उत्तर प्रदेश के सचिवालय ने 1 जुलाई से 15 सितंबर तक की बॉयोमैट्रिक हाजिरी का डेटा निकालने के बाद बड़ा खुलासा किया है। इस डेटा के आधार पर पाया गया है कि 60% से अधिक कर्मचारी समय पर ऑफिस नहीं पहुंचते हैं। यह मुद्दा सचिवालय की कार्यप्रणाली और अनुशासन को लेकर गंभीर चिंता पैदा करता है।
छुट्टी के दिन भी खुला सचिवालय
चौंकाने वाली बात यह है कि सचिवालय ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए छुट्टी के दिन भी काम किया, ताकि देर से आने वाले कर्मचारियों को नोटिस जारी किया जा सके। सचिवालय का कार्य समय सुबह 9:30 बजे से शुरू होता है, लेकिन बड़ी संख्या में कर्मचारी 10 बजे के बाद ऑफिस पहुंचते हैं।
नोटिस जारी करने की तैयारी
अब इस डेटा के आधार पर, उन सभी कर्मचारियों को नोटिस भेजा जाएगा, जो नियमित रूप से समय पर नहीं आते हैं। यह कदम कर्मचारियों में समय की पाबंदी सुनिश्चित करने और कार्यक्षमता में सुधार लाने के लिए उठाया गया है। सचिवालय प्रशासन इस बात को लेकर गंभीर है कि अनुशासन और समय की पाबंदी सुनिश्चित की जाए, ताकि सरकारी कामकाज समय पर हो सके और लोगों को सही समय पर सेवाएं मिल सकें।
30% कर्मचारी नहीं कर रहे बॉयोमैट्रिक का इस्तेमाल
इस डेटा से एक और हैरान करने वाली जानकारी सामने आई है कि लगभग 30% कर्मचारी बॉयोमैट्रिक हाजिरी का उपयोग ही नहीं कर रहे हैं। इसका मतलब है कि ये कर्मचारी बिना बॉयोमैट्रिक हाजिरी के ही अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं। इन कर्मचारियों को भी नोटिस भेजा जाएगा और उनसे जवाब तलब किया जाएगा।
समय की पाबंदी और कार्यक्षमता सुधारने का प्रयास
सचिवालय ने यह निर्णय लिया है कि अब कर्मचारियों की समय की पाबंदी पर कड़ी नजर रखी जाएगी। यह कदम कार्यक्षमता में सुधार लाने और सरकारी कामकाज को सुचारु बनाने के लिए उठाया गया है।
बॉयोमैट्रिक हाजिरी की अहमियत
बॉयोमैट्रिक हाजिरी सिस्टम को सरकारी दफ्तरों में इसलिए लागू किया गया है ताकि कर्मचारी समय पर अपनी हाजिरी दर्ज कर सकें और उनकी उपस्थिति को सही तरीके से मॉनिटर किया जा सके। इससे कर्मचारियों की कार्यक्षमता पर भी नजर रखी जा सकती है। लेकिन जब 30% कर्मचारी इस सिस्टम का ही उपयोग नहीं कर रहे हैं, तो यह सचिवालय के अनुशासन पर सवाल उठाता है।
अधिकारियों की चिंता
सचिवालय के उच्च अधिकारियों ने इस मामले पर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि समय पर ऑफिस न आना और बॉयोमैट्रिक हाजिरी न देना एक गंभीर समस्या है। इससे न सिर्फ काम में देरी होती है, बल्कि सरकारी कामकाज की गुणवत्ता पर भी असर पड़ता है।
अनुशासनहीनता के खिलाफ सख्त कार्रवाई
सचिवालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि जो कर्मचारी समय पर नहीं आते हैं या बॉयोमैट्रिक हाजिरी का पालन नहीं करते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कदम सभी कर्मचारियों को समय की पाबंदी का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करेगा और इससे सरकारी कामकाज में भी सुधार होगा।
सचिवालय प्रशासन का दृष्टिकोण
सचिवालय प्रशासन का मानना है कि अगर सभी कर्मचारी समय पर ऑफिस आएंगे और बॉयोमैट्रिक हाजिरी का पालन करेंगे, तो इससे सरकारी कामकाज की रफ्तार बढ़ेगी और लोग समय पर अपनी समस्याओं का समाधान पा सकेंगे।
सुधार की प्रक्रिया
इस दिशा में सुधार की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सचिवालय ने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि वे अपने कर्मचारियों की हाजिरी पर नजर रखें और यह सुनिश्चित करें कि सभी कर्मचारी समय पर आएं। इसके अलावा, उन कर्मचारियों की सूची तैयार की जा रही है, जिन्होंने बॉयोमैट्रिक हाजिरी का पालन नहीं किया है, और उन्हें जल्द ही नोटिस जारी किया जाएगा।
सख्त नियमों का पालन
सचिवालय ने यह भी निर्णय लिया है कि अब से ऑफिस के समय की पाबंदी को और सख्त किया जाएगा। अगर कोई कर्मचारी बिना उचित कारण के बार-बार देर से आता है, तो उसे अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सभी कर्मचारी समय पर आएं और सरकारी कामकाज सुचारु रूप से चले।
कर्मचारियों की प्रतिक्रिया
हालांकि इस कदम से कुछ कर्मचारियों में असंतोष है, क्योंकि वे विभिन्न कारणों से देर से ऑफिस पहुंचते हैं। कुछ का कहना है कि ट्रैफिक या अन्य व्यक्तिगत समस्याओं के कारण वे समय पर नहीं आ पाते हैं। लेकिन सचिवालय प्रशासन का कहना है कि व्यक्तिगत समस्याओं के बावजूद, समय की पाबंदी का पालन करना सभी कर्मचारियों की जिम्मेदारी है।
सार्वजनिक सेवाओं पर असर
सचिवालय के इस निर्णय का असर सीधे तौर पर सरकारी सेवाओं पर भी पड़ेगा। जब सभी कर्मचारी समय पर आएंगे और अपना काम समय पर करेंगे, तो इसका लाभ जनता को मिलेगा। सरकारी सेवाओं की गति तेज होगी और लोगों को समय पर सेवाएं मिलेंगी।
नई योजनाओं पर ध्यान
इसके साथ ही, सचिवालय प्रशासन ने नई योजनाओं पर भी ध्यान देना शुरू किया है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सरकारी योजनाओं का लाभ सही समय पर लोगों तक पहुंचे और इसमें कोई देरी न हो। इसके लिए प्रशासन ने कर्मचारियों की कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए भी कदम उठाए हैं।उत्तर प्रदेश के सचिवालय का यह कदम कर्मचारियों में अनुशासन और समय की पाबंदी सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न सिर्फ सरकारी कामकाज में सुधार होगा, बल्कि लोगों को भी सरकारी सेवाओं का समय पर लाभ मिलेगा। बॉयोमैट्रिक हाजिरी के माध्यम से कर्मचारियों की उपस्थिति पर नजर रखने से यह सुनिश्चित होगा कि सभी कर्मचारी समय पर अपनी जिम्मेदारियों का पालन करें और सरकारी कामकाज को सही दिशा में आगे बढ़ाएं।