14 Aug 2024
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कंगना रनौत के बयान से बीजेपी ने किया किनारा

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हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से सांसद कंगना रनौत ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान किसान आंदोलन को लेकर जो बयान दिया, उससे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने साफतौर पर दूरी बना ली है। बीजेपी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि कंगना द्वारा किसानों पर दिए गए विचार उनके निजी हैं और पार्टी का इससे कोई संबंध नहीं है। पार्टी ने यह भी कहा कि भविष्य में कंगना को ऐसे किसी बयान से बचना चाहिए, जिससे विवाद उत्पन्न हो।

बीजेपी का आधिकारिक बयान

बीजेपी ने कंगना रनौत के बयान पर अपनी असहमति जताते हुए कहा कि पार्टी के नीतिगत विषयों पर बोलने के लिए कंगना रनौत को न तो कोई अनुमति दी गई है और न ही उन्हें ऐसा करने के लिए अधिकृत किया गया है। पार्टी ने साफ किया कि उनका बयान पार्टी का आधिकारिक मत नहीं है। बीजेपी ने इस बात पर जोर दिया कि वे सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की नीति पर चलने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और समाज में समरसता बनाए रखने के लिए संकल्पबद्ध हैं।

कंगना रनौत का बयान

कंगना रनौत ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि अगर बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व कमजोर होता तो देश में बांग्लादेश जैसे हालात हो सकते थे। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान हिंसा फैलाई गई, रेप हुए, और लोगों को मारा गया। कंगना ने यह भी कहा कि अगर बीजेपी का नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो पंजाब भी बांग्लादेश बन जाता। उनके अनुसार, किसान आंदोलन में जिन तीन कानूनों को वापस लिया गया, अगर ऐसा नहीं किया गया होता तो उपद्रवियों की योजनाएं और भी लंबी हो सकती थीं।

कांग्रेस का पलटवार

कंगना रनौत के इस बयान पर कांग्रेस ने तीखा हमला किया है। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि कंगना ने देश के किसानों को हत्यारा और बलात्कारी कहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कंगना ने मोदी सरकार को कमजोर बताते हुए कहा कि विदेशी ताकतें देश में अस्थिरता फैला रही हैं। कांग्रेस ने बीजेपी से इस मामले पर चुप्पी तोड़ने की मांग की है और कहा कि अगर बीजेपी ने इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया तो इसे पार्टी का आधिकारिक स्टैंड माना जाएगा।

बीजेपी की रणनीति

बीजेपी ने इस विवाद से दूर रहकर यह स्पष्ट संकेत दिया है कि वे किसी भी तरह के विवादास्पद बयान से पार्टी को अलग रखना चाहते हैं। पार्टी की ओर से यह भी संदेश दिया गया है कि कंगना रनौत को भविष्य में इस प्रकार के बयानों से बचना चाहिए। बीजेपी ने कंगना को यह निर्देशित किया है कि वे पार्टी के नीतिगत विषयों पर बिना अनुमति के कोई बयान न दें, क्योंकि इससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंच सकता है।

कंगना का राजनीतिक सफर

कंगना रनौत के बयान और उसके बाद हुए विवाद ने एक बार फिर से उनकी राजनीतिक सक्रियता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से सांसद बनने के बाद से ही कंगना अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रही हैं। हालांकि, बीजेपी ने उन्हें इस तरह के बयानों से दूर रहने की सलाह दी है, लेकिन कंगना का बयानों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।

कंगना की प्रतिक्रिया

इस पूरे विवाद पर कंगना रनौत की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। लेकिन यह स्पष्ट है कि उनके बयान ने राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया है। कंगना के बयानों से जहां एक ओर बीजेपी असहज हो रही है, वहीं विपक्षी दलों को भी बीजेपी पर हमला करने का एक और मौका मिल गया है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि कंगना रनौत इस विवाद का कैसे सामना करती हैं और क्या वे अपने बयानों से पीछे हटती हैं या फिर आगे और विवादास्पद बयान देती हैं।

भविष्य की चुनौतियाँ

बीजेपी के लिए कंगना रनौत के बयानों से उत्पन्न हुआ विवाद एक बड़ी चुनौती बन सकता है। पार्टी को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके बयान पार्टी की छवि को नुकसान न पहुंचाएं। वहीं, कंगना रनौत के लिए भी यह समय सोच-समझकर बयान देने का है, ताकि वे न केवल पार्टी की छवि को बचा सकें, बल्कि अपनी राजनीतिक साख को भी बनाए रख सकें।

कंगना रनौत के बयान से उत्पन्न विवाद ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि सार्वजनिक जीवन में व्यक्तित्व के महत्व को कैसे समझा जाए। उनके बयानों से उपजे विवाद ने बीजेपी को असहज स्थिति में ला दिया है, और अब यह देखना होगा कि कंगना और बीजेपी इस मुद्दे को कैसे संभालते हैं। भविष्य में कंगना रनौत के बयानों पर पार्टी की निगरानी और भी कड़ी हो सकती है, ताकि इस तरह के विवादों से बचा जा सके।

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