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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका दौरा: संयुक्त राष्ट्र महासभा को नहीं करेंगे संबोधित, विदेश मंत्री एस जयशंकर लेंगे जगह

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका दौरा: संयुक्त राष्ट्र महासभा को नहीं करेंगे संबोधित, विदेश मंत्री एस जयशंकर लेंगे जगह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी अमेरिका दौरे में बड़ा बदलाव किया गया है। पहले यह तय था कि पीएम मोदी 26 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) को संबोधित करेंगे, लेकिन अब उनकी जगह भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर 28 सितंबर को महासभा को संबोधित करेंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी 22 से 26 सितंबर तक अमेरिका में रहने वाले थे और कई अहम बैठकों में हिस्सा लेने वाले थे। हालांकि, अब उनके शेड्यूल में बदलाव किया गया है और वे संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने के बजाय 22-23 सितंबर के कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर भारत वापस लौटेंगे।

पीएम मोदी का नया शेड्यूल

हालांकि प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित नहीं करेंगे, फिर भी वे न्यूयॉर्क में दो महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। 22 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी लॉन्ग आइलैंड में नासाउ वेटरन्स मेमोरियल कोलिज़ीयम (Nassau Veterans Memorial Coliseum) में 16,000 लोगों के सामने एक बड़े कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। यह कार्यक्रम भारतीय प्रवासियों के लिए आयोजित किया गया है, जहां वे भारतीय समुदाय से संवाद करेंगे। इसके अलावा, 22 और 23 सितंबर को पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में होने वाले "समिट ऑफ द फ्यूचर" सम्मेलन को भी संबोधित करेंगे। यह सम्मेलन वैश्विक भविष्य से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आयोजित किया गया है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित न करने की वजह

पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित क्यों नहीं करेंगे, इसका कारण उनके व्यस्त कार्यक्रम को बताया गया है। पहले प्रधानमंत्री का कार्यक्रम था कि वे 22 से 26 सितंबर तक अमेरिका में रहेंगे और संयुक्त राष्ट्र महासभा समेत तीन बड़े कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। लेकिन अब उनकी यात्रा में बदलाव किया गया है और वे 22-23 सितंबर के कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर भारत लौट आएंगे। उनके स्थान पर विदेश मंत्री एस जयशंकर 28 सितंबर को महासभा को संबोधित करेंगे। संयुक्त राष्ट्र ने इस बदलाव को आधिकारिक रूप से स्वीकार कर लिया है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा की स्पीकर्स लिस्ट में बदलाव

संयुक्त राष्ट्र ने पहले जुलाई में 79वें सत्र के लिए स्पीकर्स की एक लिस्ट जारी की थी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम भी शामिल था। उस लिस्ट के मुताबिक, पीएम मोदी 26 सितंबर को महासभा को संबोधित करने वाले थे। हालांकि, अब इस लिस्ट को बदल दिया गया है और एक नई लिस्ट जारी की गई है। नई लिस्ट के अनुसार, विदेश मंत्री एस जयशंकर 28 सितंबर को महासभा में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे और भारत के विचार प्रस्तुत करेंगे।

पीएम मोदी का यूएनGA से पुराना संबंध

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले भी कई बार संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित कर चुके हैं। उन्होंने 2021 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक सत्र को संबोधित किया था। इसके अलावा, पिछले साल 21 जून को पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय का दौरा किया था और योग दिवस के कार्यक्रम का नेतृत्व किया था। इस दौरान उन्होंने योग के महत्व और इसके वैश्विक प्रभाव पर जोर दिया था। पीएम मोदी का यह दौरा उनकी अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व क्षमता और वैश्विक मुद्दों पर भारत की सक्रिय भागीदारी को दर्शाता है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा 2023 का कार्यक्रम

संयुक्त राष्ट्र महासभा का 79वां सत्र इस साल 24 सितंबर से शुरू होकर 30 सितंबर तक चलेगा। यह एक ऐसा मंच है जहां दुनियाभर के नेता वैश्विक मुद्दों पर अपने विचार साझा करते हैं। सबसे पहले ब्राजील महासभा को संबोधित करेगा, उसके बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन सभा को संबोधित करेंगे। यह मंच राष्ट्रपति बाइडन के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अमेरिका के आगामी राष्ट्रपति चुनाव से पहले का प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मंच है, जहां वे अपनी नीतियों और दृष्टिकोण को प्रस्तुत करेंगे।

पीएम मोदी के अमेरिका दौरे की अहमियत

प्रधानमंत्री मोदी का अमेरिका दौरा भारत और अमेरिका के संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस दौरे के दौरान पीएम मोदी विभिन्न उच्च स्तरीय बैठकों में हिस्सा लेंगे और वैश्विक मुद्दों पर अपनी राय रखेंगे। भारतीय प्रवासियों से संवाद करना भी उनके दौरे का एक अहम हिस्सा होगा। यह दौरा दोनों देशों के बीच आर्थिक, रक्षा और सांस्कृतिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का एक बड़ा अवसर होगा।

भारत-अमेरिका संबंधों पर असर

भारत और अमेरिका के बीच संबंध पिछले कुछ वर्षों में काफी मजबूत हुए हैं। दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा और तकनीकी सहयोग में कई महत्वपूर्ण समझौते हुए हैं। पीएम मोदी का यह दौरा इन संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने की दिशा में एक अहम कदम होगा। इसके अलावा, इस दौरे के दौरान पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से भी मुलाकात करेंगे, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में और मजबूती आने की उम्मीद है। भारतीय प्रवासियों से संवाद और व्यापारिक नेताओं के साथ बैठकें इस दौरे को और महत्वपूर्ण बनाती हैं।

महासभा में चर्चा के मुख्य मुद्दे

इस साल संयुक्त राष्ट्र महासभा में जलवायु परिवर्तन, वैश्विक सुरक्षा, आर्थिक असमानता, और महामारी जैसी प्रमुख चुनौतियों पर चर्चा होगी। महासभा का उद्देश्य वैश्विक समस्याओं का संयुक्त समाधान निकालना और दुनियाभर में शांति और विकास को बढ़ावा देना है। इसमें भारत की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि भारत जलवायु परिवर्तन, वैश्विक स्वास्थ्य, और सतत विकास जैसे मुद्दों पर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर का संबोधन

अब संयुक्त राष्ट्र महासभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। जयशंकर एक अनुभवी कूटनीतिज्ञ हैं और उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का पक्ष मजबूती से रखा है। उनका संबोधन वैश्विक मंच पर भारत की दृष्टि को प्रस्तुत करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि भारत की आवाज़ वैश्विक मुद्दों पर सुनी जाए। जयशंकर का संबोधन भारत की ओर से दुनिया को यह संदेश देगा कि भारत वैश्विक चुनौतियों के समाधान में एक सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित न करने का फैसला उनके व्यस्त कार्यक्रम के कारण लिया गया है। हालांकि, इस दौरे में उनके द्वारा अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हिस्सा लेने और भारतीय प्रवासियों से संवाद करने की उम्मीद है। इसके अलावा, विदेश मंत्री एस जयशंकर महासभा में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। संयुक्त राष्ट्र महासभा का यह सत्र वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगा, और भारत इसमें अपनी भूमिका निभाएगा।

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