं, लेकिन सबसे प्रमुख कारण यह है कि प्रदेश में उद्योग, निवेश, पर्यटन, नागरिक सुविधाओं और ऊर्जा क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं। ये सुधार अब प्रदेश में स्पष्ट रूप से नजर आने लगे हैं और विकास को गति दे रहे हैं।

सौर और पवन ऊर्जा के साथ पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट्स पर ध्यान

प्रदेश में सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं को वृहद स्तर पर प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके साथ ही, योगी सरकार ने पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट्स (पीएसपी) को भी एक प्रमुख क्षेत्र बनाने का निर्णय लिया है। सीएम योगी के दृष्टिकोण के अनुसार, प्रदेश को पीएसपी के लिए भी एक प्रमुख हब बनाने पर जोर दिया जा रहा है। इस दिशा में, 'इन्वेस्ट यूपी' को आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

कंसल्टेंसी एजेंसी की नियुक्ति और कार्य

'इन्वेस्ट यूपी' द्वारा एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है, जो कंसल्टेंसी फर्म के चयन और कार्यावंटन की प्रक्रिया को संचालित करेगी। कंसल्टेंसी एजेंसी की एक वर्ष की कार्यावधि के लिए नियुक्ति की जाएगी, जो पीएसपी साइट्स की क्षमता, जरूरतें, और विकास मानकों का प्रारंभिक आंकलन करेगी। इस प्रक्रिया में, प्रदेश में चार प्रमुख मंडलों—चित्रकूट धाम, झांसी, वाराणसी, और विंध्याचल—को पीएसपी प्रोजेक्ट्स के लिए चिह्नित किया गया है। इनमें सोनभद्र में 1200 मेगावॉट की क्षमता वाले प्रोजेक्ट को पहले ही सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है।

पीएसपी योजना की विशिष्टताएं और लाभ

पीएसपी योजना ऊर्जा उत्पादन में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने में अत्यंत प्रभावी है। यह नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की उत्पादन में कमी की स्थिति में एक प्रभावी विकल्प प्रदान करती है। पीएसपी उच्च रैंपिंग क्षमता प्रदान करती है और ऊर्जा के भंडारण के साथ-साथ मांग के अनुसार आपूर्ति करती है। इससे ऊर्जा दक्षता में सुधार होता है और ऊर्जा आपूर्ति और मांग के दैनिक और साप्ताहिक उतार-चढ़ाव को प्रबंधित किया जा सकता है।

500 मेगावॉट से अधिक क्षमता वाले प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता

प्रदेश में पीएसपी फ्रेमवर्क को बढ़ाने के लिए कंसल्टेंसी एजेंसी को 500 मेगावॉट या उससे अधिक क्षमता वाले प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता देने की योजना है। एजेंसी को विभिन्न मानकों के आधार पर रिपोर्ट तैयार करनी होगी, जिसमें मशीन कॉन्फिगरेशन, पीकिंग कैपेसिटी, हाइड्रोलॉजी, पावर इवैक्यूएशन, वॉटर सोर्स, और अन्य मानक शामिल हैं। इसके बाद, इन प्रोजेक्ट्स के विकास और नियमित निगरानी के लिए एक प्रभावी फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा।

Prev Post UP मानसून सत्र: आज योगी सरकार पेश करेगी अनुपूरक बजट, इन महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर हो सकती है चर्चा…
Next Post उत्तराखंड को मिला एक और सम्मान, लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा बने असम राइफल्स के डीजी
Related Posts
Commnets ( 0 )
Leave A Comment