दुनिया की सबसे प्रसिद्ध फुटबॉल प्रतियोगिता UEFA चैंपियंस लीग का नया सीजन मंगलवार से शुरू हो रहा है। इस बार लीग में बड़े बदलाव किए गए हैं, जो फुटबॉल प्रेमियों के लिए एक नया और रोमांचक अनुभव लेकर आएंगे। पिछले 6 वर्षों में इस टूर्नामेंट को लेकर कई योजनाएं बनीं, प्रस्तावों पर चर्चा हुई और सुपर लीग के विफल प्रयास के बाद, चैंपियंस लीग अब नए फॉर्मेट के साथ दर्शकों के सामने आ रही है।
नया फॉर्मेट और संरचना
इस बार UEFA चैंपियंस लीग में 36 टीमों का हिस्सा होगा, जबकि पहले केवल 32 टीमें भाग लेती थीं। इस बदलाव के साथ, कुल 189 मैच खेले जाएंगे, जो पिछले सीजन के 125 मैचों से अधिक हैं। प्रत्येक टीम को 6 की बजाय 8 मैच खेलने का मौका मिलेगा और वह भी तीन विरोधियों के बजाय 8 विरोधियों के खिलाफ। यह नया फॉर्मेट लीग को और भी प्रतिस्पर्धात्मक बना देगा और दर्शकों को ज्यादा रोमांच का अनुभव कराएगा।
बढ़ी प्राइज मनी और पुरस्कार राशि
UEFA ने इस सीजन के लिए प्राइज पूल में 2.8 बिलियन डॉलर (करीब 23,500 करोड़ रुपए) की राशि रखी है, जो पिछले सीजन की तुलना में 25% अधिक है। विजेता को 177 मिलियन डॉलर (लगभग 1490 करोड़ रुपए) से अधिक की पुरस्कार राशि मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा, प्रत्येक टीम को भाग लेने के लिए लगभग 172 करोड़ रुपए मिलेंगे। लीग फेज में हर मैच की जीत पर 19 करोड़ रुपए और ड्रॉ पर 6.5 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
नॉकआउट राउंड में टीमों को बोनस के रूप में 100 करोड़ रुपए की राशि मिलेगी। टीमों के ऐतिहासिक रिकॉर्ड और ब्रॉडकास्ट डील्स के आधार पर लगभग 8,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त पुरस्कार फंड भी दिया जाएगा।
नए क्वालीफिकेशन नियम
UEFA के अनुसार, सभी 36 टीमों को एक लीग स्टैंडिंग में स्थान दिया जाएगा, जो जनवरी में समाप्त होगी। पहले ग्रुप राउंड के मैच होते थे, जो दिसंबर में समाप्त होते थे। जनवरी तक चलने वाला लीग राउंड अधिक सरल होगा। हर टीम को 8 मैच खेलने होंगे, जिसमें 4 घरेलू और 4 दूर के मैच शामिल हैं। जीत पर तीन अंक और ड्रॉ पर एक अंक मिलेगा।
नॉकआउट राउंड में पहुंचना थोड़ा जटिल है। UEFA के अनुसार, टीमों को नॉकआउट की रेस में बने रहने के लिए अधिकतम 8 अंक चाहिए। 29 जनवरी को जो टीमें टॉप-8 में रहेंगी, वे सीधे प्री-क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालिफाई कर लेंगी। नौवें से 24वें स्थान पर रहने वाली टीमें फरवरी में नॉकआउट प्लेऑफ राउंड में प्रवेश करेंगी। 9 से 16 नंबर तक की टीमें सीडेड होंगी, जबकि 17 से 24 तक की टीमें अनसीडेड होंगी। स्टैंडिंग में सबसे नीचे की 12 टीमें बाहर हो जाएंगी।
बड़े सितारे और उनकी चुनौती
इस बार की चैंपियंस लीग में कई बड़े सितारे मैदान पर नजर आएंगे। फ्रांस के किलियन एमबापे तीसरे क्लब के साथ पहले टाइटल की तलाश में होंगे। एमबापे साल 2017 में मोनाको की ओर से सेमीफाइनल तक पहुंचे थे और 2020 में पीएसजी की ओर से रनरअप रहे थे। अब वे तीसरे क्लब के साथ चैंपियंस लीग का खिताब जीतने की कोशिश करेंगे।
नई टीमों की एंट्री और क्लबों की वापसी
इस सीजन में यूरोप के इस एलीट फुटबॉल टूर्नामेंट में कुछ क्लबों की वापसी हो रही है जबकि कुछ पहली बार खेल रहे हैं। इंग्लैंड के क्लब एस्टन विला की 41 साल बाद लीग में वापसी हुई है। एस्टन विला 1981 में यूरोपियन कप विजेता बना था। जर्मन क्लब वीएफबी स्टटगार्ट भी 2010 के बाद पहली बार लीग में खेल रहा है। इटली का क्लब बोलोग्ना 1964 यूरोपियन कप के बाद टूर्नामेंट में वापसी कर रहा है। स्पेनिश क्लब गिरोना और फ्रेंच क्लब ब्रेस्ट पहली बार लीग का हिस्सा हैं।
टीमों की औसत उम्र और वैल्यू
चैम्पियंस लीग की 36 टीमों में से इंटर मिलान सबसे उम्रदराज टीम है, जिसकी औसत उम्र 28.5 साल है। वहीं, रेड बुल साल्जबर्ग सबसे युवा टीम है, जिसकी औसत उम्र 21.3 साल है। रियल मैड्रिड सबसे वैल्यूएबल क्लब है, जिसकी वैल्यू 10,712 करोड़ रुपए है। वहीं, लीग में खेल रहे सबसे वैल्यूएबल खिलाड़ियों में 4 खिलाड़ी टॉप पर हैं। UEFA चैंपियंस लीग का नया फॉर्मेट और बढ़ी हुई प्राइज मनी इस बार के सीजन को और भी रोमांचक बना देंगे। नए क्लबों की एंट्री और बड़े सितारों की वापसी फुटबॉल फैंस के लिए एक बेहतरीन अनुभव लेकर आएगी। यह सीजन फुटबॉल प्रेमियों के लिए नई उम्मीदों और रोमांच का संचार करेगा।