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उत्तराखंड में मानसूनी बारिश के बाद भी तबाही जारी, सड़कें बंद, फसलें बर्बाद

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उत्तराखंड में मानसूनी बारिश के बाद भी तबाही जारी, सड़कें बंद, फसलें बर्बाद

उत्तराखंड में मानसून की बारिश रुकने के बावजूद हिमालयी क्षेत्रों में भारी बारिश का सिलसिला जारी है। खासकर सरयू घाटी में शनिवार को मूसलधार बारिश हुई, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। भारी बारिश के कारण कई सड़कों पर भूस्खलन हो गया और रास्ते बंद हो गए। प्रशासन ने तुरंत राहत कार्य शुरू किए, जिससे कुछ देर बाद मलबा हटाकर रास्तों को साफ किया जा सका।

सरयू घाटी में भारी बारिश से सड़कें बंद

सरयू घाटी में शुक्रवार की देर शाम से शुरू हुई भारी बारिश ने शनिवार को भी कहर बरपाया। कई स्थानों पर भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर गिरने से सड़कें अवरुद्ध हो गईं। ब्लॉक और जिला मुख्यालय से घर लौट रहे ग्रामीणों के वाहन भी बीच रास्ते में फंस गए। हालात इतने खराब हो गए कि कई लोगों को अपने गंतव्य तक पैदल ही जाना पड़ा। प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर लोडर मशीन की मदद से मलबा हटवाया और लोगों को राहत पहुंचाई।

फसलें हुई बर्बाद, ग्रामीणों को हो रहा नुकसान

बारिश का असर केवल यातायात पर ही नहीं, बल्कि किसानों की फसलों पर भी पड़ा है। सरयू घाटी के कई गांवों में धान की फसल को नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि कटाई के समय बारिश के कारण फसलें बर्बाद हो रही हैं। खेतों में खड़ी फसलें पानी में डूब गई हैं, जिससे उनकी कटाई और मढ़ाई का काम रुक गया है। मवेशियों के लिए काटी गई घास भी भीग गई है, जिससे सूखी घास का संकट पैदा हो सकता है।

बिजली और पानी की समस्या

बारिश के कारण कई इलाकों में बिजली और पानी की आपूर्ति भी बाधित हो गई है। कई गांवों में बिजली के खंभे गिर गए और पानी की पाइपलाइनों को भी नुकसान पहुंचा। इसके कारण स्थानीय लोगों को बिजली और पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन ने कहा है कि जल्द ही बिजली-पानी की आपूर्ति को बहाल कर दिया जाएगा।

प्रशासन की तत्परता

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि बारिश के कारण प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य जारी है। कई सड़कों से मलबा हटा दिया गया है और यातायात को सुचारू किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जिले में कहीं से भी कोई बड़ी जनहानि की सूचना नहीं मिली है, लेकिन स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।

कत्यूर घाटी में कोहरा, ठंड ने बढ़ाई मुश्किलें

गरुड़ की कत्यूर घाटी में इन दिनों ठंड बढ़ने लगी है और सुबह के समय घना कोहरा छाने लगा है। स्थानीय लोग अब गर्म कपड़ों का इस्तेमाल करने लगे हैं। जलवायु परिवर्तन के चलते मौसम में बदलाव देखा जा रहा है और सुबह के समय घना कोहरा और ठंड का असर महसूस किया जा रहा है। इससे लोगों को मार्निंग वॉक और वाहन चलाने में परेशानी हो रही है।

जलवायु परिवर्तन का असर

उत्तराखंड में मौसम के इस बदलाव का सीधा असर कृषि और स्थानीय जीवन पर पड़ रहा है। खासकर ऊंचाई वाले इलाकों में लगातार हो रही बारिश और मैदानों में ठंड बढ़ने से लोग परेशान हैं। कत्यूर घाटी के निवासियों का कहना है कि सुबह के समय मौसम सर्दियों जैसा हो जाता है और घना कोहरा छा जाता है, जिससे दैनिक गतिविधियों में परेशानी हो रही है।

प्रशासन से उम्मीदें

स्थानीय लोग चाहते हैं कि सरकार और प्रशासन इस स्थिति का गंभीरता से समाधान निकाले। जलवायु परिवर्तन के चलते हो रही परेशानियों को ध्यान में रखते हुए ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि ग्रामीणों को किसी तरह की दिक्कत न हो और फसल और जीवन सामान्य रूप से चल सके।

उत्तराखंड में हो रही भारी बारिश और जलवायु परिवर्तन के चलते मौसम में आ रहे बदलाव से न केवल यातायात और जनजीवन प्रभावित हो रहा है, बल्कि किसानों की फसलें भी बर्बाद हो रही हैं। प्रशासन को इन समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान निकालकर लोगों को राहत देनी होगी, ताकि उन्हें किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े।

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