दिल्ली में सर्दियों के मौसम में बढ़ते प्रदूषण के खतरों को देखते हुए, दिल्ली सरकार ने विंटर एक्शन प्लान लागू करने का निर्णय लिया है। मंगलवार को दिल्ली सचिवालय में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर इस योजना की समीक्षा की। इस बैठक में पर्यावरण विभाग, डीपीसीसी, एमसीडी, एनडीएमसी, डीडीए, जल बोर्ड, विकास विभाग, दिल्ली पुलिस, डीटीसी, पीडब्ल्यूडी जैसे प्रमुख विभागों के अधिकारी शामिल हुए। गोपाल राय ने विंटर एक्शन प्लान के अंतर्गत 21 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की, जिसमें प्रदूषण को कम करने के उपाय और एंटी ओपन बर्निंग अभियान जैसे कदम शामिल हैं।
एंटी ओपन बर्निंग अभियान की शुरुआत
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने घोषणा की कि 6 नवंबर से एक महीने के लिए दिल्ली में एंटी ओपन बर्निंग अभियान शुरू किया जाएगा। इस अभियान के अंतर्गत 588 पेट्रोलिंग टीमों को नियुक्त किया गया है, जो 24 घंटे खुले में आग जलाने की घटनाओं पर निगरानी रखेंगी और उन्हें रोकने का कार्य करेंगी। इसके अतिरिक्त, सभी सरकारी विभागों, आरडब्ल्यूए और निर्माण एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि वे रात में तैनात सुरक्षा गार्डों को बिजली के हीटर उपलब्ध कराएं ताकि ठंड के कारण बायोमास और अन्य ठोस कचरे को जलाने की घटनाओं को कम किया जा सके।
प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए अन्य प्रयास
पर्यावरण मंत्री ने जानकारी दी कि ठंड और हवा की कम गति के कारण पिछले कुछ दिनों में दिल्ली और इसके आस-पास के इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 से 400 के बीच रहा है। वैज्ञानिकों की राय के अनुसार, तापमान में तेजी से गिरावट के कारण आगामी 10 दिन दिल्ली के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। इसी कारण विंटर एक्शन प्लान के तहत संबंधित विभागों को प्रदूषण नियंत्रण के उपायों पर जोर देने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक में अब तक की गई प्रगति का भी मूल्यांकन किया गया।
एंटी डस्ट अभियान के तहत कार्रवाई
विंटर एक्शन प्लान के अंतर्गत दिल्ली सरकार ने एंटी डस्ट अभियान भी शुरू किया है। इस अभियान में 7927 निर्माण स्थलों का निरीक्षण किया गया, जिसमें 428 साइट्स पर दिशा-निर्देशों का उल्लंघन पाया गया। इन स्थानों पर कार्रवाई करते हुए नोटिस और चालान जारी किए गए और कुल 63 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया। इस टीम में 13 विभागों के अधिकारी शामिल हैं, जो दिल्ली के विभिन्न निर्माण स्थलों पर जाकर मानकों के पालन को सुनिश्चित कर रहे हैं।
सड़कों पर धूल कम करने के उपाय
दिल्ली सरकार ने सड़कों पर धूल को नियंत्रित करने के लिए 68 स्थिर एंटी-स्मॉग गनों को तैनात किया है। इसके अलावा, 200 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन को 70 विधानसभाओं और हॉटस्पॉट क्षेत्रों में लगाया गया है ताकि धूल के कारण प्रदूषण को कम किया जा सके। ऊंची इमारतों के ऊपर भी 146 एंटी-स्मॉग गन लगाई गई हैं। इन उपायों से दिल्ली के वातावरण में सुधार की उम्मीद की जा रही है।
पराली जलाने को रोकने के प्रयास
दिल्ली सरकार ने पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली के धान के खेतों में मुफ्त पूसा बायो-डीकंपोजर का छिड़काव किया है। इस बार 5000 एकड़ से अधिक खेतों में बायो-डीकंपोजर का छिड़काव किया जाएगा। अब तक 3258 एकड़ से अधिक खेतों में यह छिड़काव किया जा चुका है। इसके अलावा, पराली जलाने की घटनाओं की निगरानी के लिए 11 टीमों का गठन किया गया है और किसानों को जागरूक करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए गए हैं।
वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर रोक
दिल्ली सरकार ने वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कठोर कदम उठाए हैं। अक्टूबर से अब तक 76558 वाहनों का चालान किया गया और 3248 पुराने वाहनों को जब्त किया गया है। इसके अलावा, ऐसे वाहनों को भी सड़कों से हटाने का अभियान चलाया जा रहा है जो प्रदूषण के मानकों पर खरे नहीं उतरते।
निर्माण साइट्स पर प्रदूषण नियंत्रण के उपाय
पर्यावरण मंत्री ने बताया कि 500 वर्ग मीटर से अधिक के निर्माण स्थलों पर रात के समय सुरक्षा गार्डों को बिजली के हीटर दिए जाने का निर्देश दिया गया है ताकि कचरे और बायोमास को जलाने की घटनाओं को रोका जा सके। इसके अतिरिक्त, रात्रि सुरक्षा के लिए तैनात गार्डों को भी हीटर प्रदान किए जा रहे हैं ताकि वे ठंड में बिना आग जलाए काम कर सकें।
दिल्ली सरकार के इस विंटर एक्शन प्लान के तहत प्रदूषण पर नियंत्रण के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। गोपाल राय ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने अपने क्षेत्रों में इस योजना को सख्ती से लागू करें और प्रदूषण नियंत्रण के लिए हर संभव कदम उठाएं। आने वाले दिनों में भी इस पर सतत निगरानी रखी जाएगी ताकि दिल्ली की जनता को प्रदूषण मुक्त वातावरण मिल सके।