उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में पढ़ने वाली 82,120 छात्राओं की खेल प्रतिभा को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने की योजना बनाई है। इस पहल का उद्देश्य छात्राओं को खेल के क्षेत्र में विशेष प्रशिक्षण देकर उनके आत्मविश्वास और समाज में एक सशक्त पहचान बनाने में मदद करना है। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के मार्गदर्शन में "एक केजीबीवी, एक खेल" योजना की शुरुआत की जा रही है, जिसमें प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेलों में विशेष कौशल प्रदान कर उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। प्रत्येक विद्यालय में एक खेल का चयन किया जाएगा, और छात्राओं को प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वे खेल में निपुणता प्राप्त कर सकें और उनके शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास में योगदान हो।
कैसे चुना जाएगा खेल?
प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा जिसमें विद्यालय की वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और विद्यालय में उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चुने गए खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षकों की नियुक्ति होगी, और आवश्यकता पड़ने पर बाहरी प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जाएगी।
विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर ध्यान
योजना के अंतर्गत, खेल की गतिविधियों के लिए एक निश्चित समय सारणी निर्धारित की जाएगी जिसमें छात्राओं को खेल की बारीकियों का प्रशिक्षण मिलेगा। इसके अतिरिक्त, छात्राओं के स्वास्थ्य और पोषण पर ध्यान देने के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में छात्राओं को उचित आहार और स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों से अवगत कराया जाएगा। समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाएगा ताकि उनकी सेहत पर ध्यान रखा जा सके।
सामाजिक और विभागीय सहयोग
इस योजना को सफल बनाने के लिए समाज और विभागीय सहयोग को भी आमंत्रित किया गया है। पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को विशेष अवसरों पर बुलाया जाएगा ताकि वे छात्राओं को अपने अनुभवों से प्रेरित कर सकें। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कार भी दिए जाएंगे। साथ ही, खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।
खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से सहायता
राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों तथा कॉर्पोरेट समूहों से सहयोग लेकर योजना को सफलतापूर्वक लागू किया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों के सहयोग से छात्राओं को खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे बालिकाओं के खेल में निपुणता हासिल करने के लिए संसाधनों की कमी नहीं रहेगी।
छात्राओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की सहमति
चयनित छात्राओं को तीन महीने तक विशेष खेल प्रशिक्षण के लिए नोडल केजीबीवी में स्थानांतरित किया जाएगा। इस दौरान उनके खाने, रहने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था सरकार की ओर से की जाएगी। इसके बाद छात्राओं को उनके मूल विद्यालय में वापस भेज दिया जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों की सहमति ली जाएगी ताकि वे आश्वस्त हो सकें।
राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना
इस योजना का अंतिम लक्ष्य केजीबीवी में पढ़ने वाली छात्राओं को खेल के क्षेत्र में इतनी निपुणता दिलाना है कि वे राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग ले सकें। इसके लिए खेल किट, उपकरण, और अन्य जरूरी सुविधाएं उन्हें दी जाएंगी। चयनित छात्राओं को जिला और राज्य स्तर पर होने वाली प्रतियोगिताओं में भाग लेने का अवसर दिया जाएगा ताकि वे अपने खेल कौशल को और अधिक निखार सकें।
योजना का पायलट प्रोजेक्ट
इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हर जिले के दो केजीबीवी में लागू किया जाएगा। योजना की सफलता और प्रभाव के आधार पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।
"एक केजीबीवी, एक खेल" योजना उत्तर प्रदेश की बालिकाओं को खेल के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है। इस पहल से न केवल छात्राओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि समाज में उनकी स्थिति भी सशक्त होगी। सरकार की यह योजना बालिकाओं को खेलों में उत्कृष्टता की ओर अग्रसर करने का एक मजबूत आधार प्रदान करेगी।