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Uttar Pradesh में 48 घंटे तक भारी बारिश की चेतावनी: कई जिलों में अलर्ट जारी, स्कूलों में छुट्टी

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Uttar Pradesh में 48 घंटे तक भारी बारिश की चेतावनी: कई जिलों में अलर्ट जारी, स्कूलों में छुट्टी

उत्तर प्रदेश में अगले 48 घंटों तक मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी दी है। राज्य के कई जिलों में मूसलधार बारिश होने की संभावना है, जिसके चलते प्रशासन ने कुछ जिलों में अलर्ट जारी किया है और स्कूलों को बंद कर दिया है। चक्रवाती तूफान 'यागी' के कारण राज्य में बारिश का दौर लंबे समय तक जारी रह सकता है।

20 से अधिक जिलों में अलर्ट, स्कूल बंद

मौसम विभाग ने बताया है कि आने वाले दो से तीन दिनों में प्रदेश के 20 से अधिक जिलों में मूसलधार बारिश होगी। इस स्थिति को देखते हुए प्रयागराज, प्रतापगढ़, मिर्जापुर, सोनभद्र, बहराइच और अन्य जिलों में प्रशासन ने एहतियातन कदम उठाए हैं। प्राथमिक स्कूलों (कक्षा 1 से 8) में छुट्टी की घोषणा की गई है ताकि बच्चों को किसी भी प्रकार के जोखिम से बचाया जा सके।

अगले दो से तीन दिनों में भारी बारिश का अनुमान

चक्रवाती तूफान 'यागी' के कारण उत्तर प्रदेश में भारी बारिश की संभावना और भी बढ़ गई है। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य के कई हिस्सों में मूसलधार बारिश होगी। खासतौर पर प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, रायबरेली, चित्रकूट, कानपुर, कानपुर देहात, अमेठी, सुल्तानपुर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर, बांदा, मुरादाबाद, अमरोहा, बिजनौर और रामपुर जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।

इन जिलों में प्रशासन को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं और लोगों को भी सतर्क रहने की अपील की गई है। लगातार हो रही बारिश से जलभराव की समस्या उत्पन्न हो सकती है और लोगों को अपने घरों में ही सुरक्षित रहने की सलाह दी गई है।

वज्रपात का खतरा भी मंडरा रहा है

भारी बारिश के साथ वज्रपात (आकाशीय बिजली) का खतरा भी है। कई जिलों में बिजली गिरने की घटनाएं पहले से ही सामने आ रही हैं, जिससे लोगों को अत्यधिक सतर्क रहने की जरूरत है। लखनऊ, अयोध्या, रायबरेली, प्रयागराज, कन्नौज, अमेठी, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, फतेहपुर, कानपुर देहात, कानपुर नगर, भदोही, जौनपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र, गाजीपुर, प्रतापगढ़, चंदौली, मुरादाबाद, बिजनौर, अमरोहा और रामपुर जिलों के आसपास वज्रपात की आशंका जताई गई है।

लोगों को सलाह दी गई है कि बारिश के दौरान खुले स्थानों पर जाने से बचें और पेड़ों के नीचे खड़े न हों। इसके साथ ही, बिजली गिरने के खतरे से बचने के लिए घरों में सुरक्षित जगह पर रहें और किसी भी धातु के संपर्क में न आएं।

बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में बढ़ता संकट

उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार हो रही बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। गंगा, यमुना, घाघरा जैसी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। इसके कारण तटीय क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। कई गांवों और कस्बों में पानी घुस चुका है, जिससे लोगों के जीवन पर संकट मंडरा रहा है।

प्रयागराज, वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र, गाजीपुर, जौनपुर और अन्य जिलों में बाढ़ का प्रभाव ज्यादा देखा जा रहा है। इन क्षेत्रों में प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन भारी बारिश के चलते स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती है। ग्रामीण इलाकों में खेती-किसानी पर भी इसका गंभीर असर पड़ रहा है।

प्रशासन द्वारा किए जा रहे एहतियाती उपाय

प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन ने स्थिति से निपटने के लिए कई एहतियाती उपाय किए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने के साथ ही सुरक्षित स्थानों पर लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है। आपदा प्रबंधन की टीमें लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और राहत कार्यों में जुटी हैं।

प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। जलभराव वाले इलाकों से दूर रहें और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें। इसके अलावा, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को भी दुरुस्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि किसी भी प्रकार की बीमारी फैलने से रोकी जा सके।

स्कूलों में छुट्टी, अन्य गतिविधियों पर भी असर

भारी बारिश और बाढ़ के कारण प्रदेश के कई हिस्सों में जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। स्कूलों में छुट्टी के अलावा, सरकारी और निजी दफ्तरों में भी उपस्थिति कम हो रही है। बाजारों और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों पर भी इसका असर पड़ रहा है।

लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज और अन्य प्रमुख शहरों में सड़कों पर जलभराव की स्थिति बनी हुई है, जिससे यातायात व्यवस्था भी चरमरा गई है। कई सड़कें बंद कर दी गई हैं और ट्रेनों और बसों की सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं।

किसानों पर भी असर

भारी बारिश और बाढ़ का असर केवल शहरी इलाकों तक सीमित नहीं है। ग्रामीण इलाकों में भी इसका प्रभाव देखा जा रहा है। किसानों की फसलें जलमग्न हो गई हैं, जिससे उनकी आजीविका पर संकट उत्पन्न हो गया है। धान, गन्ना और अन्य खरीफ की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।

राज्य सरकार ने किसानों को राहत पहुंचाने के लिए कुछ योजनाएं भी शुरू की हैं, लेकिन लगातार बारिश के चलते इन प्रयासों को सफलता नहीं मिल पा रही है। प्रशासन द्वारा किसानों से अपील की जा रही है कि वे अपनी फसलों को बचाने के लिए जल्द से जल्द उपाय करें और सरकार की ओर से दी जा रही मदद का लाभ उठाएं।

बिजली आपूर्ति भी बाधित

भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण राज्य के कई हिस्सों में बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई है। ग्रामीण और शहरी इलाकों में कई जगहों पर बिजली के खंभे और तार गिर गए हैं, जिससे बिजली कटौती की समस्या उत्पन्न हो गई है।

प्रशासन द्वारा बिजली विभाग को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन लगातार बारिश के चलते बिजली आपूर्ति को बहाल करने में देरी हो रही है। लोगों से अपील की गई है कि वे बिजली के तारों से दूर रहें और किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।

सरकार का राहत और बचाव कार्य

प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगातार राहत और बचाव कार्य कर रहे हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है और खाने-पीने की सामग्री पहुंचाई जा रही है। इसके अलावा, चिकित्सा सेवाओं को भी दुरुस्त किया जा रहा है ताकि किसी भी प्रकार की बीमारी फैलने से रोका जा सके।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों को तेजी से अंजाम दें और सुनिश्चित करें कि लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। उन्होंने राज्य में राहत शिविरों की संख्या बढ़ाने और बाढ़ प्रभावित इलाकों में हर संभव सहायता पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।

नागरिकों के लिए सलाह

मौसम विभाग और प्रशासन ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे बारिश के दौरान घरों में ही रहें और सुरक्षित स्थानों पर जाएं। जिन क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा है, वहां से लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाए।

लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे प्रशासन द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत आपदा प्रबंधन हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।

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