भारत की धाकड़ पहलवान विनेश फोगाट ने खेल पंचाट यानी कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन ऑफ स्पोर्ट्स (CAS) में रजत पदक के लिए अपील की है। लगातार तीन मैच जीतने के बाद विनेश ने फाइनल में अपनी जगह बनाई थी, लेकिन 100 ग्राम अधिक वजन निकलने के बाद उन्हें डिसक्वालीफाई कर दिया गया था।
खेल पंचाट को मध्यस्थता न्यायालय भी कहा जाता है। विनेश फोगाट ने इस न्यायालय में रजत पदक के लिए अपील की है क्योंकि सेमीफाइनल जीतने के बाद उनका गोल्ड या रजत पदक पक्का हो गया था। हालांकि उनसे गोल्ड की पूरी उम्मीद थी। पंचाट में इस मामले में 11.30 बजे सुनवाई होनी है। विनेश ने फाइनल मैच खेलने की मांग की थी, लेकिन पंचाट ने इस मैच को ही खारिज कर दिया।
डिसक्वालीफाई किए जाने के बाद दुखी विनेश फोगाट ने कुश्ती से संन्यास की घोषणा कर दी है। उन्होंने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक भावुक पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “माँ कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ़ करना, आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज़्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024। आप सबकी हमेशा ऋणी रहूँगी। माफी।”
विनेश की करियर यात्रा और उपलब्धियाँ
विनेश फोगाट का करियर संघर्ष और सफलता की मिसाल रहा है। उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया और देश के लिए कई पदक जीते हैं। विनेश फोगाट का नाम कुश्ती जगत में बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है।
विनेश ने अपने करियर की शुरुआत बहुत ही कम उम्र में की थी और अपने कठिन परिश्रम और समर्पण से उन्होंने अपनी पहचान बनाई। वह उन कुछ महिला पहलवानों में से एक हैं जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारतीय कुश्ती का मान बढ़ाया है।
डिसक्वालिफिकेशन का मामला
विनेश फोगाट का डिसक्वालिफिकेशन का मामला बहुत ही विवादास्पद रहा। फाइनल से पहले वजन मापने के दौरान उनका वजन 100 ग्राम अधिक पाया गया, जिसके कारण उन्हें फाइनल मैच से बाहर कर दिया गया। यह निर्णय विनेश और उनके समर्थकों के लिए बहुत ही निराशाजनक था। विनेश ने इस निर्णय को चुनौती देते हुए CAS में अपील की, जहां उनके मामले की सुनवाई होनी है।
भावुक संदेश और संन्यास की घोषणा
डिसक्वालिफिकेशन के बाद, विनेश ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक भावुक संदेश लिखा। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि वह अब और लड़ने की हिम्मत नहीं रखती हैं और इस वजह से कुश्ती से संन्यास ले रही हैं। उनके इस निर्णय ने उनके फैंस और भारतीय खेल समुदाय को झकझोर कर रख दिया।
विनेश ने अपने संदेश में लिखा, “माँ कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ़ करना, आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज़्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024। आप सबकी हमेशा ऋणी रहूँगी। माफी।”
समर्थन और प्रतिक्रिया
विनेश फोगाट के संन्यास की खबर के बाद से ही उन्हें चारों ओर से समर्थन और प्रोत्साहन मिल रहा है। उनके फैंस, साथी खिलाड़ी और खेल विशेषज्ञों ने उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। सबका कहना है कि विनेश ने जो किया वह बहुत ही साहसिक कदम है और उन्हें अपने फैसले पर गर्व होना चाहिए।
भविष्य की संभावनाएँ
विनेश फोगाट ने भले ही कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा की हो, लेकिन उनके अनुभव और ज्ञान का भारतीय कुश्ती को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। वह युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बन सकती हैं और उनकी मार्गदर्शिका बनकर भारतीय कुश्ती को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा सकती हैं।
विनेश फोगाट का करियर भारतीय कुश्ती के लिए एक प्रेरणा स्रोत है। उन्होंने अपने संघर्ष और सफलता से यह साबित कर दिया कि मेहनत और समर्पण से किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है। उनके संन्यास के फैसले ने सभी को भावुक कर दिया, लेकिन उनकी यात्रा और योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।